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अक्षय कुमार की बहुचर्चित तथा बहुप्रतीक्षित फिल्म 'केसरी चैप्टर 2' द अंटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग 'के एतिहासिक कोर्ट रूम ड्रामा को पर्दे पर जीवंत होते देखने की प्रतीक्षा, सिर्फ अक्षय कुमार, अनन्या पांडे या आर माधवन के फैंस को ही नहीं है बल्कि हर उस इंसान की है जो ठीक एक सौ छह वर्ष पहले 1919 को घटे उस हृदयविदारक जलियांवाला गोलीकांड घटना के छुपी हुई रहस्यों के असली तथ्यों को जानना चाहते हैं जो सबकी आँखें खोल देगी। अक्षय कुमार इस फ़िल्म में जस्टिस चेट्टोर संकरन नायर की विवादास्पद किरदार निभा रहे हैं।
धर्मा प्रोडक्शन द्वारा निर्मित इस फिल्म में एक बार फिर अक्षय कुमार की अभिनय कुशलता उन्हें सदाबहार हरफन मौला अभिनेता के रूप में रेखांकित कर देगी, यह हमारे हर देश प्रेमी की उम्मीद और दुआ है। अक्षय को हरफन मौला इसलिए कहा जाता है क्योंकि सिनेमा जगत में ऐसी कोई भूमिका नहीं है जो अक्षय ने अब तक ना की हो। एक्शन भूमिका हो, या रोमांटिक, कॉमेडी रोल हो या नेगेटिव, डांसिंग हीरो हो या देश प्रेमी का किरदार, अक्षय हर रोल में फिट और माहिर हैं। पर्दे पर तो उन्होने हर किरदार निभाया लेकिन निजी जिंदगी में जब अक्षय ने एक सधे हुए पत्रकार के रूप में हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लिया तो लोग मान गए कि अक्षय में एक कुदरती गुण है।
एक वक्त वो था जब अक्षय कुमार को लोग कहते थे, "तुम फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए फिट नहीं हो। आज वही अक्षय कुमार हर रोल में फिट है बॉस। लेकिन यह अक्षय के सिर्फ एक सुपरस्टार बनने की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक जिद्दी शख्स के कभी हार न मानने की कहानी है। अक्षय, बॉलीवुड में बिना किसी पारिवारिक संबंध, बिना किसी गॉडफ़ादर के, सिर्फ़ एक सपने और कड़ी मेहनत के बल पर आए थे। उनके लिए भी वो मशहूर विवादास्पद शब्द का बार-बार इस्तेमाल किया गया था, 'आउट साइडर' क्योंकि वे वाकई आउट साइडर थे।
शुरुआती दिनों में उन्हें हर उस व्यक्ति द्वारा अलग-थलग महसूस कराया गया जो बॉलीवुड में स्थापित थे। कई निर्माता उन पर हंसते थे, कुछ ने तो उन्हें कोई और काम करने के लिए भी कहा। वे पसीना बहाते रहे काम की तलाश में, अपमान सहते रहे और रिजेक्शन झेलते रहे। लेकिन अक्षय ने हार नहीं मानी। उन्होंने काम करते हुए एक्टिंग सीखी। जो भी रोल मिला, उसे किया (जूनियर एक्टर का भी) और धीरे-धीरे इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई। अक्षय को सबसे अलग बनाने वाली चीज़ है उनका अनुशासन और काम करने का तरीका। वे बहुत ही प्रोफेशनल हैं। हमेशा समय पर काम करने और सही टाइम लिमिट में फ़िल्में खत्म करने के लिए वे जाने जाते हैं। जब उनकी फ़िल्में अच्छी चली तब भी वे कड़ी मेहनत करते रहे और नहीं चली तो और ज्यादा मेहनत की। ऐसे कर्मठ कलाकार से सक्सेस भला कब तक दूर रह सकती थी?
आज वे चोटी के सुपर स्टार हैं, खिलाड़ियों के खिलाड़ी हैं, हरफन मौला एक्टर हैं। निर्माता उन पर भरोसा करते हैं क्योंकि वे हर किसी के समय का सम्मान करते हैं और हर रोल में अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं। यही वजह है कि मुश्किल समय में भी उन्हें हमेशा काम मिलता रहा, उनकी फिल्में सुपर डूपर हिट होती रही और वे आगे बढ़ते रहे। अक्षय का सफ़र उन लोगों को प्रेरित करता है जो सिर्फ़ बॉलीवुड में ही नहीं बल्कि किसी भी क्षेत्र में बाहरीलोग होने का दर्द झेलते रहते हैं। अक्षय ने दिखा दिया कि ईमानदारी, अनुशासन (वे सुबह साढ़े चार बजे उठते हैं और रात साढ़े नौ बजे तक सो जाते हैं) और कड़ी मेहनत से आप लाखों लोगों का दिल जीत सकते हैं।
आज, उन्हें पूरे देश में सिनेमा के प्रशंसक सिर्फ़ उनके एक्शन या कॉमेडी के लिए नहीं, बल्कि उनके संघर्ष और सफलता की असल ज़िंदगी की कहानी के लिए पसंद करते हैं।फ़िलहाल प्रशंसक उनकी फ़िल्म केसरी चैप्टर 2 को सिनेमाघरों में देखकर बहुत ही उत्साहित हैं। पहली केसरी सारागढ़ी की लड़ाई पर आधारित थी और इसमें अक्षय एक सैनिक की दमदार भूमिका में नज़र आए थे।
यह फ़िल्म सभी को याद दिलाएगी कि अक्षय पैंतीस/ छत्तीस वर्षों से आज भी भारतीय सिनेमा के दिलों की धड़कन क्यों हैं। अक्षय कुमार ने अपने लंबे करियर में कई हिट फ़िल्में दी हैं। उनकी कुछ सबसे पसंदीदा और सफल फ़िल्मों में खिलाड़ी सीरीजशामिल है, जिसने उन्हें एक एक्शन हीरो के रूप में मशहूर किया और हेरा फेरी सीरीज एक कॉमेडी क्लासिक। उन्होंने धड़कन, नमस्ते लंदन और अंदाज़ से भी लोगों का दिल जीता।
2000 के दशक में उन्होंने वेलकम, भूल भुलैया, हे बेबी और सिंह इज किंग जैसी लगातार हिट फिल्में दीं। राउडी राठौर, हॉलिडे, बेबी, गब्बर इज बैक, स्पेशल 26, गोल्ड, पैडमैन, ओ एम जी, और हाउसफुल सीरीज जैसी उनकी फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट रहीं। अक्षय कुमार की कहानी सिनेमा जगत में प्रवेश इच्छुक हर कलाकार को सिखाती है कि स्टार बनने के लिए आपको किसी मशहूर उपनाम की जरूरत नहीं है। आपको बस खुद पर विश्वास करने, कड़ी मेहनत करने और कोशिश करना कभी बंद न करने की जरूरत है, चाहे आपको कितनी भी बार “NO ” कहा जाए।
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