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'Bhool Bhulaiyaa 3' आखिर है क्या बला, जिसे देखे बिना रहा ना जाए?

अनीस बज़्मी कृत 'भूल भुलैया 3' फ़र्स्ट नवंबर 2024 को अपनी दिवाली रिलीज की तैयारी के साथ हॉरर और थ्रिलर पसंद दर्शकों के मन में हलचल पैदा कर रही है...

'Bhool Bhulaiyaa 3' आखिर है क्या बला, जिसे देखे बिना रहा ना जाए
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अनीस बज़्मी कृत 'भूल भुलैया 3' फ़र्स्ट नवंबर 2024 को अपनी दिवाली रिलीज की तैयारी के साथ हॉरर और थ्रिलर पसंद दर्शकों के मन में हलचल पैदा कर रही है. जैसा कि सब जानते हैं कि फिल्म में कार्तिक आर्यन विद्या बालन और माधुरी दीक्षित मुख्य भूमिका में हैं और इसमें हॉरर और कॉमेडी का ऐसा धमाकेदार मिश्रण बन पड़ा है जो अब तक कभी किसी फ़िल्म में देखा नहीं गया.

अनीस बज़्मी ने कोलकाता के बैकड्रॉप में रूह बाबा की आत्माओं से मुठभेड़ को केंद्रित करते हुए फिल्म की रोंगटे खड़े कर देने वाली अनूठी कहानी लिखी है. फ़िल्म का टीज़र 27 सितंबर 2024 को जारी किया गया था और शीर्षक ट्रैक जिसमें पिटबुल और दिलजीत दोसांझ का सहभागिता था, 16 अक्टूबर 2024 को जारी हुआ था. मौका चाहे कोई भी हो, अनीस बज़्मी से इंटरव्यू लेना हमेशा से एक खूबसूरत एहसास रहा है. और अनीस जी भी मायापुरी को बचपन से ही प्यार करते रहें हैं.

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आज की तारीख में अनीस बज़्मी भारत के चंद सर्वश्रेष्ठ निर्देशकों और लेखकों में से एक माने जाते हैं. इस बुलंदी पर पहुंचने के बावजूद वे जिस तरह सबके साथ विनम्र, भद्र और रेस्पेक्ट के साथ पेश आते हैं वो आज के जमाने में बहुत ही कम दिखाई देता है. यह उनके पारिवारिक संस्कार ही है जिसके चलते इतने गुणी, इतने धनी और इतने पावरफुल होने के बाद भी वे डाउन टू अर्थ है. आज जब ज्यादातर सेलिब्रिटी अपना वहाट्सऐप में ऑनलाइन लास्ट सीन को डिज़ऎबल करके रखते हैं वहीं इतने महान निर्देशक लेखक होने के बावजूद अनीस ने अपने को अनसीन नहीं रखा. मुझे गर्व है कि अनीस से मेरा पुराना और फ्रेंडली पहचान है और मैं उनका बार बार इंटरव्यू लेने में कामयाब रही, अब जब 'भूलभुलैया 3' रिलीज़ होने के मुहाने पर है, मैंने मायापुरी के लिए उनसे लंबी बातचीत का समय लिया, हालांकि वे इतने व्यस्त थे फ़िल्म के रिलीज़ के सिलसिले में लेकिन उन्होने अपना लंच रोककर मुझे इंटरव्यू के लिए समय दिया.

प्रस्तुत है अनीस से मेरे इंटरव्यू के मुख्य अंश :

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हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद, अनीस. 'भूल भुलैया 3', एक नवंबर को रिलीज होने वाली है, दर्शक इस किस्त से क्या उम्मीद कर सकते हैं?

अनीस बज़्मी:  धन्यवाद सुलेना, यह फिल्म हॉरर और कॉमेडी को जोड़ने वाली फ़िल्म है, जो कोलकाता में एक प्रेतवाधित हवेली में रूह बाबा की आगे की कहानी को जारी रखती है. हमारा लक्ष्य रोमांचकारी डर को हास्य के साथ संतुलित करना है.

यह फ़िल्म अपने रहस्यमय और चौंकाने वाली कहानी के साथ मिलकर फिल्मांकन प्रक्रिया को किस प्रकार अलग रूप देती रही, खासकर आपकी चोट के बाद?

अनीस बज़्मी: हां, यह अवश्य चुनौतीपूर्ण था. मेरे पैर में फ्रैक्चर हो गया लेकिन फ़िल्म की शूटिंग निर्बाध रूप से चलती रहे और मैं इसमें शामिल रहूँ, इसके लिए मैंने एक छोटी सी सर्जरी का ऑप्शन चुना. मैंने, चोटिल होने के बाद, व्हीलचेयर से पूरा निर्देशन किया, यह सुनिश्चित करते हुए कि फिल्म का दृष्टिकोण, जैसा मैंने कल्पना की है, वो बरकरार रहे.

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कलाकारों में कार्तिक आर्यन, तृप्ति डीमरी, विद्या बालन और माधुरी दीक्षित जैसे बॉलीवुड के सुपर और उल्लेखनीय स्टार्स नाम शामिल हैं. उनकी उपस्थिति ने फिल्म में कितना को क्या आकार दिया?

मेरे इस प्रश्न पर अनीस बज़्मी ने इस बात पर जोर दिया कि कास्टिंग प्रक्रिया सावधानीपूर्वक की गई थी, उन अभिनेताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया जो कॉमेडी और हॉरर के द्वंद्व को मूर्त रूप दे सकते थे. उदाहरण के लिए, रूह बाबा का किरदार निभाने वाले कार्तिक आर्यन ने खुद को अपने किरदार के चरित्र में डुबो दिया और प्रामाणिकता लाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के साथ मिलकर काम भी किया. अपनी भूमिका को लेकर उनकी इस गंभीरता ने उन्हें अपने चरित्र के हास्य और गंभीर पहलुओं को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने की तैयारी दी.

अनीस बज़्मी : "यह सुपर स्टार्स सच में, अविश्वसनीय परफॉर्मेंस और हाई एनर्जी लेवल लेकर आए हैं . रूह बाबा के रूप में कार्तिक एक इन्फेक्शियश ऊर्जा लेकर आए हैं. उनकी कॉमेडी टाइमिंग लाजवाब है, जो उन्हें इस भूमिका के लिए परफेक्ट बनाती है. रूह बाबा के रूप में कार्तिक का करिश्मा और मंजुलिका के रूप में विद्या बालन और माधुरी दीक्षित नेने का जबर्दस्त अभिनय और प्रेज़ेंस , कहानी को उत्तेजना और रोंगटे खड़े करने वाली मोड़ पर ले चलती है, जिससे इस फ्रेंचाइजी के नए दर्शकों और प्रशंसकों दोनों के लिए यह कहानी बेहद आकर्षक बन जाती है. ऐसे प्रतिभाशाली अभिनेताओं के साथ काम करना एक क्रिएटिव आनंद लेने जैसा था.  मंजुलिका के रूप में माधुरी की वापसी एक उत्तेजना और पुरानी यादों को लेकर आती है, जो नई पीढ़ी को ओरिजिनल फिल्म की विरासत से जोड़ती है. उनकी केमिस्ट्री एकदम स्पष्ट है जो फ़िल्म के सार  को नेक्स्ट लेवल तक लेकर जाती है. मेरा मानना है कि उनका प्रदर्शन न केवल मनोरंजन करेगा बल्कि फ्रेंचाइजी के लंबे समय से प्रशंसकों के बीच पुरानी यादें भी जगाएगा. माधुरी दीक्षित नेने जी का तो कहना ही क्या है, दुनिया उनकी प्रतिभा को पहचानती है. इस फिल्म में विद्या बालन और माधुरी दीक्षित का जो संयुक्त जबरदस्त नृत्य है वह देखकर लोग दांतो तले उंगली दबा लेंगे."

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पिटबुल और दिलजीत दोसांझ के साथ भूल भुलैया 3 के संगीत के बारे में जानकारी दीजिए?

अनीस बज़्मी: यह एक अनूठा मिश्रण है जो हमारे पारंपरिक विषयों में एक आधुनिक मोड़ पिरोता है. फ़िल्म का टाइटल ट्रैक इनके सहयोग का फल है जो बेहद आकर्षक है और मुझे यकीन है कि दर्शकों को बहुत पसंद आएगा.

'भूल भुलैया 3' को लेकर दर्शकों को क्या मिलने की उम्मीद है?

अनीस बज़्मी: मुझे आशा है कि वे लोटपोट कर देने वाली हंसी और रोमांच से भरे हुए एक मजेदार  अनुभव का आनंद लेंगे, जिससे य‍ह दिवाली उत्सव सबके लिए और भी ज्यादा आनंददायक हो जाएगा. मैं ऐसे अवसर ही चाहता हूँ. इस मौके पर दर्शक ऐसी फिल्म का इंतज़ार करते हैं जो हॉरर और कॉमेडी को शानदार ढंग से जोड़ती हो. हम इस नयी कहानी में, रूह बाबा की यात्रा को जारी रख रहे हैं, अबकी बार, रूह बाबा एक अधिक जटिल चरित्र में विकसित होते नज़र आते हैं, वह नई चुनौतियों का सामना करते हैं जो उनके साहस और बुद्धि की परीक्षा लेती हैं. लेकिन इस बार, फ़िल्म के सेकंड शेड्यूल की सेटिंग कोलकाता में एक प्रेतवाधित हवेली में की गई है. फिल्म की कहानी रोंगटे खड़े कर देने वाले क्षण पेश करते हुए हंसी की फुलझड़ियां पैदा करती है. दरअसल यह फ़िल्म डर और हँसी का एक नाजुक संतुलन है, लेकिन मेरा मानना है कि हमने कुछ ऐसा तैयार किया है जो फ्रेंचाइजी के प्रशंसकों और भूलभुलैया पहली बार देखने वाले नए दर्शकों, दोनों को समान रूप से पसंद आएगा. मेरा लक्ष्य एक ऐसा डीप अनुभव तैयार करना रहा है जहां दर्शक डर कर चीख सके, हंस हंस कर लोटपोट हो सकें, चिल्ला सकें और भरपूर मनोरंजन कर सकें.

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सुना है कि आपने इस फिल्म, 'भूल भुलैया 3' में दो क्लाइमैक्स सीन शूट किए हैं और वो भी आपने बड़े बहाने के साथ ऐसा किया ताकि फिल्म के कलाकारों तथा यहां तक की टीम के मेंबर्स को भी यह पता ना चले कि आखिर आप इस फिल्म में उन दो क्लाइमैक्स  सींस में से थिएटर में कौन सा क्लाइमैक्स दिखाएंगे?

अनीस बज़्मी :  जी हां, जी हाँ, फिल्म भूल भुलैया 3 में मैंने दो क्लाइमेक्स सीन शूट की हैं, और किसी को पता नहीं कि दर्शकों को कौन सा दिखाया जाएगा बस आप लोग थिएटर में जाकर ही इस राज का पता लगा सकते हैं.

(निर्देशक अनीस बज़्मी ने दर्शकों और अभिनेताओं के लिए रहस्य का माहौल बनाने के लिए दो क्लाइमेक्स शूट किए. उन्होंने स्क्रिप्ट के आखिरी 15 पन्ने अभिनेताओं को बिल्कुल नहीं दिए और दोनों क्लाइमेक्स की शूटिंग के दौरान सेट पर केवल दो चार ही क्रू मेंबर्स मौजूद थे. अब प्रश्न उठता है की यह कैसे हुआ? अनीस ने शुरुआत में अंतिम क्लाइमेक्स शूट किया, लेकिन फिर टीम को दोबारा बुलाकर कहा, "मज़ा नहीं आ रहा है, एक बार फिर से शूट करेंगे"  टीम ने सोचा कि यह आवश्यक है, लेकिन वास्तव में, यह केवल अंत को उनसे गुप्त रखने के लिए बहाना था.)

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आपको अपनी चोट के कारण फिल्मांकन के दौरान महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इसका आपके निर्देशन पर क्या प्रभाव पड़ा?

अनीस बज़्मी: वास्तव में, यह एक कठिन समय था. लास्ट शेड्यूल के फिल्मांकन शुरू होने से कुछ ही दिन पहले मेरे पैर की तीन हड्डियाँ टूट गईं और डॉक्टरों ने मुझे छह महीने तक आराम करने की सलाह दी. लेकिन मुझे हमारी रिलीज़ की तारीख और हमारी टीम के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता महसूस हुई, जिन्होने इस परियोजना पर अथक परिश्रम किया था और पसीना बहाया था . मैंने व्हीलचेयर से निर्देशन किया, जो शायद अब तक किसी ने नहीं किया था लेकिन यह अनुभव ज्ञानवर्धक भी था. इसने मुझे सहभागिता यानी कोलैबरेशन का महत्व सिखाया. मेरे टीम ने पूरी निष्ठा के साथ मेरे साथ आगे आगे कदम बढ़ाया,और यह सुनिश्चित किया कि हम निर्धारित समय पर फ़िल्म को पूरी कर के रिलीज़ कर सके. इस एक्सपीरियंस ने मेरे विश्वास को मजबूत किया कि फिल्म निर्माण एक एकजुट प्रयास है. हर किसी का समर्पण इस दृष्टिकोण को जीवंत बनाता है.

आपने ऑरिजिनल 'भूलभुलैया' फिल्म के मनोवैज्ञानिक थ्रिलर ज़ोनर पर लौटने के बजाय अपनी 'भूलभुलैया फ्रैंचाईस को हॉरर-कॉमेडी ज़ोनर में जारी रखना क्यों चुना. क्या आप अपने उस निर्णय के बारे में विस्तार से बता सकते हैं, यानी इस किस्त में, शैली का ध्यान मनोवैज्ञानिक थ्रिलर तत्वों से हटकर हॉरर-कॉमेडी की ओर स्थानांतरित करने के लिए किसने प्रेरित किया?

अनीस बज़्मी: यह एक दिलचस्प सवाल है. जी जी, बिल्कुल, ओरिजिनल भूल भुलैया ने अपने मनोवैज्ञानिक थ्रिलर  के साथ एक अपना विशुद्ध तारतम्य स्थापित किया है, जिसे प्रियदर्शन और अक्षय कुमार ने खूबसूरती से प्रस्तुत किया. लेकिन मैं अपनी फ्रैंचाइजी के लिए एक अलग ज़ोनर बनाते हुए उस विरासत का सम्मान करना चाहता था जो ऑरिजिनल था . जैसे ही हमने 'भूल भुलैया 3' की स्क्रिप्ट को विकसित किया तब यह स्पष्ट हो गया कि हमारी कहानी थ्रिलर के बजाय हॉरर-कॉमेडी की ओर अधिक झुकी हुई है. यह एक नाजुक संतुलन है, इससे पीछे हटना कहानी और दर्शकों दोनों की अपेक्षाओं के प्रति  नाइंसाफी होती . हमारा उद्देश्य ऑरिजिनल फिल्म को ना छेड़ते हुए कुछ नया क्रिएट करना था.

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आपको क्या लगता है कि दर्शक 'भूल भुलैया 3' से क्या और कितना उम्मीद कर रहे हैं?

अनीस बज़्मी: मुझे आशा है कि दर्शक बहुत थ्रिल्‍ड और पूरी तरह से मनोरंजित महसूस करते हुए थिएटर से बाहर निकलेंगे. यह फिल्म उत्सव के मौसम को भरपूर ढंग से एंजॉय करने के लिए खास डिज़ाइन की गई है. दिवाली के लिए बिल्कुल उपयुक्त. हम चाहते हैं कि दर्शक उल्लास, हंसी के माध्यम से रोंगटें खड़े करने वाले रहस्य और  रोमांच का अनुभव करें. यह फ़िल्म एक साथ, दोस्तों और परिवार के साथ हंसी खुशी और थ्रिल साझा करने और एक सिनेमेटिक अनुभव का आनंद लेते हुए इन यादगार पलों को संजोने का अनुभव जरूर देगी  जो उनके थिएटर की सीट छोड़ने के बाद भी लंबे समय तक उनके दिल दिमाग में बना रहेगा . यदि हम अपने दर्शकों के मन में यह आनंद जगा सकते हैं तो हम 'भूल भुलैया 3' के साथ अपने मिशन में सफल हो गए हैं समझिए .

बातों बातों में अनीस ने 'भूलभुलैया 3' को पहले से भी बड़ा और बेहतर' बताते हुए कहा, मेरा मानना है कि हमने कुछ ऐसा तैयार किया है जो फ्रेंचाइजी के पुराने वफादार प्रशंसकों और नए जुड़ने वाले दर्शकों, दोनों को समान रूप से पसंद आएगा. मेरा लक्ष्य एक ऐसा गहन अनुभव तैयार करना है जहां दर्शक हंस सकें, चिल्ला सकें और भरपूर मनोरंजन कर सकें.

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"भूल भुलैया 3' आखिर 'भूल भुलैया 2' से कैसे भिन्न है?  

अनीस बज़्मी : यह फिल्म और भी बड़े पैमाने पर और बेहतर है, जो असल फ्रेंचाइज़ी के सार को बनाए रखते हुए हॉरर-कॉमेडी शैली की सीमाओं को और रेखांकित करती है.

क्या आप 'भूल भुलैया 3' की स्क्रिप्ट को विकसित करने के पीछे की रचनात्मक प्रक्रिया के बारे में कुछ जानकारी साझा कर सकते हैं?

अनीस बज़्मी: बिल्कुल, हमने अपनी टीम के साथ मिलकर काम किया और कुछ नया बनाने के लिए कई बदलाव किए. हमने विचार-मंथन सत्रों से शुरुआत की, जहां अलग अलग एलिमेंट्स को  प्रस्तुत करते हुए रूह बाबा के चरित्र को कैसे विकसित किया जाए, मंजूलिका को किस तरह नए रूप से पेश किया जाए, इस बारे में विचार किए जो दर्शकों को शुरू से अंत तक थ्रिल्‍ड रखेंगे. हम  चाहते थे कि डर के साथ साथ  हल्के फुल्के क्षण भी खूब रहे. हमारे लिए एक ऐसी कहानी तैयार करना जरूरी था जहां कहानी का हर मोड़ जबरदस्ती ठूँसे हुए ना होकर ऑर्गेनिक लगे,  एक ऐसी कहानी जो हमारे दर्शकों को आश्चर्यचकित करेगी लेकिन साथ ही पैसा वसूल संतुष्टी भी देगी.

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आपको 'भूल भुलैया 3' का निर्देशन करने के लिए किस बात ने प्रेरित किया?  

अनीस बज़्मी : मैं हमेशा से कुछ ना कुछ नया प्रस्तुत करने के विचारों में रहता हूं. यह प्रेरणा मुझे अपनी यात्राओं से मिली, खासकर विदेश में गुफा वाले होटलों में रहने से. मैं कॉमप्लिकेटेड नक्काशी और मूर्तियों के साथ सेट डिजाइन में हमारी भारतीय संस्कृति को प्रतिबिंबित करना चाहता था.

आपने हॉरर के साथ-साथ फिल्म के हास्य तत्वों को कैसे बनाए रखा? 

अनीस बज़्मी : कॉमेडी और हॉरर को संतुलित करना ही महत्वपूर्ण था . हमने इस फ़िल्म में कई अप्रत्याशित मोड़ देते हुए ऐसे दृश्य तैयार किए जो कथा के तनावपूर्ण क्षणों से स्वाभाविक रूप से हास्य को उभरने देते हैं."

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विद्या बालन के साथ दोबारा काम करना कैसा रहा?

अनीस बज़्मी : विद्या बालन सर्वश्रेष्ठ भारतीय अभिनेत्री में से एक है और उनके साथ काम करना हमेशा से ही एक खूबसूरत अनुभव रहा है. मंजुलिका के रूप में विद्या का वापस आना शानदार था. वह अपनी हर भाव में वह गहराई और करिश्मा लाने में सक्षम रही  जिसने फिल्म को महत्वपूर्ण रूप दिया.

माधुरी दीक्षित ने फिल्म में क्या भूमिका निभाई है, और वह कहानी में कैसे फिट बैठती हैं?

अनीस बज़्मी : माधुरी की भूमिका महत्वपूर्ण है. उनका किरदार कहानी में एक दिलचस्प  मोड़ ले कर आता है, और डर तथा रहस्य को एक अलग लेवल पर ले जाती  है. माधुरी जी एक अलग भेष में नई मंजुलिका का किरदार निभा रही हैं.

जैसा कि विदित है कि इस फ़िल्म में माधुरी दीक्षित ने विद्या बालन के साथ गजब की जोड़ी बनाई है.

फ़िल्म में बताया गया है कि मंजुलिका (विद्या बालन) सदियों से कहर बरपा रही है. इस फ़िल्म में विद्या बालन का किरदार वापस लौटते ही चिल्लाता है, "मैं मंजुलिका हूं". कार्तिक आर्यन का किरदार रूह बाबा सबको समझाता है कि कैसे लोगों को डरने के बजाय भूतों से फायदा उठाना चाहिए. इसमें कार्तिक, संजय मिश्रा, राजपाल यादव और अश्विनी कालसेकर के कुछ हास्यप्रद क्षण हैं.

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मंजुलिका के लौटते ही स्थिति जल्द ही भयानक तथा गंभीर हो जाती है. हालांकि, वह हंगामा मचाने के लिए माधुरी दीक्षित के शव को चालाकी से बंधक बनाती नजर आती हैं. इसके बाद माधुरी का किरदार चिल्लाता है, "मैं मंजुलिका हूं." रोमांस और कॉमेडी के बीच, रूह बाबा मंजुलिका से निपटने की कोशिश करता हैं. लेकिन तभी उसे एक और चुनौती का सामना करना पड़ता है क्योंकि विद्या और माधुरी दोनों के किरदारों को मंजुलिका के रूप में देखा जाता है.

तृप्ति डिमरी का किरदार रोमांटिक एंगल में है जो रूह बाबा को बताती है कि वे दोनों जल्द ही शादी करेंगे. इस बात पर थोड़ी देर मुस्कुराने के बाद,  बाबा चिल्लाता हुआ चला जाता है क्योंकि तृप्ति एक ऐसा किरदार निभा रही है जो मर चुका है.

अनीस ने कहा: भूल भुलैया 3 एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो मेरे दिल के बहुत करीब है. हमने कुछ नया और मनोरंजक लाने के लिए हॉरर-कॉमेडी शैली की सीमाओं को थर्ड लेवल पर ले गए है. ऐसे प्रतिभाशाली कलाकारों और क्रू सदस्यों से लेकर तकनीशियनों तक, पूरी टीम के साथ काम करना बेहद आनंददायक रहा है, और मुझे विश्वास है कि दर्शक उस यात्रा का आनंद लेंगे जो हमने उनके लिए तैयार की है.

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आप अपनी इस बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित फिल्म 'भूलभुलैया 3' की रिलीज, एक और बहुचर्चित फ़िल्म 'सिंघम अगेन' के साथ होने पर कैसा महसूस करते हैं?  लोगों को लगता है कि कोई जंग छिड़ने वाला है?

अनीस बज़्मी : "ऐसी बातों पर विश्वास ना करें. मैं इसे एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के रूप में देखता हूं. दोनों फिल्में एक साथ रिलीज़ होकर दर्शकों को दिवाली का डबल आनंद दे सकती हैं, और मैं दर्शकों को दोनों का आनंद लेने के लिए उत्साहित कर रहा हूं. सच पूछो तो सबसे पहले मैं ही 'सिंघम अगेन' देखने जाऊंगा."

इस फ़िल्म पर दर्शकों की प्रतिक्रियाओं से आपकी क्या उम्मीदें हैं? 

अनीस बज़्मी : जब हमने स्क्रिप्ट पर काम करना शुरू किया था, तो जो धड़कनें उभर कर निकली, वो थ्रिलर से ज्यादा डरावनी थीं. इस समझ ने हमें ऐसे किरदार गढ़ने में मार्गदर्शन दिया जो मनोवैज्ञानिक थ्रिलर क्षेत्र में भटके बिना फिल्म की हॉरर-कॉमेडी शैली को रेखांकित करे. मुझे उम्मीद है कि दर्शक हमारे प्रयासों की सराहना करेंगे और डर और हंसी के मिश्रण का आनंद लेंगे जो उन्हे एक अलग अनुभव से भर देगा. हमने कहानी में अप्रत्याशित मोड़ और चौंकाने वाले घटनाओं को पेश किया है, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया कि बीच बीच में देखने वालों को कॉमेडी की राहत मिलती रहे.

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फिल्म की दृश्य शैली और छायांकन के बारे में आपका दृष्टिकोण क्या था?  

अनीस बज़्मी : "मेरा लक्ष्य दर्शकों को एक ऐसे दृश्यात्मक एंटरटेनिंग अनुभव देने का था जो हॉरर और कॉमेडी दोनों का पूरक हो, जिसमें दृश्य के हर परत  को अभूतपूर्व और बेहतर बनाने के लिए रचनात्मक रूप से प्रकाश का उपयोग किया जाए."

क्या आप 'भूलभुलैया 3' के फिल्मांकन प्रक्रिया से कोई यादगार पल शेयर कर सकते हैं? 

अनीस बज़्मी : ऐसे तो ढेर सारे क्षण यादगार रहे हैं, जैसे मेरे लेग फ्रैक्चर के बाद जब मैं व्हील चेयर से बँध गया था तब शूटिंग के दौरान मेरी टीम मुझे किस तरह से सीढ़ियों से ऊपर ले गई, उनका समर्पण दिल छू लेने वाला था."

एक फ्रेंचाइजी के रूप में आप 'भूल भुलैया 3', की विरासत के बारे में कैसा महसूस करते हैं?

अनीस बज़्मी : अब 'फ़्रैंचाइज़ी' लिगेसी सुप्रसिद्ध बन गई है. मेरा लक्ष्य प्रशंसकों को आनंद और मनोरंजन करने वाले नई कहानियों को पेश करते हुए इसकी विरासत का सम्मान करना है."

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आप अपनी फिल्मों में दर्शकों की अपेक्षाओं के साथ अपनी रचनात्मक स्वतंत्रता को कैसे संतुलित करते हैं? क्या आप कोई फ़िल्म बनाते हुए अपनी हुनर और स्पेशलिटी के हिसाब से चलते हैं या दर्शकों के टेस्ट के हिसाब से चलते हैं?

अनीस बज़्मी : मैं दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए सम्मोहक कहानियाँ बताने पर ध्यान केंद्रित करता हूँ, जिसमें मेरी क्रिएटिविटी और विशेषज्ञता भी जरूरी होता है. यह एक नाजुक संतुलन है लेकिन आवश्यक है."

'भूल भुलैया 3' के बाद आप कौन सा प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हैं? लोग तो अभी से "भूल भुलैया 4" का इंतज़ार करने लगे हैं.

अनीस बज़्मी (हँसकर) : जी जी, आप सही कह रही है, इसपर भी विचार चल रहा है, वैसे मेरे पास कई और प्रोजेक्ट्स है जिसपर  हम काम कर रहे हैं जैसे 'नो एंट्री 3' लेकिन मैं नए  प्रोजेक्ट में उतरने से पहले 'भूल भुलैया 3' पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं.

(पाठकों को बता दूँ कि निर्देशक अनीस बज़्मी ने भूल भुलैया 3 के लिए 'वेलकम टू द जंगल' को नहीं किया)

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कॉमेडी में आपकी रचनात्मक प्रक्रिया को क्या प्रेरित करता है?  

अनीस बज़्मी : मेरा मानना है कि दर्शकों की मानसिकता को समझना महत्वपूर्ण है. कॉमेडी दरअसल, दर्शकों के साथ संबंध बनाने की प्रक्रिया है, और मैं ऐसा हास्य बनाने का प्रयास करता हूं जो लोगों को पसंद आए. जब मैं लिखता हूं, तो मैं सोचता हूं कि किस चीज से उन्हें हंसी आती है और कैसे मेरी कहानियां, उनके दैनिक जीवन के संघर्षों से उन्हे कुछ समय तक के लिए मुक्ति का क्षण प्रदान कर सकती हैं. लोगों को हँसाना वास्तव में उनके लिए एक उपहार है, और मैं उस ज़िम्मेदारी को गंभीरता से लेता हूँ. मैं जब कोई कहानी लिखता हूं या कोई फिल्म डायरेक्टर करता हूं तो अपने को दर्शकों के नजरिए से टटोलता हूं कि अगर मैं यह फिल्म बना रहा हूँ, या लिख रहा हूँ तो बतौर दर्शक मुझे वह फिल्म अच्छी लगेगी या नहीं. "

आप अपने काम की आलोचना को कैसे संभालते हैं?  

अनीस बज़्मी : आलोचना इस इंडस्ट्री में जिंदा होने का एक प्रूफ है, और मैंने इसे अपनाना सीख लिया है. हर फीडबैक मेरी कला को निखारने में मदद करता है, भले ही यह शुरुआत में चुभता हो. सच तो यह है कि शुरुआत में, यह संवेदनशील मन को चुभ सकता है, लेकिन मैं इसे विकास के अवसर के रूप में देखता हूं. प्रत्येक टिप्पणी और प्रतिक्रिया से मुझे अपनी कला को निखारने और एक बेहतर फिल्म लेखक और निर्देशक बनने में मदद मिलती है. मेरी भविष्य के प्रोजेक्टस को बेहतर बनाने के लिए उस अंतर्दृष्टि को सुनना, प्रतिबिंबित करना और उसका उपयोग करना खासा महत्वपूर्ण है."

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आप सिनेमा जगत में क्या विरासत छोड़ने की उम्मीद करते हैं?  

अनीस बज़्मी : मैं दर्शकों की मानसिकता को समझने के महत्व पर जोर देता हूं, मेरा मानना है कि हास्य तुरंत गूंजना चाहिए, क्योंकि लोग अक्सर अपने दैनिक संघर्षों से कुछ समय के लिए दूर भागना चाहते हैं. लोगों को हंसाना एक उपहार है, मुझे उम्मीद है कि मुझे एक ऐसे फिल्म निर्देशक, लेखक, निर्माता के रूप में याद किया जाएगा जो दर्शकों के लिए खुशी और हंसी लेकर आया. मेरा लक्ष्य है कि दर्शकों को मेरी फिल्मों द्वारा जीवन की दुख तकलीफ और चुनौतियों से थोड़ी देर की मुक्ति  मिल जाए. जब लोग मेरी फ़िल्म देखने के बाद अपने चेहरे पर मुस्कान और संतुष्टि की भावना के साथ थिएटर से बाहर निकल सकें तब मुझे लगता है जैसे मैंने अपना काम अच्छी तरह से किया है."

चलते चलते, आप मायापुरी के पाठकों और अपने दर्शकों से क्या कहना चाहेंगे?

अनीस बज़्मी : मैं मायापुरी के  अपने प्रिय पाठकों से और अपने प्रिय दर्शकों से यह कहना चाहता हूं कि दिवाली पर मेरी फिल्म भूल भुलैया 3 अपने पूरे परिवार के साथ देखकर दिवाली उत्सव  को खूब एंजॉय कीजिए. हैप्पी दीपावली आप सबको. और हां, मेरे बचपन से अब तक के प्रिय बाल पत्रिका 'लोटपोट' के पाठकों को भी ढेर सारा प्यार और हैप्पी दिवाली.

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इस फ़िल्म में पोशाक और दृश्य डिजाइन ने भी बहुत अर्थ पूर्ण खेल खेला है.

ड्रेस डिजाइनरों ने रंग पट्टियों और कपड़े की बनावट के माध्यम से बारीक और डरावने एलिमेंट्स को शामिल करते हुए पारंपरिक भारतीय वस्त्रों से प्रेरणा ली और इस विज़न ने प्रत्येक चरित्र और फ़िल्म की अलौकिक कथा के भीतर उनकी भूमिकाएं मजबूत हो गईं.

फिल्म का निर्माण भूषण कुमार, कृष्ण कुमार और मुराद खेतानी ने किया है. दीवाली 2024 में रिलीज के लिए निर्धारित, यह फिल्म विद्या की फ्रेंचाइजी में वापसी का प्रतीक है. उन्होंने 2007 की ब्लॉकबस्टर में मंजुलिका की प्रतिष्ठित भूमिका निभाई.

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