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फिल्म और संगीत की दुनिया में कुछ मुलाकातें ऐसी होती हैं जो ज़िंदगी भर दिल में रह जाती हैं। ऐसी ही एक याद को लेकर इतालवी ओपेरा सिंगर जिओकोंडा वेसिचेली असम से लौटी हैं। वो असम के मशहूर गायक और म्यूज़िशियन ज़ुबिन गर्ग को श्रद्धांजलि देने आई थीं। ज़ुबिन के अचानक चले जाने के बाद जिओकोंडा का दिल अब तक संभल नहीं पाया है। वो कहती हैं, “ज़ुबिन के साथ मेरा रिश्ता सिर्फ़ संगीत का नहीं, आत्मा का था।” जिओकोंडा पेशे से सिंगर ही नहीं, बल्कि लिरिसिस्ट, कंपोज़र, डायरेक्टर और एक्ट्रेस भी हैं। उन्होंने ज़ुबिन की आख़िरी असमिया फिल्म ‘Roi Roi Binale’ के लिए ओपेरा स्टाइल में गाया था। इस फिल्म का म्यूजिक ज़ुबिन ने खुद बनाया था। लेकिन अफसोस, यह वही फिल्म है जो उनके जाने के बाद रिलीज़ नहीं हो पाई। जिओकोंडा बताती हैं, “ये फिल्म हमारे रिश्ते का पहला और आखिरी प्रोजेक्ट बन गई। मुझे कभी अंदाज़ा नहीं था कि मैं उनके लिए आखिरी बार गा रही हूँ।” (Gioconda Vesichelli tribute to Zubin Garg)
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जियोकोंडा पिछले कुछ समय से यूरोप में शूटिंग और शो में बिज़ी थीं, इसलिए ज़ुबिन की मृत्यु के वक्त गुवाहाटी नहीं आ सकीं। लेकिन जल्द ही इस बार वो खास तौर पर वहां पहुँचीं, जब ज़ुबिन के जाने को ठीक एक महीना हुआ था। उन्होंने ज़ुबिन के स्टूडियो जाकर मोमबत्ती जलाई और चुपचाप कुछ पल उनके फोटो के सामने बैठीं। “वो पल मेरे लिए बहुत भारी था,” वो धीरे से कहती हैं, “क्योंकि ज़ुबिन सिर्फ़ एक सिंगर नहीं थे, वो एक बहुत गहरी आत्मा थे जो हर चीज़ में संगीत खोज लेते थे।”
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असमिया फिल्म ‘Roi Roi Binale’ में जिओकोंडा और ज़ुबिन का आखिरी प्रोजेक्ट
जिओकोंडा का इंडिया से रिश्ता नया नहीं है। वे साल 2014 में पहली बार स्पिरिचुअल ट्रिप पर भारत आई थीं — उन्होंने वाराणसी से लेकर ऋषिकेश, मुंबई और असम तक कई जगहों का दौरा किया और भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ गईं। उसी दौरान उन्होंने बॉलीवुड में काम शुरू किया और BollywoOPERA नाम की अपनी यूनिक म्यूजिक स्टाइल बनाई – एक ऐसा फ्यूज़न जिसमें बॉलीवुड और ओपेरा का संगम होता है। ज़ुबिन ,जिओकोंडा के उसी अनोखी आवाज़ से प्रभावित हुए थे।जिओकोंडा ने याद किया कि उनकी और ज़ुबिन की पहली मुलाकात करीब दस साल पहले मुंबई के एक स्टूडियो में हुई थी। जुबिन, Meet Bros के लिए गाना रिकॉर्ड कर रही थीं, तभी ज़ुबिन वहां आए। “उस वक़्त मुझे पता ही नहीं था कि वो कौन हैं। वो बहुत सादे कपड़ों में थे — कोई स्टार वाली हवा नहीं थी।” (Roi Roi Binale Assamese film music Zubin Garg)
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उस दिन के बाद जल्द ही फिर दोनों में बातचीत शुरू हुई, और संगीत की बातें करते-करते एक गहरी दोस्ती बन गई।इसके बाद दोनों के बीच कई बार मुलाकात हुई लेकिन व्यस्तता के चलते प्रोजेक्ट ठहरता गया। फिर करीब पाँच साल पहले मुंबई के एक कॉन्सर्ट में जियोकोंडा और जुबिन की दोबारा मुलाकात हुई। ज़ुबिन ने मुस्कुराते हुए कहा था — “इस बार इटली भागने से पहले मेरा एक गाना तो गाकर जाना।” और उसी रात जिओकोंडा ने फ्लाइट पकड़ने से पहले फिल्म ‘Roi Roi Binale’ के लिए ओपेरा हिस्से की लाइन रिकॉर्ड की। “वो सिर्फ़ एक लाइन थी, लेकिन उसमें जो जादू था, वो आज भी मेरे कानों में गूंजता है, मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है” वो याद करती हैं। उनकी बातों में सच्चा अपनापन झलकता है। वो कहती हैं, “ज़ुबिन की सोच बहुत पॉज़िटिव थी। वो बहुत आध्यात्मिक और नेचर लवर थे। जब मैं मार्च में कामाख्या मंदिर गई थी, वो मेरे साथ थे। उन्होंने मंदिर के रास्ते में बहुत बातें कीं — संगीत, जीवन, प्यार… सब पर। मुझे आज भी उनकी वो हंसी, वो एनर्जी याद है।” (Zubin Garg music legacy India and abroad)
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भारत में मौजूद कई संगीतकारों और फैंस ने भी सोशल मीडिया पर जिओकोंडा के प्रति प्यार जताया है। कई लोगों ने लिखा कि ऐसी सांस्कृतिक जुड़ाव की मिसाल कम ही देखने को मिलती है। एक विदेशी सिंगर का किसी भारतीय कलाकार के लिए इस तरह रो पड़ना बताता है कि ज़ुबिन का संगीत, देश और वक्त की सीमाओं से परे था। जिओकोंडा का मानना है कि ज़ुबिन असल में “संगीत की आत्मा” थे। वो कहती हैं, “उनका हर सुर दिल से निकलता था। वो सिर्फ़ असम या भारत के नहीं, पूरे मानव समाज के कलाकार थे। मैं अब कोशिश करूंगी कि अपने अगले म्यूजिकल प्रोजेक्ट में उन्हें समर्पित एक खास गीत बनाऊं।”‘Roi Roi Binale’ फिल्म अब ज़ुबिन के फैंस के लिए और भी भावनात्मक बन गई है। कहा जा रहा है कि फिल्म रिलीज़ होने पर उसमें जिओकोंडा का ओपेरा हिस्सा सुनने वाले ज़ुबिन की आत्मा को याद करेंगे। जिओकोंडा कहती हैं, “ वे मुझे अक्सर कहते थे – ‘म्यूजिक के आगे सब छोटा है।’ शायद यही वजह थी कि उनका जाना भी किसी सन्नाटे के सुर जैसा लगा, जिससे सब कुछ थम गया। लेकिन यादें अब भी गूंजती हैं…”ज़ुबिन गर्ग की संगीत यात्रा ने जिस तरह असम से निकलकर पूरे देश, फिर विदेश तक लोगों के दिलों को छुआ, वही वे आज भी ज़िंदा है और शायद यही सबसे खूबसूरत बात है कि जब कोई कलाकार चला भी जाता है, तो उसकी धुनें उसकी जगह ले लेती हैं।नहीं, बल्कि कंटिन्यू कीजिए (BollywoOPERA fusion Bollywood and opera Gioconda Vesichelli)
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जिओकोंडा वेसिचेली ने ज़ुबिन गर्ग के संगीत को श्रद्धांजलि दी
यह कहानी यहीं खत्म नहीं होती। जिओकोंडा वेसिचेली की ज़ुबिन गर्ग से जुड़ी यादें उनके दिल में अब भी ज़िंदा हैं — और शायद हमेशा रहेंगी। उन्होंने भारत छोड़ने से पहले गुवाहाटी में ज़ुबिन का स्टूडियो एक बार फिर देखा। वहां लगी उनकी तस्वीरों, गिटार और रिकॉर्डिंग के पुराने टेप्स को देखकर वो कुछ देर तक खामोश रहीं। “यह कमरा अब भी उनके सुरों से भरा है,” उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है, वो कहीं पास ही बैठे हों, बस गुनगुना रहे हों।”
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भारत में ज़ुबिन गर्ग को लोग सिर्फ़ सिंगर के रूप में नहीं, बल्कि एक कलात्मक आंदोलन के रूप में देखते हैं। उनकी आवाज़ में लोक, रॉक और शास्त्रीय संगीत का मिलन था। उन्होंने असमिया भाषा को उस मुकाम तक पहुंचाया, जहाँ उसके गाने दुनिया भर के म्यूजिक प्लेटफ़ॉर्म्स पर सुने जाने लगे। जिओकोंडा भी मानती हैं कि ज़ुबिन संगीत की सीमाएं तोड़ने वाले इंसान थे। “वो हमेशा कहते थे — म्यूजिक को किसी देश या भाषा में बाँधना मत। वो एक अहसास है।”
जियोकोंडा ने बताया कि ज़ुबिन के साथ उनकी आखिर से कुछ दिन पहले फोन पर बात हुई थी। “वो मुझसे बहुत उत्साहित होकर अपने नए अंग्रेज़ी प्रोजेक्ट के बारे में कह रहे थे — मैंने कहा मैं नवंबर में लौटूंगी, तब काम करेंगे… लेकिन वो नवंबर तक इंतज़ार न कर सके।” यह कहते हुए जिओकोंडा की आवाज़ भर्रा जाती है।
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Gioconda Vessichelli ओपेरा स्टार से बॉलीवुड एनिग्मा तक
ज़ुबिन के चाहने वाले जानते हैं कि वो हमेशा नयी प्रतिभाओं को मौका देने में आगे रहते थे। जिओकोंडा बताती हैं, “वो कहते थे, संगीत का असली मज़ा तब है जब दो संस्कृतियाँ मिलती हैं। ऐसा लगता था जैसे उनके अंदर एक पूरा ऑर्केस्ट्रा है — वो न थकते थे, न रुकते थे।”
ज़ुबिन का घर अब उनके परिवार और फैंस के लिए एक श्रद्धास्थल बन गया है। लोग रोज़ वहां मोमबत्ती जलाने और फूल चढ़ाने आते हैं। वहीं, जिओकोंडा कहती हैं कि वे आज हर साल असम जाने का वादा करके लौटी हैं। “मैं वहां ज़रूर आऊंगी, ताकि उनकी आत्मा को महसूस कर सकूं। वो अब भी यहीं हैं, हवाओं में, उनके गीतों में।” (Zubin Garg Assamese composer musical soul)
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दो अलग देशों के कलाकार, दो भाषाएँ, लेकिन एक आत्मा। जब वो मंच पर जाती हैं, आज भी ज़ुबिन की कही बातें उन्हें ताक़त देती हैं। “वो कहते थे – गाते वक्त सोचो नहीं, बस बह जाओ… क्योंकि संगीत वहीं से बोलता है, जहाँ शब्द रुक जाते हैं।”
Gioconda Vessichelli गुच्ची स्टोर मुंबई में दीया रखते हुए देखी गई
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