हमारे श्रद्धेय करिश्माई माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 74वें जन्मदिन के उल्लासमय अवसर पर, दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान ने "विश्वशांति दूत - वसुदैव कुटुम्बकम" शीर्षक से एक असाधारण संगीतमय श्रद्धांजलि-सद्भाव प्रस्तुत किया.
यह प्रस्तुति केवल एक लाइव प्रस्तुति नहीं है; यह वसुधैव कुटुम्बकम में प्रधानमंत्री मोदी जी की शाश्वत आस्था की हार्दिक अभिव्यक्ति है - यह सिद्धांत कि विश्व एक परिवार है. दिव्य धुनों और काव्यात्मक छंदों के माध्यम से, यह कार्यक्रम सीमाओं को पार करता है, शांति के नाम पर राष्ट्रों और दिलों को एक साथ लाता है.
पद्मश्री पंडित हृदयनाथ मंगेशकर और सुश्री उषा ताई मंगेशकर के मार्गदर्शन में जुहू के अजीवसन हॉल में आयोजित यह भव्य श्रद्धांजलि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सद्भाव के अमर संदेश का प्रमाण है. इस परियोजना की संकल्पना बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री आदिनाथ मंगेशकर और श्री निसर्ग पाटिल ने की है, जिसमें रूप कुमार राठौड़ की मनमोहक संगीत रचना, कवि डॉ. दीपक वझे के भावपूर्ण शब्द और पद्मश्री शंकर महादेवन और निसर्ग पाटिल की दिव्य आवाज़ें शामिल हैं. साथ मिलकर, वे ध्वनि और भावना का ऐसा ताना-बाना बुनते हैं जो वैश्विक एकता के संदेश से गूंजता है. विशेष आमंत्रित अतिथियों में पद्मश्री सेलेब गायक सुरेश वाडकर और कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता निर्देशक पद्मश्री मधुर भंडारकर शामिल थे!
राष्ट्रों के बीच शांति और एकता को बढ़ावा देने के लिए आदरणीय मोदी जी की अटूट प्रतिबद्धता इस उत्सव की आत्मा है. जैसा कि दुनिया सुनती है, यह श्रद्धांजलि एक ऐसे भविष्य की बात करती है जहाँ मानवता एकजुट है, विभाजन से मुक्त है. उनके जन्मदिन पर, वसुदैव कुटुम्बकम विश्वशांति दूत एक संगीत कार्यक्रम से कहीं अधिक हो जाता है - यह मोदी जी के सद्भावपूर्ण विश्व के लिए दृष्टिकोण की एक शक्तिशाली घोषणा है, जहाँ संगीत हमें ठीक करता है, उत्थान करता है, और हमें उनके प्रिय आदर्शों के करीब लाता है.
रचनात्मक दूरदर्शी आदिनाथ मंगेशकर और निसर्ग पाटिल का सहयोग, श्री रूप कुमार राठौड़ की संगीत प्रतिभा, डॉ. दीपक वाजे की काव्य प्रतिभा और पद्म श्री शंकर महादेवन और निसर्ग पाटिल की समय से परे गूंजती आवाज़ें - इसे एक अद्वितीय अनुभव बनाती हैं. विधायक आशीष-जी शेलार और हितेश जैन द्वारा समर्थित, यह प्रदर्शन एक अनुस्मारक है कि संगीत शांति की सबसे सार्वभौमिक भाषा है, और इस दिन, यह उस व्यक्ति का सम्मान करता है जिसने खुद को इस उद्देश्य के लिए समर्पित कर दिया है.
यह केवल एक यादगार संगीत कार्यक्रम नहीं था - यह जुड़ाव के दिव्य क्षणों की एक श्रृंखला है, एक संगीत और नृत्य श्रद्धांजलि है जो भारत की महान प्रतिभाओं की कलात्मकता के माध्यम से *विश्व शांतिदूत वसुदैव कुटुम्बकम* के सार को दर्शाता है. पूरे भारत से युवा प्रशिक्षित सुंदर कथक नर्तकों की एक टोली ने मंच पर लाइव प्रदर्शन किया. इस विशेष कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध युवा चित्रकार-कलाकार इंद्रनील गोडे द्वारा परिश्रमपूर्वक बनाया गया पीएम मोदी जी का एक सुंदर स्केच-चित्र भी प्रदर्शित किया गया.
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