देर शाम सर्द आसमान में जगमगाते सितारे टिमटिमा रहे थे, वहीं संगीत के क्षेत्र के कई सितारे धरती पर लाइव प्रस्तुति दे रहे थे - अपनी भावुक लेकिन भक्तिपूर्ण गायन प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे थे. जबकि शोबिज अभिनेता-सितारे और अतिथि गायक दर्शकों के बीच बैठे हुए थे, वे प्रत्येक गायन प्रस्तुति के बाद दिल खोलकर तालियाँ बजाते हुए देखे गए.
यह बात कल रात बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के जियो वर्ल्ड गार्डन में आयोजित बहुप्रतीक्षित ‘हाजरी’ लाइव मंत्रमुग्ध कर देने वाली कॉन्सर्ट-महफिल में कही गई. जियो WC के प्रतिष्ठित स्थल पर खुले आसमान के नीचे स्थित यह विशाल स्थल, भावपूर्ण सूफियाना संगीत की गूंज से गूंज उठा---- जबकि हाजरी के तीसरे संस्करण का दर्शकों ने मंत्रमुग्ध होकर आनंद लिया.
पद्म विभूषण से सम्मानित गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान की चिरस्थायी विरासत को समर्पित इस भावुक कार्यक्रम में प्रतिष्ठित, ऑस्कर विजेता उस्ताद-संगीतकार-गायक-प्रतिभाशाली संगीतकार ए.आर. रहमान ने शानदार प्रस्तुति दी. उन्होंने अपने गुरु को सूफी गीतों के चयन के साथ दिल से श्रद्धांजलि दी, जिसमें ‘ख्वाजा मेरे ख्वाजा’ (‘जोधा अकबर’ फिल्म से), ‘कुन फया कुन’, ‘मौला’ और ‘इज्जू मंतशा’ शामिल हैं. गायक उस्ताद रहमान ने मंच पर सर्वोच्च दिव्य शक्तियों के प्रति भक्ति में अपनी आँखें बंद करके, अपने सूफी गीतों को गाते हुए, शानदार ढंग से हारमोनियम बजाया. मंच पर उनका साथ देने के लिए उनकी कोरस टीम और ड्रमर-पर्क्युशनिस्ट आनंद शिवमणि सहित प्रसिद्ध संगीतकारों की उनकी कॉन्सर्ट टीम मौजूद थी.
भक्ति संगीत के जादू को बढ़ाते हुए, अनुभवी गायक हरिहरन की मधुर आवाज ने पूरे कार्यक्रम स्थल को गूंजायमान कर दिया, जबकि उस्ताद जी के बेटों मुर्तुजा मुस्तफा खान, कादिर मुस्तफा खान, रब्बानी मुस्तफा खान और हसन मुस्तफा खान ने उनके पोते फैज मुस्तफा खान और जैन मुस्तफा खान के साथ मिलकर 'आओ बलमा', 'पिया हाजी अली', 'नूर-उन-आला' जैसे अन्य गीतों की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और उस्ताद की विरासत को जीवित रखा.
‘हाज़री’ कार्यक्रम (“दिल में समा जा” थीम) में बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री-शास्त्रीय नृत्यांगना और स्टार एम.पी. हेमा मालिनी को तीसरे पद्म विभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार आईटी और सांस्कृतिक मामलों के माननीय कैबिनेट मंत्री आशीष शेलार द्वारा ए.आर. रहमान, हरिहरन, उस्ताद जी के बेटों मुर्तुजा मुस्तफा खान, कादिर मुस्तफा खान, रब्बानी मुस्तफा खान, हसन मुस्तफा खान और बहू नम्रता गुप्ता खान की उपस्थिति में प्रदान किया गया. इस पुरस्कार ने भारतीय कला और संस्कृति में हेमा जी के अद्वितीय योगदान को मान्यता दी.
'हाजरी' कार्यक्रम में अंजलि तेंदुलकर, सारा तेंदुलकर, निर्देशक हंसल मेहता, अभिनेता शरद केलकर, कीर्ति केलकर, अहाना कुमरा, ताहा शाह और दानिश पंडोर के साथ-साथ सेलिब्रिटी-गायिका आकृति कक्कड़ और बेनी दयाल भी शामिल हुए. अन्य मशहूर हस्तियों की आकाशगंगा.
भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक महान प्रतीक और रामपुर सहसवान घराने के पथप्रदर्शक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान भारत के कई महान गायकों के लिए मार्गदर्शक प्रकाश थे, जिनमें आशा भोसले, ए.आर.रहमान, सोनू निगम, हरिहरन, शान और शिल्पा राव आदि शामिल हैं.
निस्संदेह, एनआर टैलेंट एंड इवेंट मैनेजमेंट द्वारा आयोजित हाजरी 2025 आध्यात्मिक सूफियाना धुनों की एक यादगार महफिल साबित हुई, जिनमें से कुछ में ड्रम-विजार्ड शिवमणि द्वारा पश्चिमी लय के फ्यूजन तत्व भी थे!
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