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मिशन चैप्टर 1 में नज़र आ चुकी Aanya Tiwari अब रुसलान मुमताज़, हेमंत चौधरी, बृजेंद्र काला और गुरप्रीत कौर चड्ढा के साथ सरकारी बच्चा में मुख्य भूमिका निभा रही. यह फ़िल्म 28 फ़रवरी, 2025 को रिलीज़ होने वाली है.
इस सिलसिले में Aanya Tiwari अपनी इस बहुचर्चित आगामी फ़िल्म के बारे में बात करते हुए काफ़ी उत्साहित दिखीं--
मुझे बताइए कि आप बॉलीवुड से बाहर (जिसे यहां की भाषा में आउटसाइडर कहा जाता है) होने के नाते आपको किस तरह के ऑडिशन से गुज़रना पड़ा.
इस फ़िल्म के लिए ऑडिशन काफ़ी समय तक चल रहा था क्योंकि उन्हें एक मासूम, देसी लड़की की तलाश थी - जो चुलबुली और ज़िन्दगी से भरपूर हो. जब मुझे यह भूमिका मिली, तो मुझे इससे गहरा जुड़ाव महसूस हुआ. मैंने कई ऑडिशन और लुक टेस्ट में अपना बेस्ट देने की कोशिश की और जब मुझे यह भूमिका मिली, तो ऐसा लगा जैसे सपना सच हो गया हो. सालों के संघर्ष के बाद जैसे एक मान्यता मिली मुझे.” वह आगे कहती हैं, "मेरा किरदार एक प्यारी, खुशमिजाज़ छोटे शहर की लड़की का है जो अपने परिवार, खासकर अपने पिता से बहुत प्यार करती है, लेकिन उनसे डरती भी है. वह एक लड़के से प्यार करती है और उससे शादी करना चाहती है, लेकिन उसके पिता के मर्जी कारण उनकी शादी हो भी सकती है और नहीं भी. यह फिल्म एक रोमांटिक कॉमेडी-ड्रामा स्टोरीलाइन के ज़रिए विभिन्न सामाजिक मुद्दों को भी दर्शाती है.
'सरकारी बच्चा' के ऑडिशन के दौरान आपसे मासूम, देसी टच के कौन से खास पहलू अपनाने को कहा गया और आपने उनके लिए कैसे तैयारी की?
मैं अपने किरदार को छोटे शहर से होने के कारण समझ सकती हूँ, लेकिन इसके लिए बहुत तैयारी की ज़रूरत थी. मैंने इस किरदार के लिए 8 किलो वज़न बढ़ाया और, अपने किरदार के अनुरूप बदलने पर काम किया. चुनौतियाँ हर किसी के लिए होती हैं, चाहे वह बाहरी हो या अंदरूनी. मैं इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं देना चाहती. अगर आपके पास प्रतिभा है, तो आपका काम खुद ही बोलेगा. मेरी यात्रा अभी शुरू हुई है और मैं मेहनत करने और अपने काम को परिभाषित करने के लिए तैयार हूँ. चूँकि मैं खुद एक छोटे शहर से हूँ और बचपन से ही ऐसे माहौल में पली-बढ़ी हूँ, इसलिए मैं उस किरदार से काफ़ी हद तक जुड़ पाई. इसके अलावा, मैंने वर्कशॉप में भाग लिया, वहाँ की लड़कियों को देखा. किसी भी अभिनेता को अपने किरदार के लिए बहुत तैयारी करनी होती है, इसलिए मैंने भी वही किया.
क्या आप बृजेंद्र काला के साथ किसी ऐसे खास सीन के बारे में बता सकती हैं, जिसमें उनकी कॉमेडी प्रतिभा ने माहौल को बदला हो, जिससे आपके लिए परफॉर्म करना आसान हो गया हो?
बृजेंद्र सर इतने सपोर्टिव एक्टर हैं कि आपको पता ही नहीं चलता कि उनके साथ सीन कब पूरा हो गया. उनके साथ काम करते हुए मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. और सामान्य बातचीत में भी वे लोगों को हंसा सकते हैं. अगर आप उनके साथ बैठेंगे, तो हर बात में आपको हंसी आएगी. बिजेंद्र सर ऐसे कॉमेडी एक्टर हैं, जो सामान्य बातचीत में भी आपको हंसा सकते हैं. मुझे लगता है कि यह भगवान का दिया हुआ गुण है कि वे स्वाभाविक रूप से किसी को भी हंसा सकते हैं. वे इतने वरिष्ठ और अनुभवी एक्टर हैं और उनके साथ काम करना वाकई बहुत मजेदार रहा. वे बेहद सपोर्टिव भी हैं, जिससे उनके साथ सीन करना बहुत आसान हो जाता है. उनका सभी के साथ बहुत अच्छा रिश्ता है और मुझे ऑन और ऑफ स्क्रीन दोनों जगह उनके साथ बैठना बहुत अच्छा लगा.”
'सरकारी बच्चा' में विभिन्न सामाजिक मुद्दों को दर्शाया गया है, तो आपको कौन सा मुद्दा सबसे ज़्यादा पसंद आया और आपके किरदार की यात्रा के ज़रिए इसे कैसे संबोधित किया गया है?
फ़िल्म में दिखाए गए सभी मुद्दे आज के हालात में मुझे महत्वपूर्ण लगते हैं. चाहे वो सरकारी नौकरी का दबाव हो, दहेज़ का या बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का. आज भी समाज में लड़कियों की इतनी कमी है, जिसकी एक वजह यह भी है कि लड़कों को शादी के लिए लड़कियाँ नहीं मिल पाती हैं. बेरोज़गारी इतनी ज़्यादा है कि यहाँ लोगों को नौकरी नहीं मिलती और सरकारी नौकरी मिलना और भी मुश्किल है. अगर कोई लड़का सरकारी नौकरी में है, तो उसे नीलाम कर दिया जाता है और बहुत ज़्यादा दहेज़ माँगा जाता है. इस फ़िल्म में इन सभी सामाजिक मुद्दों को बहुत अच्छे से दिखाया गया है. इसके अलावा आपको और भी बहुत सी अच्छी चीज़ें देखने को मिलेंगी, जो आपको फ़िल्म देखने के बाद ही समझ में आएंगी.
यह देखते हुए कि यह जूनियर महमूद की आखिरी फिल्म थी, उन्होंने आपको क्या विशेष सलाह या सीख दिया जिसे आप अपने करियर में आगे ले जाएंगे?
जूनियर महमूद सर के बारे में मैं एक बात खास तौर पर कहना चाहती हूँ कि यह उनकी आखिरी फिल्म थी और मैं उनके साथ काम करने और उनसे बहुत कुछ सीखने के मौके के लिए दिल से वाकई आभारी हूँ. वह एक महान अभिनेता थे, मैंने उनके जैसा कोई नहीं देखा. उनके व्यक्तित्व की आभा , उनकी सकारात्मकता, उनका विनम्र स्वभाव और हर परिस्थिति में मुस्कुराने की उनकी क्षमता ने मुझे सिखाया कि एक सच्चा कलाकार कैसा होना चाहिए. जिस तरह से उन्होंने अपने किरदारों को निभाया, ऐसा लगा जैसे वह वाकई उस पल को जी रहे थे. इतने महान अभिनेता की जितनी भी तारीफ की जाए कम है. मैं खुशकिस्मत हूँ कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला. मैंने उनसे सीखा कि एक अभिनेता कैसा होना चाहिए यानी बहुत विनम्र, और पॉज़िटिव. शूटिंग के बाद उनके साथ बैठना, उनकी फिल्मी अनुभवों को सुनना और उनसे सीखना वाकई खास था.
इस भूमिका के लिए 8 किलो वजन बढ़ाने के लिए आपने कौन से खास तरीके अपनाए और इस शारीरिक परिवर्तन ने आपके किरदार को किस तरह प्रभावित किया?
वजन बढ़ाने के पीछे मकसद किरदार के लिए ज़रूरी क्यूटनेस और थोड़ा चब्बी'चब्बी गदराई लुक पाना था. यह बहुत ज़्यादा वज़न बढ़ाने वाली बात नहीं थी. बस चेहरे पर एक ख़ास क्यूटनेस बनाए रखना था और यह हासिल हो गया. यह 8 किलो जैसा दिखता है, लेकिन मेरी हाइट अच्छी होने की वजह से शरीर ज़्यादा भारी नहीं लगता. हमें बिल्कुल वही मिला जो हम चाहते थे. मैं खाने की बहुत शौकीन हूँ, मैंने हर तरह के बेहतरीन खाने के प्रयोग किए और हर दिन स्वादिष्ट फाइव स्टार बुफ़े का मज़ा लिया. लेकिन मैं जो भी खाती हूँ, हमेशा सेहतमंद खाती हूँ.
फ़िल्म इंडस्ट्री में एक आउटसाइडर के रूप में आपके अनुभव ने इस भूमिका के प्रति आपके दृष्टिकोण को कैसे आकार दिया और आप इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे अन्य महत्वाकांक्षी अभिनेताओं को क्या सलाह देंगे?
एक बाहरी व्यक्ति के लिए, इस लेवल तक पहुँचना सच कहूं तो आसान नहीं है. इसमें बहुत मेहनत और लगन लगती है. कई बार तो ऐसा लगता है कि हार मान लेनी चाहिए. मैंने भी कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, कई बार टूटन का सामना किया है और अक्सर सोचती थी कि क्या ऐसा कभी हो पाएगा. लेकिन मेरे दिमाग में हमेशा एक बात साफ थी- मुझे यह करना ही करना है और यह जरूर है . मैं हर उभरते हुए एक्टर से यही कहना चाहती हूं, कि उम्मीद मत खोना. अगर कभी आप निराश महसूस करते हैं, तो फिर से शुरुआत करें. एक दिन आप अपनी मंजिल तक जरूर पहुंचेंगे. बस कोशिश करते रहें और सकारात्मक रहें.
फिल्म की कहानी में आपके किरदार के अपने परिवार के प्रति गहरे प्यार और अपने पिता के डर का ज़िक्र किया गया है. आपने अपने अभिनय में इन परस्पर विरोधी भावनाओं को कैसे संतुलित किया?
मैं ख़ुशकिस्मत हूँ कि मेरे सभी सह-कलाकार इतने प्रतिभाशाली और अनुभवी अभिनेता थे, जिससे मेरे लिए सबकुछ आसान हो गईं. जब सामने से आपको कोई अच्छा एक्शन मिलता है, तो प्रति उत्तर या कहें प्रतिक्रिया देना आसान हो जाता है. इसे एक्शन-रिएक्शन कहते हैं. इसके अलावा, हाँ, मैंने अपने किरदार पर एक महीने तक बहुत मेहनत की, हर सीन को तैयार किया और समझा. मैंने परी के किरदार को तब तक जीया जब तक कि फ़िल्म की शूटिंग पूरी नहीं हो गई. इस फ़िल्म पर काम करने का मेरा अनुभव अद्भुत रहा, और मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. अभिनेता के तौर पर हम सबसे ज़्यादा फ़िल्म सेट पर सीखते हैं. मुझे कुछ बेहद वरिष्ठ अभिनेताओं के साथ काम करने का मौक़ा मिला- ऐसे दिग्गज जिनकी फ़िल्में हम बचपन से बड़े होते हुए देखते आए हैं. उनके साथ स्क्रीन शेयर करना एक अविश्वसनीय अनुभव था. बाकी सभी कलाकार- एहसान सर, बिजेंद्र सर, रुसलान- भी अविश्वसनीय रूप से सहायक थे. सेट पर माहौल इतना सकारात्मक था कि हमें कभी एहसास ही नहीं हुआ कि शूटिंग इतनी जल्दी पूरी हो गई.
'सरकारी बच्चा' को रोमांटिक कॉमेडी-ड्रामा बताया गया है तो इसमें सामाजिक संदेशों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने के लिए हास्य और नाटकीय तत्वों को कैसे संतुलित किया आपने ?
'सरकारी बच्चे' की कहानी अपने आप में एक स्टार है. यह फिल्म इन सभी सामाजिक संदेशों को एक प्यारी सी प्रेम कहानी के माध्यम से खूबसूरती से बुनती और दिखाती है, कभी आपको हंसाती है, कभी भावनाएँ लाती है, और कभी प्यार. जब आप फिल्म देखेंगे तो आप इसे और भी बेहतर तरीके से समझ पाएँगे.
रुसलान मुमताज और हेमंत चौधरी जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम करके आपने क्या सीखा?
रुसलान एक बहुत अच्छे अभिनेता हैं और मुझसे बहुत सीनियर हैं. मैं अपनी किशोरावस्था के दौरान उनकी फ़िल्में देखा करती थी और MP3 मेरी पसंदीदा फ़िल्मों में से एक थी, साथ ही, रुसलान एक बहुत ही सहायक सह-कलाकार हैं, और पहले दिन से ही हमारे बीच एक बेहतरीन रिश्ता बन गया. हमारी दोस्ती पहले दिन से ही शुरू हो गई थी और यह रिश्ता स्क्रीन पर भी कमाल की केमिस्ट्री के तौर पर दिखेगा. हेमंत सर भी एक बेहतरीन कलाकार हैं और उनके साथ काम करना एक शानदार अनुभव था. हमारी पूरी टीम ने हमारा साथ दिया और हमें एक परिवार जैसा महसूस हुआ.
आगे देखते हुए, आप बॉलीवुड में अपने करियर को संवारने और आगे बढ़ाने के लिए 'सरकारी बच्चा' से मिले अनुभव और एक्सपोजर का लाभ कैसे उठाएँगे?
मुझे यकीन है कि 'सरकारी बच्चा' एक सुपर डुपर हिट होने जा रही है. यह दर्शकों को अन्तर तक जोड़ेगी. इसलिए अभी, मैं बस अपनी फिल्म की सुपर सफ़लता की कामना कर रही हूँ.
आमीन
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