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विश्व प्रसिद्ध ऑपेरा क्वीन
जिओकोंडा वेसिचेली, जितनी अपनी ऑपेरा गायन के लिए पॉप्युलर है, उतनी ही भारत के प्रति अपने प्रेम, आस्था और स्पिरिचुअलिटी के लिए मानी जाती है। इन दिनों जिओकोंडा वेसिचेली, भारत में, विश्व के सबसे विशाल मेले, कुंभ मेले 2025 में भाग लेने गई हैं। वहीं से मेरी उनसे लगातर बातचीत हो रही है। प्रस्तुत है सीधे कुंभ मेले से जिओकोंडा वेसिचेली का अनुभव।
जिओकोंडा ने कहा, वाह, प्रयागराज के महाकुंभ मेले में यह कितनी अमेज़िंग सुबह है। जस्ट इमेजिन, सुबह 4 बजे, आकाश में रोशनी शुरू हो रही है, और मैं हजारों साधुओं के बीच खड़ी हूं, पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए बिल्कुल तैयार हूं।
मैंने आध्यात्मिक सूर्योदय का अनुभव किया,
यह कोई सामान्य घटना नहीं है, यह विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम है। क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि लगभग 60 करोड़ (600 मिलियन) लोग इस अविश्वसनीय उत्सव में शामिल हो रहे है? और यहां मैं अपने तीसरे कुंभ मेले और पवित्र गंगा में पांचवीं डुबकी का अनुभव कर रही हूं।
क्या आप जानते हैं कि इस कुंभ मेले को क्या खास बनाता है?
महाकुंभ मेला 2025 पूरी तरह से हर स्थिति के लिए तैयार हैं और ये मनमोहक है। 4,000 हेक्टेयर मेला क्षेत्र, 25 विभिन्न सेक्टर, 12 किलोमीटर के आश्चर्यजनक घाट, केवल पार्किंग के लिए 1,850 हेक्टेयर से अधिक का क्षेत्र।
मेरा व्यक्तिगत अनुभव एकदम अद्भुत है।
जैसे ही सूर्य की पहली किरण त्रिवेणी संगम पर पड़ी, मैं भोर की पहली अनुष्ठान के लिए प्रसिद्ध नागा साधुओं के साथ शामिल हो गई। वो ऊर्जा, विद्युत की तरह थी। हजारों आध्यात्मिक साधक, जो सभी, एक दिव्य जुड़ाव और भक्ति के इस अविश्वसनीय क्षण में एकजुट हैं।
बताया जा रहा है कि इस आयोजन को भरपूर सुरक्षित और शानदार बनाने के लिए 7,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है? सचमुच अद्वितीय है। वे इसे डिजिटल कुंभ कह रहे हैं, जिसमें विशेष ऐप्स से लेकर गूगल मैप्स तक सब कुछ है, जो तीर्थयात्रियों को इस विशाल आध्यात्मिक उत्सव में नेविगेट करने में मदद करता है।
यह व्यावहारिक जादू जैसा है।
कुछ बेहतरीन विवरण जिन्होंने मेरे दिमाग को हिला दिया वो देखिए,
यहां 1.6 लाख टेंट लगाए गए
- 650 किलोमीटर की अस्थायी सड़कें बनाई गई। 30 पोंटून पुल, भक्तों के लिए पुष्प वर्षा, ओह, यह अलौकिक एहसास है (यह जीवन भर का मेरा एक कितना अच्छा अनुभव है)। अब बात करती हूं मेरे हृदय में अंकित होने वाले मेरे आध्यात्मिक प्रतिबिंब की, तो यह मेरे लिए सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, यह मानवीय संबंध, आध्यात्मिक जागृति है और शुद्ध, प्राकृतिक कच्ची ऊर्जा की एक डीप यात्रा है। सुबह 4 बजे पवित्र नदी के किनारे खड़े होकर, साधुओं से घिरे हुए, ठंडे गंगा जल को महसूस करना, यह एक ऐसा क्षण है जो हर चीज से परे है।
इस स्पिरिचुअल यात्रा के साथ मेरा भी एक व्यक्तिगत वादा है। मन की शुद्धि, नवीनीकरण और आध्यात्मिक विकास का वादा।
यह कुम्भ मेला केवल एक अनुष्ठान नहीं है। यह स्वयं से भी बड़ी किसी चीज़ के प्रति प्रतिबद्धता है।"
क्योंकि जिओकोंडा वेसिचेली, के पास इस वक्त इंटरव्यू देने का समय नहीं है, इसलिए मैंने उन्हे अपने मन के कई प्रश्न व्हाट्सएप पर लिखकर भेजा जिसका उन्होंने बड़ा ही सुंदर जवाब दिया। प्रस्तुत है साक्षात्कार सार
: आप कुंभ में कहां ठहर रहे हैं?
जिओकोंडा: मैं संगम निवास कैंपसाइट पर एक सुंदर ढंग से व्यवस्थित तंबू में रह रही हूं। यह सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ लैस, काफी आरामदायक है। तंबू से शानदार त्रिवेणी संगम दिखता है और मुझे अपने आस-पास का आध्यात्मिक माहौल बेहद पसंद आ रहा है और विस्मित भी कर रहा है। शिविर सुव्यवस्थित, आरामदायक है और मुझे पारंपरिक और समकालीन सजावट के अनुभवों का एक आदर्श मिश्रण मिल रहा है।
---आपके नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने के बारे में क्या? क्या सरकार की ओर से कोई व्यवस्था है?
जिओकोंडा: हाँ हाँ बिल्कुल , व्यवस्थाएँ शानदार हैं। मुझे (और सभी भक्तों को) अत्यंत सावधानी से तैयार किया गया स्वादिष्ट सात्विक भोजन परोसा जा रहा है। सरकार ने भोजन की विस्तृत व्यवस्था की है। यह भोजन पौष्टिक, शुद्ध और पारंपरिक तरीकों से तैयार किया जाता है। हर भोजन एक आध्यात्मिक अनुभव जैसा लगता है, सिंपल लेकिन सम्पूर्ण संतुष्टिदायक। शिविर के रसोइये यह सुनिश्चित करते हैं कि भोजन न केवल शरीर को पोषण दे बल्कि कुंभ मेले के आध्यात्मिक सार से भी जुड़े।
: आपने अब तक क्या देखा है?
जिओकोंडा: मैंने कई खूबसूरत आध्यात्मिक क्षण देखे हैं। मुख्य आकर्षण, 'अमर वृक्ष' को देखना रहा है - जो शाश्वत जीवन और आध्यात्मिक निरंतरता का प्रतीक है। कुंभ के आसपास की ऊर्जा अविश्वसनीय है। अनुष्ठान करते साधु, पवित्र स्नान करते लाखों भक्त, मंत्र, रंग, भक्ति गान, हर हर महादेव, हर हर गंगे का सतत उच्चारण। यह एक जीवित, सांस लेने वाले आध्यात्मिक कैनवास की तरह है जो हर पल बदलता है।
: बाकी और सारी व्यवस्थाएँ कैसी हैं?
जिओकोंडा: बिल्कुल बढ़िया! बुनियादी ढांचा उल्लेखनीय है। सब कुछ सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध तरीके से निर्मित है। सुरक्षा से लेकर स्वच्छता तक, आवास से लेकर भीड़ प्रबंधन तक। सरकार ने सचमुच एक अस्थायी शहर बनाया है जो स्मूदली चल रहा है। लाखों लोगों के बावजूद, यहां व्यवस्था और शांति की भावना है।
: यह आपका तीसरा कुंभ है। आपने क्या परिवर्तन पाया?
जिओकोंडा: इस बार मैं आध्यात्मिक रूप से अधिक विकसित महसूस कर रही हूँ। प्रत्येक कुम्भ ने मुझे कहीं न कहीं, कुछ न कुछ तरीके से बदल दिया है। इस बार, मैं अधिक आत्मनिरीक्षण कर रही हूं, दिव्य ऊर्जा से अधिक जुड़ी हुई महसूस कर रही हूं। मैं प्रत्येक अनुष्ठान के पीछे के गहरे अर्थों को समझने लगी हूं, और मैं एक गहन आंतरिक यात्रा का अनुभव कर रही हूं।
: क्या आप कुंभ का इतिहास जानते हैं?
जिओकोंडा: हाँ, और मैं अभी भी खोज कर रही हूँ। यह दिव्य अमृत, दिव्य प्राप्ति और आध्यात्मिक महत्व की एक आकर्षक कहानी है। इस मेले की पौराणिक कहानी हमारी आध्यात्मिक चेतना में गहराई से समाई हुई है। लेकिन मैं लगातार और सीख रही हूं, साधुओं से मिल रही हूं और इस प्राचीन परंपरा के बारे में नए दृष्टिकोण समझ रही हूं।
: क्या आपने कुंभ स्नान शुरू कर दिया है?
जिओकोंडा: बिल्कुल, मैंने सुबह 4 बजे साधुओं के साथ पवित्र स्नान किया। यह एक अलौकिक अनुभव था। पानी ठंडा था, सुबह काफी धुंध थी और चहुं दिशा मंत्र गूंज रहे थे। उस शुभ समय पर स्नान करना केवल शारीरिक पवित्रता ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक सफाई जैसा लगता है।
: वहां की जलवायु कैसी है?
जिओकोंडा: अलौकिक है। बहुत ठंडा नहीं है। या शायद हम भक्तों को ठंड नहीं लग रही है। आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम मौसम। 14 जनवरी को सुबह 5:21 से 6:27 बजे के बीच पवित्र स्नान के लिए मौसम बिल्कुल उपयुक्त था। सुबह हल्की धुंध के साथ, एक दिव्य, अलौकिक माहौल बना रही थी।
: क्या आप वहां साधुओं से मिले हैं?
जिओकोंडा: हाँ, बहुत सारे साधुओं से मिली हूं। प्रत्येक साधु की एक अनोखी कहानी है, एक अलग आध्यात्मिक मार्ग है। मैं उनकी बुद्धिमत्ता को सुन रही हूं, उनकी यात्राओं के बारे में सीख रही हूं। उनकी सादगी, उनका समर्पण वास्तव में प्रेरणादायक है।
: लास्ट प्रश्न, आपकी तरह क्या विश्व के और अन्य गणमान्य लोग भी वहां हैं? आप किनके साथ हैं?
जिओकोंडा: मैं अपनी टीम के साथ हूं, लेकिन हम यहां आध्यात्मिक उद्देश्य से आए हैं। यहां विश्व के कई महत्वपूर्ण लोग हैं, लेकिन कुंभ में मां गंगा के सामने हर कोई समान है। जब प्रशंसक लोग मेरे पास आते हैं, तो मैं विनम्रता से कहती हूं, "हर- हर महादेव, हर-हर गंगे..अभी, कृपया इस महान आध्यात्मिक मेले में आकंठ डूब जाएं। फैन टाइम अन्य दिनों तक इंतजार कर सकता है।" यह सामूहिक आध्यात्मिक अनुभव के बारे में है।"
कुछ और जानकारियों की खबर :
लगभग 60 लाख (6 मिलियन) लोग पहले ही पवित्र स्नान कर चुके हैं
- अवधि: 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक चलने वाला 45-दिवसीय कार्यक्रम।
- अपेक्षित तीर्थयात्री: लगभग 45 करोड़ (450 मिलियन) तीर्थयात्रियों के शामिल होने का अनुमान है।
दुर्लभ खगोलीय संरेखण हर 144 साल में एक बार होता है।
विशेष व्यवस्थाएँ जैसे:
फ्लोटिंग पुलिस स्टेशन
1.5 लाख टेंट
- एआई-संचालित कैमरे
- वास्तविक समय मार्गदर्शन के लिए कुंभ सहयोगी चैटबॉट।
दिलचस्प बात यह है कि लॉरेन पॉवेल जॉब्स (एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी) भी महाकुंभ मेले के लिए पहुंची हैं, जो इसके वैश्विक महत्व पर प्रकाश डालती है। अमिताभ बच्चन, आलिया भट्ट, अदा शर्मा (खबरों के मुताबिक अदा तांडव नृत्य करेगी) कैलाश खेर, शंकर महादेवन, शान, मोहित चौहान और भी कई सेलिब्रिटीज़ शामिल होंगे और परफॉर्मेंस भी देंगे।
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