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फ़िल्म "Kooki"  की टीम प्रोमोशन के लिए दिल्ली पहुंची

गैंगरेप जैसे जघन्य अपराध पर आधारित प्रोड्यूसर डॉ जुनमोनी देवी खाउंड की अपकमिंग फ़िल्म "कूकी" 28 जून को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है. ऐसे में इसकी टीम मीडिया के माध्यम से दर्शकों तक इस फ़िल्म के बारे में बता रही है...

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Film Kooki Team Reaches Delhi for Promotion
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गैंगरेप जैसे जघन्य अपराध पर आधारित प्रोड्यूसर डॉ जुनमोनी देवी खाउंड की अपकमिंग फ़िल्म "कूकी" 28 जून को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है. ऐसे में इसकी टीम मीडिया के माध्यम से दर्शकों तक इस फ़िल्म के बारे में बता रही है. मुम्बई में म्युज़िक लॉन्च और उसके बाद इसके जबर्दस्त ट्रेलर को रिलीज करने के बाद फिल्म कूकी की टीम राजधानी दिल्ली मीडिया प्रोमोशन के लिए गई. वहां मीडिया हाउसेज में फ़िल्म से जुड़े लोग गए, इंटरव्यू दिया, लोगों से मिले और फ़िल्म का प्रचार किया. यहां निर्मात्री डॉ जुनमोनी देवी खाउंड, निर्देशक प्रणब जे. डेका, राजेश तैलंग और मुख्य अभिनेत्री रितीषा खाउंड मौजूद थीं.

गैंगरेप की पीड़ित नाबालिग लड़की की सच्ची कहानी से प्रेरित फ़िल्म कूकी का सब्जेक्ट रौंगटे खड़े कर देने वाला है. सोशल मीडिया पर इसके ट्रेलर ने हंगामा मचा दिया है जिसे देखकर लोगों का दिल दिमाग विचलित हो रहा है. निर्मात्री जुनमोनी देवी खाउंड की संवेदनशील फ़िल्म में कूकी का टाइटल रोल रितीषा खाउंड ने निभाया है जबकि बिग बॉस फेम टीवी स्टार देवोलीना भट्टाचार्जी इसमें एक जर्नलिस्ट की भूमिका में दिखाई देने वाली हैं. रितीषा खाउंड ने कहा कि बॉलीवुड में प्रियंका चोपड़ा उन्हें सबसे ज्यादा पसन्द हैं. उनकी जर्नी प्रेरणादायक रही है. 

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कूकी का चरित्र निभाते वक्त उनके मन मस्तिष्क में क्या चल रहा था, रितीषा कहती हैं कि यह रोल निभाते समय मानसिक रूप से मैं बुरी तरह डिस्टर्ब हो गई थी. कभी कभी मुझे याद नहीं रहता था कि मैं रितीषा हूँ कि कूकी हूँ. जिस मानसिक पीड़ा से मैं गुजरी हूँ वह मेरे लिए जीवन भर न भूलने वाला अनुभव रहा है मगर मैं यह कहना चाहती हूं कि कूकी जैसी हजारों लड़कियां देश में जब रियल में उस शारिरिक और मानसिक दर्द से गुजरती होंगी तो उनपर क्या बीतती होगी? मेरी तुलना में उनकी मानसिक स्थिति का अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते.

इसलिए फ़िल्म के एक सीन में मैं रोते हुए यह सवाल करती हूँ कि "क्यों बलात्कार को सबसे जघन्य अपराध नहीं माना जाता. अगर मेरा मर्डर हो जाता तब वह सबसे जघन्य अपराध होता?" प्रोड्यूसर डॉ जुनमोनी देवी खाउंड भी इस फ़िल्म के द्वारा यही कहना चाहती है कि देश मे कत्ल को सबसे बड़ा और जघन्य जुर्म माना जाता है मगर रेप भी किसी हत्या के जुर्म से कम नही है क्योंकि जान बच जाने के बावजूद बलात्कार की शिकार लड़की लम्हा लम्हा और तिल तिल मरती है. गौरतलब है कि इस फ़िल्म की स्क्रीनिंग कान फ़िल्म महोत्सव के अन्तर्गत फिल्म मार्केट (मार्चे डु फिल्म) में भी की गई और अब 28 जून को थिएटर में रिलीज हो रही है.

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निरी मीडिया ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी इस फिल्म के लिए अविनाश चौहान, इब्सन लाल बरुआ और डॉ. सागर ने गीत लिखे हैं, पल्लब तालुकदार, सौरव महंत और तपन ज्योति दत्ता ने संगीत दिया है. सुनिधि चौहान, दिव्य कुमार, मोहम्मद फैज़ और कृतिका शर्मा जैसे सिंगर की आवाज़ें हैं. इस फ़िल्म में देबोलीना भट्टाचार्य, रितीषा खाउंड के अलावा रीना रानी, दीपानिता शर्मा, आशा चोटानी, बन्दीप शर्मा, उज्ज्वल बरुआ जैसे कलाकार भी हैं. फिल्म का वितरण जय विरात्रा एंटरटेनमेंट लिमिटेड कर रही है.

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