2010 में सोनी टीवी के सीरियल 'मान रहे तेरा पिता' से अपने करियर की शुरुआत करने वाले कृप कपूर सूरी ने अपने टेलीविज़न करियर में फुलवा, सावित्री, उतरन, जीत गई तो पिया मोरे, राधाकृष्ण, तेरे इश्क में घायल, और बाघिन जैसे बेहतरीन शोज में अपना अभिनय दिखाया है. बता दें टीवी सीरियल के अलावा कृप ने 2011 में फिल्म 'यमला पगला दीवाना' में भी अपना अभिनय दिखाया है. वर्तमान में कृप स्टार भारत के हॉरर शो '10:29 की आखिरी दस्तक' में नज़र आ रहे हैं.
शो के बारे में और अपने किरदार के बारे में कुछ बताइए?
हमारे शो का नाम है “10:29 की आखिरी दस्तक”. शो 10 जून से स्टार भारत पर हर रात 10: 29 बजे से प्रसारित हो रहा है. इसमें मै जो किरदार निभा रहा हूँ उसके लुक हिसाब से ये जाहिर है कि वो एक ग्रे शेड किरदार है. मेरे किरदार का नाम प्रभाकर त्रिपाठी है लेकिन ये किरदार खुद को पाब्लो त्रिपाठी बुलाता है क्योंकि ये ड्रग लार्ड पाब्लो से बहुत प्रेरित है. ये किरदार उसको अपना भगवान मानता है और वो उसी की तरह व्यवहार करता है. शो में जितने भी गलत काम आपको देखने के लिए मिलेगा वो सब यही एक इन्सान है जो करवाता है. ये गाँव का सरपंच है और इसके डर से लोग इसको डैडी जी बुलाते हैं. इसको भी अच्छा लगता है जब लोग इसको डैडी जी और पाब्लो बुलाते हैं. ये किरदार काफी रहस्यमयी है, और मुझे लगता है इतनी जल्दी ऑडियंस को ये किरदार समझ नहीं आएगा. शो के शुरुआत से हीं इस किरदार की मिस्टीरी ऑडियंस को देखने को मिलेगी. इस किरदार को समझने में थोड़ा समय लगेगा लेकिन ये बात सबको समझ आ जायेगा कि यही वो किरदार है जिससे पूरा गाँव डरता है, और शो में जो कुछ भी हो रहा है उसकी वजह यही एक इन्सान है.
आप इतने समय से इंडस्ट्री में हैं, ऑडियंस ने आपके वर्सटाइल किरदारों को देखा है. इस किरदार को करने के पीछे क्या कारण है, इसके बारे में बताइए?
अगर मेरी जर्नी की बात करें तो भगवान की कृपा है और उनका आशीर्वाद है जो मुझे अलग अलग किरदार करने का मौका मिला. मेरे हिसाब से करैक्टर से एक्टर बनता है ना कि एक्टर से करैक्टर बनता है. जब एक एक्टर को कोई किरदार मिलता है तो वन-लाइन होता है तो मुझे लगता है हरेक एक्टर को उसके करैक्टर के लुक पर काम करना चाहिए. मेरा मानना है कि आधा काम आपका लुक करता है और उसके बाद आपका परफॉरमेंस आता है. मैंने जितने भी किरदार निभाए हैं, मैंने यही कोशिश की है कि मै उस किरदार के हिसाब से फिट लगूं.
इस शो को और इस किरदार को करने के पीछे के कारण के बारे में अगर बात करूँ तो इसके बहुत सारे कारण हैं. मुझे इस शो के लिए शो की प्रोड्यूसर चारू सिंह का फ़ोन आया था. मैंने जब जी टीवी के शो ‘जीत गयी तो पिया मोरे’ में काम किया था तब चारू जी टीवी की वाईस-प्रेसिडेंट थी. चारू एक बहुत अच्छी इन्सान है और अच्छे इन्सान के साथ काम करने का मौका नहीं छोड़ना चाहिए. दूसरा कारण है स्टार भारत के साथ मैंने पहले भी तीन शोज ‘सावित्री’, ‘कलश’, और ‘बाघिन’ में काम किया है. ये शो स्टार भारत के साथ मेरा चौथा शो है. तीसरा सबसे जरुरी कारण था कि मुझे काम चाहिए था. किसको पसंद है कि वो घर बैठ कर रोटियां तोड़े, काम तो करना हीं पड़ेगा. इस किरदार के कुछ ऐसे हुक-पॉइंट्स थे जिसे सुनकर मुझे लगा कि मुझे ये किरदार करना चाहिए. मुझे लगता है एक एक्टर का काम दुनिया को क्रिटिक को ये दिखाना है कि मेरे अन्दर पोटेंशियल है. भगवान की कृपा है कि मेरे अन्दर ये गुण है और इसलिए मै ये सभी किरदार निभा पाया जो मैंने आजतक निभाए हैं.
अपने फैंस से क्या कहना चाहेंगे?
यही कहूँगा कि जितने भी फैंस है और जुड़ेंगे अभी और क्योंकि फैंस से ऐसे हीं जुड़ते रहने चाहिए. अपना प्यार ऐसे हीं आगे भी देते रहिये क्योंकि मुझे सिर्फ प्यार चाहिए. अपनी दुआओं में याद रखिये क्योंकि अगर आप हैं तो मै हूँ अगर आप नहीं रहोगे तो शायद मै भी नहीं रहूँगा.
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