Advertisment

'चाची 420' ने यह साबित कर दिया कि कॉमेडी भी दिल को छू सकती है।

साल 1997 में रिलीज़ हुई बॉलीवुड फिल्म ‘चाची 420’ केवल एक कॉमेडी फिल्म नहीं थी, बल्कि यह रिश्तों, जुदाई और एक पिता के दर्द की बेहद भावनात्मक कहानी पेश करती है।

New Update
'चाची 420'
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

साल 1997 में आई बॉलीवुड फिल्म ‘चाची 420’ कोई आउट एंड आउट कॉमेडी फिल्म नहीं थी, बल्कि रिश्तों, जुदाई, मजबूरी और एक पिता के दर्द की बेहद दिल छूने वाली कहानी थी। यह वो फिल्म है जिसे बच्चे कॉमेडी के लिए देखते हैं, बड़े लोग भावनाओं के लिए और सिनेमा को समझने वाले इसके हुनर और मेहनत के लिए याद रखते हैं। कमाल हासन की इस फिल्म ने यह साबित कर दिया कि कॉमेडी भी दिल को छू सकती है।

Advertisment

images (1) (12)

images (1) (15)

फिल्म की कहानी जयप्रकाश पासवान की है, जिसे सब प्यार से जय कहते हैं। जय एक टैलेंटेड थिएटर आर्टिस्ट है, लेकिन उसकी जिंदगी में एक बड़ी दिक्कत है, वो अपनी बीवी जानकी के रईस परिवार को पसंद नहीं है। कुछ समय बाद जानकी भी जय के मध्यम वर्गीय जीवन को झेल नहीं पाती और अपनी बच्ची को लेकर अपने पिता के घर चली जाती है। वो डाइवोर्स  चाहती है।  जय के लिए सबसे बड़ा दुख ये है कि वो अपनी बेटी से रोज़ मिल भी नहीं सकता।

यहीं से कहानी एक अलग मोड़ लेती है। जय अपनी बेटी के पास रहने के लिए एक बुजुर्ग महिला का रूप धर लेता है और बन जाता है ‘लक्ष्मी गोडबोले’, यानी सबकी प्यारी ‘चाची 420’। चाची बनकर वो उसी घर में आया के तौर पर रहने लगता है, जहां उसकी बेटी रहती है। इसके बाद जो कुछ होता है, वो हंसी भी है, इमोशन भी है और कई जगह दिल भर आने वाला है। बहुत सारी घटनाओं के बाद आखिर जानकी को समझ में आ जाता है कि जय उसे कितना प्यार करता है और वो सिर्फ पति के पास ही सुरक्षित है।

Chachi 420 (1997) - Movie | Reviews, Cast & Release Date in Goa- BookMyShow

कमाल हासन ने इस फिल्म में कमाल का काम किया। जय और चाची, दोनों किरदारों में उन्होंने इतनी सहज एक्टिंग की कि दर्शक भूल ही जाते हैं कि ये एक ही इंसान है। खासकर चाची के हाव-भाव, चाल, आवाज और छोटे-छोटे एक्सप्रेशन आज भी याद किए जाते हैं।

फिल्म में तब्बू ने जानकी का किरदार बख़ूबी  से निभाया। यह उनके करियर का शुरुआती दौर था।
कमल हसन और तब्बू के अलावा फिल्म में हैं
अमरीश पुरी, फातिमा सना शेख
ओम पुरी जॉनी वॉकर
परेश रावल,नासर, आयशा जुल्का,राजेंद्रनाथ जुत्शी, लक्ष्मी रतन
अतुल अग्निहोत्री

Chachi 420 (1997) - IMDb

‘चाची 420’ का म्यूजिक विशाल भारद्वाज ने दिया और गीत गुलजार ने लिखे। फिल्म  के साउंडट्रैक में छह मुख्य गाने हैं, जिसमें "जागो गोरी" के दो वर्जन शामिल हैं, साथ ही "चुपड़ी चाची," "भागा भागा सा," और "एक वो दिन" जैसे जाने-माने ट्रैक भी हैं, जिन्हें हरिहरन, आशा भोसले, आदित्य नारायण, कमल हासन, श्रुति हासन जैसे कलाकारों ने गाया है,

इस फिल्म को बनाना बिल्कुल आसान नहीं था। कमाल हासन इस फिल्म के सिर्फ हीरो नहीं, बल्कि डायरेक्टर भी थे। फिल्म हॉलीवुड की मशहूर फिल्म ‘Mrs. Doubtfire’ से प्रेरित थी, लेकिन कमाल हासन ने इसे पूरी तरह देसी रंग में ढाल दिया। उन्होंने यह ध्यान रखा कि कहानी भारतीय परिवारों से जुड़ी लगे, ना कि विदेशी नकल लगे।

चाची के मेकअप पर रोजाना कई घंटे लगते थे। कमाल हासन को भारी साड़ी, विग,और प्रोस्थेटिक मेकअप पहनना पड़ता था। शूटिंग के दौरान गर्मी और थकान के बावजूद वे कभी थकते नहीं थे।  कई बार छोटे बच्चे सेट पर सच में उन्हें चाची ही समझ लेते थे और ‘अंकल’ कहने की बजाय ‘चाची’ कहकर बुलाते थे।

25 years of Chachi 420: Kamal Haasan film is a lesson on how not to mock a  man playing a woman, and still be funny | Bollywood News - The Indian  Express

एक दिलचस्प बात ये भी है कि फिल्म की बच्ची, यानी भारती, को शुरू में यह नहीं  समझ में आया था कि चाची और जय एक ही इंसान हैं।

फिल्म के कई सीन ऐसे थे जो सेट पर ही बदले गए। कमाल हासन अक्सर एक्टर्स से रिहर्सल के दौरान नए आइडिया लेते थे। ओम पुरी और अमरीश पुरी जैसे सीनियर एक्टर्स के साथ काम करते हुए भी कमाल हासन पूरी विनम्रता से सुझाव सुनते और उन्हें फिल्म में शामिल करते थे।

Chachi 420 (1997)

Amrish Puri: Dismissed for his 'harsh face' early in career, Bollywood's  favourite baddie was called 'the best world has ever produced' by Steven  Spielberg | Bollywood News - The Indian Express

Chachi 420 (1997) - IMDb

खबरों की माने तो ‘चाची 420’ का क्लाइमैक्स पहले और ज्यादा इमोशनल था, लेकिन दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए उसे थोड़ा हल्का किया गया। फिल्म का नाम भी शुरू में कुछ और रखने की सोच थी, लेकिन ‘चाची 420’ नाम इतना कैची लगा कि वही फाइनल हो गया।

आज जब हम पीछे मुड़कर ‘चाची 420’ को देखते हैं, तो यह सिर्फ एक कॉमेडी फिल्म नहीं लगती। यह एक पिता की मजबूरी, प्यार और उस हद तक जाने की कहानी है जहां समाज सवाल पूछे बिना नहीं रहता। यह फिल्म सिखाती है कि मां और पिता दोनों की ममता अलग-अलग होती है, लेकिन बच्चे के लिए दोनों जरूरी हैं।

इस फिल्म की कुछ और जानी अंजानी बातें:–
जॉनी वॉकर की यह आखिरी फिल्म थी।
वे सिर्फ इसलिए रिटायरमेंट से बाहर आए क्योंकि कमल हासन ने पर्सनली उनसे  रिक्वेस्ट किया था।

Chachi 420 (1997)

फिल्म में एक झलकी श्रुति हासन को  चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में देखा जा सकता हैं।

फिल्म का नाम पहले "चिकनी चाची" था, फिर "स्त्री 420" और आखिर में 'चाची 420' फाइनल हुआ।

अमेरिकन फिल्म 'मिसेज डाउटफायर' पर आधारित थी यह फिल्म। उसके बाद इसे तमिल  में 'अव्वई शनमुगी' के नाम से बनाया गया था।

चाची 420' की क्यूट बच्ची भारती अब हो गई है इतनी बड़ी, दे चुकी है भारत की  सबसे कमाऊ 2000 करोड़ी फिल्म - India TV Hindi

'चाची 420'  को कमल हासन ने 12 साल बाद एक ओरिजिनल (नॉन-डब्ड) हिंदी फिल्म के रूप मे बनाया था। उससे पहले उन्होंने फिल्म 'देखा प्यार तुम्हारा (1985)  बनाई थी।

खबरों की मानें तो ' चाची 420' को पहले किमी काटकर के पति शांतनु डायरेक्ट कर रहे थे।  लेकिन कुछ दिनों बाद किसी अनबन के चलते कमल हासन ने खुद इसे डायरेक्ट करना तय किया।

Also ReadVaibhavi Merchant's Birthday Party में Rani Mukerji, Shilpa Shetty के लुक ने जीता दिल, Karan Johar भी हुए शामिल

यह भी खबर उड़ी थी कि जानकी के रोल के लिए पहले ऐश्वर्या राय को सोचा जा रहा था लेकिन बात नहीं बनी। फिर मनीषा कोइराला को भी इस भूमिका के लिए ऑफर किया गया लेकिन वो उस वक्त बहुत बिजी थी और 40 से ज़्यादा शूटिंग डेट्स नहीं दे पाईं तो आखिर यह रोल तब्बू को ऑफर किया।

Chachi 420 (1997)

बताया जाता है कि आएशा जुल्का का रोल पहले अश्विनी भावे कर रही थी लेकिन कमल हासन को मेकअप में लगने वाले  ज्यादा समय उसे गवारा नहीं था। तब उनकी जगह आयशा जुल्का को लिया गया।

फातिमा सना ने इस फिल्म से एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने बेबी भारती का रोल निभाया।

MV5BZGU3Y2EyYjktNjNlYy00OWMyLWFjYWItMjUyZjgyZjY4MGQ5XkEyXkFqcGc@._V1_

कुछ लोगों का कहना है कि कहानी अमेरिकन फिल्म 'टूत्सी' जैसी है।

' चाची 420' कनाडा के थिएटर में भी रिलीज़ हुई थी।

MV5BODI2NDA1OGMtODI3MC00NmM0LWE0YmUtYzAzOTI0OWNiMmE3XkEyXkFqcGc@._V1_

गोरेगांव वेस्ट के पुराने सम्राट थिएटर में बने सिनेमैक्स थिएटर में रिलीज़ होने वाली यह पहली हिंदी फिल्म है।

Also Read: चौंकाने वाला लुक, दिलचस्प नाम! टीम द पैराडाइज़ ने Sampoornesh Babu as Biryani के रूप में पेश किया है!

इंटरवल से पहले का पूरा सीन जब अमरीश पुरी का किरदार हॉस्पिटल में भर्ती होता है और ओम पुरी बनवारी के रूप में फोन पर उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था कर रहे होते हैं, वो सीन असल में ओम पुरी का आइडिया था।

FAQ

Q1. फिल्म ‘चाची 420’ कब रिलीज़ हुई थी?

फिल्म 1997 में रिलीज़ हुई थी।

Q2. ‘चाची 420’ का मुख्य जॉनर क्या है?

यह फिल्म कॉमेडी-ड्रामा है, जिसमें हंसी और भावनाओं का बेहतरीन मिश्रण है।

Q3. फिल्म की कहानी किसके इर्द-गिर्द घूमती है?

कहानी जयप्रकाश पासवान (जय) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक थिएटर आर्टिस्ट हैं और अपनी बेटी से दूर होने के दर्द को सहते हैं।

Q4. इस फिल्म को क्यों खास माना जाता है?

फिल्म बच्चों के लिए हंसी, बड़ों के लिए भावनाओं और सिनेमा प्रेमियों के लिए कला और मेहनत का बेहतरीन उदाहरण है।

Q5. फिल्म में कौन-कौन से प्रमुख किरदार हैं?

फिल्म में जयप्रकाश पासवान (जय), उनकी पत्नी जानकी और उनकी बेटी प्रमुख किरदार हैं, जिनकी कहानी भावनात्मक और दिल छूने वाली है।

 Chachi 420 | Fatima Sana Sheikh in Chachi 420 | Kamal Haasan | chachi420 kamal haasan movie | Bollywood Comedy Drama | 1997 Hindi Film | Jay Prakash Paswan not present in content

Advertisment
Latest Stories