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महाराष्ट्र पहली बार एक ऐतिहासिक आध्यात्मिक पल का आज 23 नवंबर को गवाह बना क्योंकि 59 मुमुक्षु ने भव्य सामूहिक दीक्षा का मुहूर्त ग्रहण किया। यह अनोखा कार्यक्रम जैन आचार्य सोमसुंदरसूरिजी, श्रेयांसप्रभसूरिजी और योगतिलकसूरिजी की पवित्र उपस्थिति में आयोजित किया गया।दीक्षा मुहूर्त में २०० से अधिक श्रमण भगवंत और ५०० से अधिक श्रमणी भगवंत की उपस्तिथि रही.
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14,000 वर्ग फुट के विशाल पंडाल में 4,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने उपस्थिति दर्ज की. इसमे मंगल प्रभात लोढ़ा, भरत भाई शाह सहित कई मेहमान भी हाज़िर रहे. इस समग्र कार्यक्रम का लाभ प्रसिद्ध परोपकारी श्रीमान बाबूलालजी मिश्रीमलजी भंसाली द्वारा लिया गया है। (Maharashtra mass diksha ceremony 2025)
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युग पुरुष श्री ए पी बजाज साहब की पुण्यतिथि 24 नवंबर पर विशेष, उनकी कहानी जो प्रेरणा का सागर है
5 दिवसीय दीक्षा समारोह 4 फरवरी 2026 से लेकर 8 फरवरी तक बोरीवली पश्चिम मुम्बई में अध्यात्म परिवार नामक संस्था द्वारा किया जाएगा. दीक्षा लेने वाले गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु जैसे राज्यों से और अमेरिका जैसे विदेश से भी आए हैं। इन मुमुक्षुओं में 18 पुरुष और 41 महिलाएं शामिल हैं. सभी मुमुक्षु आचार्य योगतिलकसूरिजी के प्रवचनों और आध्यात्मिक मार्गदर्शन से प्रेरित हैं। (59 mumukshu collective diksha event)
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दीक्षा लेने वाले मुमुक्षुओं में सबसे छोटी 7 वर्ष की बालिका ताहतीबेन समीरभाई शाह शामिल है, जबकि सबसे अधिक आयु के मुमुक्षु 70 वर्ष के हरकचंदजी Bachraji भंसाली (स्टेनलेस स्टील व्यापारी) हैं। इसके अतिरिक्त, 15 से अधिक ग्रेजुएट और उच्च शिक्षित युवाओं ने भी संसार त्यागने का निश्चय किया है। जिनमे अमेरिकन सुजाताबेन राजनभाई वोहरा 66 साल और संगीताबेन संजयभाई शाह (63 साल) शामिल हैं. रायपुर से एक ही परिवार के लोग आशीष भाई, आर्यन भाई, आयुष भाई (14 साल) और ऋतुबेन का नाम उल्लेखनीय है. हर्षिलभाई मुंबई सीए, जैनमभाई मुंबई (IT इंजीनियर) और साक्षीबेन (हिंगणघाट नागपुर - PHD फिजिक्स) ने भी संसार त्यागने का निर्णय लिया है। (Shreyansprabhasuriji Yogtilaksuriji presence)
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जैन समाज में आचार्य योगतिलकसूरिजी का स्थान अत्यंत विशिष्ट है। वे पिछले 10 वर्षों में 350 से अधिक दीक्षा देने वाले एकमात्र जैन आचार्य हैं। वर्तमान में उनके 100 से अधिक शिष्य हैं, जिसे जैन धर्म में एक अनोखी सिद्धि माना जाता है। (4000 devotees Jain diksha program)
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अनेक राज्यों के और अमेरिका के मुमुक्षुओं, हजारों श्रद्धालुओं तथा प्रतिष्ठित जैन आचार्यों की उपस्थिति में आयोजित यह सामूहिक दीक्षा मुहूर्त जैन समाज के लिए गौरव, भक्ति और आध्यात्मिक प्रकाश से भरा एक विशेष क्षण बन गया। (Mangalm Prabhat Lodha at Jain event)
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FAQ
1. महाराष्ट्र में आयोजित यह सामूहिक दीक्षा कार्यक्रम क्या था?
यह महाराष्ट्र का पहला ऐतिहासिक सामूहिक दीक्षा समारोह था, जिसमें 59 मुमुक्षुओं ने दीक्षा का शुभ मुहूर्त ग्रहण किया।
2. इस कार्यक्रम का आयोजन कब और कहाँ हुआ?
यह भव्य आध्यात्मिक आयोजन 23 नवंबर को 14,000 वर्ग फुट के विशाल पंडाल में सम्पन्न हुआ।
3. कार्यक्रम में किन आचार्यों की उपस्थिति रही?
कार्यक्रम जैन आचार्य सोमसुंदरसूरिजी, श्रेयांसप्रभसूरिजी और योगतिलकसूरिजी की पवित्र उपस्थिति में आयोजित किया गया।
4. दीक्षा मुहूर्त में कितने श्रमण और श्रमणी उपस्थित थे?
इस अवसर पर 200 से अधिक श्रमण भगवंत और 500 से अधिक श्रमणी भगवंत मौजूद रहे।
5. समारोह में कितने श्रद्धालु शामिल हुए?
लगभग 4,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम में उपस्थित होकर आशीर्वाद प्राप्त किया।
Maharashtra Diksha Ceremony | Jain Mumukshu Initiation | Mass Diksha Event | Jain Acharya Presence not present in content
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