/mayapuri/media/media_files/2025/02/27/ZFNssy4kmp218lVozafe.webp)
Yami Gautam Interview
Yami Gautam Interview: Yami Gautam बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा है. अपने फ़िल्मी करियर में उन्होंने एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्म की है. फिर चाहे वह विक्की डोनर (Vicky Donor) हो या फिर उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक (Uri: The Surgical Strike). इतना ही नहीं, माँ बनने के बाद वे हाल ही में वेलेंटाइन डे, 14 फरवरी को अपनी नयी ओटीटी रिलीज फिल्म ‘धूम धाम’ में प्रतीक गांधी के साथ भी नज़र आई. यामी की इस फिल्म को लोगों ने काफी पसंद किया.
अब बुधवार, 26 फरवरी को Yami Gautam ने एक प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया. जहाँ उन्होंने अपनी फिल्मों की सफलता के बारे में मीडिया से खुलकर बात की. साथ ही मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब भी दिए. इस दौरान उन्होंने साल 2024 में आई अपनी फिल्म आर्टिकल 370 (Article 370) और धूम धाम (Dhoom Dhaam) सहित कई फिल्मों का खास जिक्र किया, क्या कुछ कहा, Yami Gautam ने आइये जानते हैं.
आप मीडिया को क्या कहना चाहेंगी?
मैं सबसे पहले मीडिया को यहीं कहना चाहूंगी कि मीडिया की मुझसे हमेशा यह शिकायत रही है कि मैं कैमरे के सामने बहुत कम आती है. लेकिन अच्छा है कि हम फिल्मों के ज़रिये मिल रहे हैं. मुझे अपनी फिल्मों के ज़रिये मीडिया के सामने ज्यादा आने का मौका नहीं मिला. लेकिन दर्शकों का बहुत शुक्रिया कि उन्होंने मुझे भरोसा दिखाया और मुझे हमेशा कुछ नया करने का अवसर दिया. इसके अलावा मैं अपने निजी जीवन की बात करूं तो पिछले साल मैं माँ भी बनी हूँ, इस दौरान मैंने एक नया सफ़र तय किया है और अब मैं मीडिया के सामने आकर अपने इस सफ़र के लिए सभी को धन्यवाद करती हूँ.
वुमन्स डे आने वाला है और आपने भी अपनी कई फिल्मों में स्ट्रोंग फीमेल किरदार निभाये हैं, तो आप महिलाओं को क्या सन्देश देना चाहेंगी? इसके अलावा अपना अपना स्ट्रोंग फीमेल किरदार किस आधार पर सिलेक्ट करती है?
मैं महिलाओं को क्या सन्देश दे सकती हूँ, लेकन फिर भी मैं कहना चाहूंगी कि हम (महिलाएं) बहुत मजबूत और सक्षम हैं. हमारी ताकत हमारे भीतर समाई है – हम में प्यार, गुस्सा, माफी, धैर्य, सब कुछ है. हमें खुद पर विश्वास करना चाहिए और हर महिला चाहे वह कहीं भी हो, किसी भी शहर, प्रदेश में, वह सराहना और सम्मान की योग्य है. हमें महिला सशक्तिकरण का संदेश फैलाना चाहिए और यह जरूरी नहीं कि हमें लड़ाई करनी हो, बस खुद पर विश्वास करना है. वहीँ एक कलाकार के रूप में, जब मुझे मौका मिलता है, तो मैं महिला के चित्रण को आगे बढ़ाने का प्रयास करती हूं और अगर हमें यह मौका मिले, तो क्यों न इसे अपनाया जाए.
ऐसा नहीं कि आपकी साल भर में पांच- छह फिल्में आती है, आप साल में 1-2 ही फिल्में ही करती है, लेकिन जो फिल्में करती है, वह अवार्ड र्विनिग रोल होते हैं, तो आपको फिल्म की स्क्रिप्ट पसंद आती है इसलिए आप उन्हें करती है या फिर आप सिर्फ अवार्ड विनिग रोल ही करना चाहती हैं?
पिछले कुछ सालों में मुझे कई अच्छे अवसर मिले, जैसे "अ थर्सडे", "उरी", "बाला", "दसवी", "चोर", "आर्टिकल 370", "ओएमजी", और अब "धूम धाम". मेरी कोशिश कभी भी मात्रा बढ़ाने की नहीं रही, बल्कि हां, पहले मैं मीडिया में बात करते वक्त हिचकिचाती थी. जब मुझसे पूछा जाता था कि क्या मैं बहुत चूजी हूँ, तब मैं काम ढूंढती रहती थी, लेकिन अब मैं बेहतरीन स्क्रिप्ट्स और अच्छे काम की तलाश में हूँ. इसमें एक बहुत बड़ा फर्क है. यह समय की बात है, और मुझे उस समय की अहमियत समझ में आती है, वह समय बहुत महत्वपूर्ण था, जिससे मैंने सीखा कि क्या नहीं करना और क्या करना चाहिए. खुद को हमेशा प्रेरित करने और यह याद रखने की जरूरत है कि आप यहां तक कैसे पहुंचे, और अगर आप यहां तक पहुंचे हैं, तो आगे का सफर बहुत लंबा है, बहुत कुछ सीखने और बहुत कुछ करना बाकी है.
आप न केवल मनोरंजन कर रही हैं, बल्कि मजबूत, प्रभावशाली और गहरे किरदारों को निभा रही हैं. आप इसे कैसे बैलेंस करती हैं? क्योंकि आज के दौर में, किसी भी विषय को चुनने पर, अगर आप एक विपरीत किरदार चुनती हैं, तो लोग आलोचना करेंगे, तो आप किस तरह से यह रास्ते चुनती हैं और इन किरदारों को कैसे पूरी शिद्दत और विश्वास के साथ निभाती हैं?
जब मैं स्क्रिप्ट खत्म करती हूं, तो मैं एक पल के लिए अपनी आँखें बंद कर सोचती हूं और उस पहली आवाज़ को सुनने की कोशिश करती हूं जो मेरे मन में आती है. मैं आलोचनाओं से प्रभावित नहीं होती, क्योंकि मैं जानती हूं कि हर इंडस्ट्री में ऐसा होता है. चाहे लोग मुझे पसंद करें या नापसंद करें, मैं इसे दिल से नहीं लेती. मैं बस सच्चे तरीके से अपने काम को करती हूं और हमेशा खुद को एक कलाकार के रूप में सच्चा बनाए रखने की कोशिश करती हूं. स्क्रिप्ट पढ़ने का तरीका वही है, बस अब बाउंड स्क्रिप्ट चाहती हूं क्योंकि मुझे आईपैड पर समझ नहीं आता.
आजकल सोशल मीडिया का प्रभाव बहुत ज्यादा है, और नए अभिनेता या स्टार किड्स का प्रमोशन हाई लेवल पर होता है. लेकिन आपने अच्छे काम किए हैं, जैसे "आर्टिकल 370", धूमधाम और "ओएमजी", हालांकि इसका प्रमोशन उतना नहीं होता. प्रमोशन जरूरी है, तो आप ऐसा क्यों नहीं करती है?
मुझे लगता है कि हर किसी की अपनी एक पर्सनालिटी होती है और खुद को सही तरीके से पेश करना बहुत जरूरी है. जैसा मैं हमेशा कहती हूं, कई महान अभिनेता हैं, जिनके इंटरव्यू मैंने पढ़े हैं, और अब समझती हूं कि अपने आप पर सच्चा रहना क्या होता है. अगर आप किसी और के जैसे बनकर सफलता हासिल करते हैं और अगर कोई निर्माता या निर्देशक मुझे सोशल मीडिया के आधार पर कास्ट करता है, तो शायद मैं उस भूमिका के लिए सही नहीं हूं. मैं ऐसी छवि बनाना चाहती हूं, या ऐसा नाम बनाना चाहती हूं, जहाँ मुझे काम की वजह से जाना जाये. मैं यहां तक यामी के रूप में पहुंची है, और मैं आगे भी यामी के रूप में ही बढ़ना चाहती हूं.
आपकी फिल्म ने हमेशा ही अच्छा बिजनेस किया है, तो क्या आपके लिए ये नम्बर्स मेटर करते हैं?
हाँ अगर आपको फिल्म अच्छा कलेक्शन करती है तो इसका मतलब यही है कि दर्शकों ने आपकी फिल्म को देखा है. वहीँ अगर मैं ‘आर्टिकल 370’ की बात करूं तो वह कोई ऐसी फिल्म नहीं है जिसे लोग आसानी से देखते हैं. इसमें कोई गाना नहीं है. न ही इसमें कोई सेक्सुअल है. लेकिन फिर भी ऐसी अगर चलती है तो यह बड़ी बात है. एक फिल्म के पीछे सिर्फ कलाकार नहीं होता म्यूजिक डायरेक्टर, निर्देशक, एडिटर, बैक ग्राउंड सभी मैटर करता है और अब मैं अपनी फिल्म का हीरो जानने से पहले यह सब जानती हूँ.
पिछले 5 सालों में हमने यामी की जो सफलता देखी है, वह न सिर्फ बॉलीवुड के लिए है, बल्कि पर्सनली भी आपने एक बड़ी यात्रा तय की है, आप इस बारे में क्या कहना चाहेंगी?
पर्सनली कहूँ तो मां बनना सबसे खूबसूरत भावना है, जिसे शब्दों में नहीं बता सकती. वह एहसास सिर्फ दिल में होता है, मेरी आँखों में दिखता है. हर बार जब मैं घर से काम पर जाती हूं, तो यह और भी मुश्किल होता जा रहा है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि जब वह बड़े होकर अपने माता-पिता को काम करते हुए देखेगा, तो मुझ पर गर्व महसूस करेगा.
यामी का फ़िल्मी करियर
यामी के फ़िल्मी करियर के बारे में बात करे तो उन्होंने अपने करियर में OMG 2, आर्टिकल 370 (Article 370), काबिल (Kaabil), बाला (Bala), दसवीं (Dasvi), अ A Thursday (ए थर्सडे) और चोर निकलकर भागा (Chor Nikal Ke Bhaga) जैसी बेहतरीन फ़िल्में की है, इन सभी फिल्मों में उनके अभिनय को काफी पसंद भी किया गया है.
By PRIYANKA YADAV
Read More
नेटिजेंस ने Ranbir Kapoor को दिया 'रेड फ्लैग वूमनाइजर का टैग, पत्नी Alia Bhatt ने ऐसे किया रिएक्ट
Chhaava: दिल्ली में 'छावा' की स्क्रीनिंग के दौरान लगी भीषण आग, बाल- बाल बचे फैंस