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ईमानदारी से निकली कविता सिर्फ सुनी नहीं जाती, महसूस की जाती है. ‘बिग बॉस 9’ (Bigg Boss 9) से पहचान बनाने वाली, लेकिन अपनी असली पहचान कविता से गढ़ने वाली प्रिया मलिक (Priya Malik) आज स्पोकन वर्ड पोएट्री की सबसे सशक्त आवाज़ों में हैं. मां, घर, प्रेम, चाय और यादों से जुड़ी उनकी कविताएँ हर उम्र के दिल को छूती हैं. हाल ही में प्रिया ने एक इंटरव्यू दिया. इस बातचीत में उन्होंने कविता, लोकप्रियता, मातृत्व, आध्यात्म, बिग बॉस और ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव पर खुलकर बात की. आइये जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा.....
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आपकी कविता लोगों से इतना गहरा जुड़ाव कैसे बना पाती है कि वह पीढ़ियों को जोड़ देती है?
मुझे लगता है कि मैं वही लिखती हूँ, जो मैं सच में महसूस करती हूँ. मैं अपने भीतर और लोगों के भीतर उस कनेक्शन को ढूंढती हूँ, जो हम सबमें एक-सा है.जैसे—आप दुनिया में कहीं भी चले जाएं, लेकिन घर की दाल-चावल सबसे ज़्यादा पसंद आती है.यह सिर्फ मेरी भावना नहीं, सबकी है. मेरी कविता 1999 उसी एहसास से निकली थी, और हैरानी की बात यह है कि जो बच्चे उस समय पैदा भी नहीं हुए थे, वे भी आज उस कविता से जुड़ते हैं.
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आपकी भाषा, आवाज़ और अंदाज़ को लोग आपका USP मानते हैं, आप क्या कहेंगी?
मेरा USP वही है जो आपने कहा—ईमानदारी.मैं वही लिखती हूँ जिस पर मुझे खुद विश्वास हो. अगर आप सिर्फ वायरल होने के लिए लिखते हैं, तो दर्शक आपको तुरंत पकड़ लेते हैं.कविता में आस्था और सच्चाई सबसे बड़ा इनाम है.
आपकी कविताओं में एक रेट्रो और पारंपरिक एहसास है, क्या आज का युवा इससे जुड़ पाता है?
लोग सोचते हैं कि आज का युवा सिर्फ मॉडर्न चीज़ें चाहता है, लेकिन ऐसा नहीं है.18–25 साल के युवा भी रेट्रो और ओल्ड स्कूल चीज़ों से जुड़ना चाहते हैं.जैसे खाना, फैशन—सब कुछ फिर से बेसिक्स की ओर लौट रहा है.अगर मैं अपनी लेखनी का स्वभाव बदल दूं, तो शायद मेरा दर्शक मुझसे जुड़ नहीं पाएगा.
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क्या आपने कभी नहीं सोचा था कि कविता आपका पेशा बन सकती है?
कभी नहीं. एक मिडिल क्लास भारतीय परिवार में कविता को करियर नहीं माना जाता. बचपन से लिखती और सुनाती रही, लेकिन यह कभी नहीं सोचा कि इससे कमाई हो सकती है. जब यूट्यूब के ज़रिए मेरी कविताएं लोगों तक पहुंचीं और काम मिलने लगा, तब समझ आया कि आप अपनी कला से भी जीवन जी सकते हैं—और यही सबसे बड़ी सफलता है.
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क्या यह कहना सही होगा कि सोशल मीडिया ने आपकी लाइफ को बदला है?
मेरी पूरी सफलता यूट्यूब से आई है. मैंने अपना चैनल नहीं बनाया, बल्कि दूसरे चैनलों पर परफॉर्म किया और वहीं से लोग जुड़े.सोशल मीडिया ने कविता को मंच दिया और नई पीढ़ी को आवाज़.
मातृत्व ने आपको और आपकी रचनात्मकता को कैसे बदला?
मां बनने के बाद सब कुछ बदल जाता है—शरीर, मन, सोच.लेकिन यह सबसे खूबसूरत अनुभव है. मुझे लगता है, मेरी ज़िंदगी का एक अधूरा सर्कल पूरा हुआ.हैरानी की बात यह है कि मां बनने के बाद मेरे करियर के सबसे अच्छे साल आए—इंटरनेशनल टूर, ग्लोबल शो.मेरा बेटा मेरे लिए सौभाग्य लेकर आया.
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दिवाली पर हुए हादसे के बारे में आप क्या कहेंगी?
वह 10 सेकंड का हादसा था, जिसने मुझे ज़िंदगी की नाज़ुकता समझा दी.उस पल इंसान कितना असहाय हो जाता है, यह मैंने खुद महसूस किया.लेकिन मैं इस बात पर ध्यान देती हूँ कि भगवान ने मुझे बचाया.शुक्रगुज़ार रहना बहुत ज़रूरी है.
आध्यात्म आपके जीवन में क्या मायने रखता है?
मैं मानती हूँ कि ब्रह्मांड हमें वही देता है, जिसे संभालने के लिए हम तैयार होते हैं.मेरी सफलता, मातृत्व, यहां तक कि मुश्किलें भी सही समय पर आईं. मैं इस प्रक्रिया पर भरोसा करती हूँ.
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‘बिग बॉस 9’ ने आपके करियर में कितनी बड़ी भूमिका निभाई?
बिग बॉस ने मेरी ज़िंदगी में बहुत अहम भूमिका निभाई. सच कहूं तो भारतीय दर्शक मुझे बिग बॉस के बाद ही जान पाए. इससे पहले लोग मुझे नहीं पहचानते थे. मैं ऑस्ट्रेलिया से सीधे भारत आई और एयरपोर्ट से सीधे लोनावला के सेट पहुंचा दी गई. मुझे तैयारी का कोई समय नहीं मिला, लेकिन फिर भी यह शो मेरे लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ.
क्या बिग बॉस के बाद एक कवि के रूप में स्वीकार किया जाना मुश्किल था?
हां, यह बहुत मुश्किल था. बिग बॉस के बाद लोग मुझे उसी इमेज में देखते थे—एक रियलिटी शो कंटेस्टेंट के रूप में. लोगों को यकीन नहीं होता था कि मैं कविता लिखती हूं. कई बार मुझसे पूछा जाता था कि कल तक लड़ती दिख रही थीं और आज कविता कैसे लिखने लगीं. लेकिन वक्त के साथ मैंने लोगों को दिखाया कि कविता हमेशा से मेरी पहचान रही है.
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‘बिग बॉस 9’ के बाद आपके रिश्ते किन कंटेस्टेंट्स से बने रहे?
किश्वर मर्चेंट (Kishwer Merchant) और सुयश राय (Suyyash Rai) से मेरा रिश्ता आज भी बहुत अच्छा है. हम दोनों मां भी बन चुके हैं और एक अलग ही बॉन्ड है. इसके अलावा प्रिंस नरूला, युविका चौधरी, विकास भल्ला (Vikas Bhalla), कीथ सेक्वेरा (Keith Sequeira) और रोशेल राव (Rochelle Rao) से भी संपर्क बना हुआ है.
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‘बिग बॉस 19’ के विजेता गौरव खन्ना (Gaurav Khanna) को लेकर उठ रहे ‘फिक्स्ड विनर’ जैसे आरोपों पर आप क्या कहना चाहेंगी?
ऐसा हर सीज़न में होता है. हमारे सीज़न में भी प्रिंस नरूला (Prince Narula) की जीत को लेकर यही बातें कही गई थीं. लेकिन किसी की पॉपुलैरिटी और उसके फैन बेस को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. भारत में टेलीविज़न बहुत मजबूत माध्यम है, इसलिए अगर कोई टीवी फेस जीतता है तो उसे गलत कहना ठीक नहीं है. वह मेरे फेवरेट कंटेस्टेंट नहीं थे, लेकिन मैं उनकी जीत से खुश हूं. बिग बॉस 19 एक दिलचस्प सीज़न रहा, जिसमें अलग-अलग तरह के लोग आए और सभी ने अपने-अपने तरीके से शो में योगदान दिया. यही किसी भी सीज़न की असली खूबसूरती होती है.
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एकतरफा प्यार को लेकर आपकी क्या सोच है?
एकतरफा प्यार कभी पूरा नहीं होता. उसे रोमांटिसाइज़ किया गया है, लेकिन लंबे समय तक वह टॉक्सिक हो सकता है.प्यार तभी पूरा होता है जब दोनों तरफ से हो.
आपके लिए प्यार की परिभाषा क्या है?
प्यार का मतलब है परवाह.सामने वाला ठीक है या नहीं, उसने खाना खाया या नहीं—यही प्यार है. यह हमें माता-पिता से सीखने को मिलता है.
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क्या कभी आप अपनी लिखी स्क्रिप्ट पर अभिनय करना चाहेंगी?
हां, बिल्कुल. अगर ऐसा मौका मिला तो ज़रूर करना चाहूंगी. लेकिन अगर ऐसा न भी हो, तो मुझे कोई गिला-शिकवा नहीं है. मेरे लिए सबसे अहम है कि कहानी और भावनाएं दर्शकों तक सही तरह से पहुंचें.
इंडस्ट्री में किन लोगों ने आपके काम की सराहना की है, जो आपके लिए खास रही?
डस्ट्री से बहुत प्यार और अपनापन मिला है. आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) ने मेरी कविताओं की सराहना की, सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) के शो के लिए लिखने का मौका मिला और खूब तारीफ मिली. ‘शीर खुर्मा’ में शबाना आज़मी (Shabana Azmi) से मिली सराहना और जश्न-ए-रेख़्ता में जावेद अख्तर (Javed Akhtar) का मेरी कविताएँ सुनना मेरे लिए सपने जैसा था. गुलज़ार (Gulzar) और अमृता प्रीतम (Amrita Pritam) की लेखनी हमेशा मेरी प्रेरणा रही है—ऐसे दिग्गजों की स्वीकार्यता किसी भी कलाकार के लिए सबसे बड़ी मान्यता होती है.
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कोई ऐसा फैन मूमेंट जो आज भी आपके दिल के बहुत करीब हो?
ऐसे बहुत सारे फैन मूमेंट्स रहे हैं, जिन्होंने मुझे भावुक कर दिया. कई बार लोग मेरे शो में आकर रोने लगते हैं, मुझे गले लगाते हैं और बताते हैं कि मेरी कविताओं ने उनकी ज़िंदगी के किसी मुश्किल दौर में साथ दिया. कुछ लोग मेरे लिए तोहफे लेकर आते हैं, जो मेरे लिए बहुत खास होता है. कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि उन्होंने अपनी बेटी का नाम ‘प्रिया’ रखा है, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्हें मेरी कविताएँ बहुत पसंद हैं. ऐसे लम्हे किसी भी कलाकार के लिए बहुत बड़े होते हैं. जब बिग बॉस के बाद लोग मुझे मेरी लड़ाइयों से पहचानते थे, और आज मेरी कविताओं से पहचानते हैं—तो यह सफर मेरे लिए बेहद सुकून देने वाला है.
आपको लेखन और कविता के लिए किन लोगों से प्रेरणा मिली है?
मुझे कई दिग्गज लेखकों और शायरों से प्रेरणा मिली है. गुलज़ार साहब (Gulzar) मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रहे हैं—उनकी लेखनी और शब्दों को कहने का अंदाज़ मुझे बेहद पसंद है. जावेद अख्तर साहब (Javed Akhtar) की सोच और उनकी बेबाकी भी मुझे बहुत प्रेरित करती है. इसके अलावा अमृता प्रीतम जी (Amrita Pritam) की कविताएँ मैं सालों से सुनती और पढ़ती आ रही हूँ. उनकी संवेदनशीलता और गहराई ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है.
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भविष्य में खुद को किस रूप में देखती हैं—लेखक या अभिनेत्री?
मेरी पहली मोहब्बत लेखन है. अगर कभी मैंने कुछ लिखा और उसमें अभिनय करने का मौका मिला, तो ज़रूर करूंगी. लेकिन लिखना मेरे लिए सबसे ऊपर है.
आपकी फेवरेट कविता कौन-सी है?
मेरी अपनी फेवरेट कविता ‘इश्क़’ है. यह कविता मेरे दिल के बहुत करीब है. मेरे शो का नाम भी ‘इश्क़’ ही है और मुझे लगता है कि यह मेरी सबसे सच्ची और अच्छी तरह लिखी गई कविताओं में से एक है. इसमें भरोसा, सब्र और तवक्कुल जैसे जज़्बात हैं—यानी यह मान लेना कि जो आपके हिस्से का है, वह आपको मिलकर रहेगा. मेरे लिए यही इश्क़ की असली परिभाषा है.
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आने वाले समय में आपकी पाइपलाइन में क्या है? किन प्रोजेक्ट्स पर आप काम कर रही हैं?
फिलहाल मेरा पूरा फोकस लेखन पर है. मैं एक फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम कर रही हूं, जिसे लेकर मैं काफी उत्साहित हूं. इसके साथ ही मेरे पोएट्री शोज़ और इंटरनेशनल टूर भी लाइन-अप हैं. मेरा सबसे बड़ा शो 27 फरवरी को लंदन में होने वाला है. इसके बाद 28 फरवरी को रीडिंग और 1 मार्च को डबलिन में परफॉर्म करूंगी.
अपने सफर के अनुभवों से आप युवाओं और नए रचनाकारों को क्या सीख देना चाहेंगी?
मेरी सबसे बड़ी सीख यही है कि सबसे पहले खुद से जुड़ें. अगर आप खुद से जुड़े नहीं होंगे, तो दर्शकों से भी जुड़ नहीं पाएंगे. किसी ट्रेंड के पीछे भागकर या किसी और जैसा बनने के लिए न लिखें. लिखिए वही, जो आप सच में महसूस करते हैं. ईमानदारी आपकी सबसे बड़ी ताकत है. कविता हो या कोई भी कला—दर्शक बहुत समझदार होते हैं, वे तुरंत पहचान लेते हैं कि आप सच बोल रहे हैं या नहीं. इसलिए दिल पर हाथ रखकर लिखें, धैर्य रखें और अपने रास्ते पर चलते रहें. यही आपको आगे ले जाएगा.
Anchor: Priya Malik | INTERACTION WITH PRIYA MALIK | Poetry | Poet | interview | Indian Poet not present in content
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