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भारत में खेलों की परंपरा सदियों पुरानी है —कुश्ती के अखाड़ों से लेकर कबड्डी के मैदानों तक, क्रिकेट के स्टेडियम से लेकर ओलंपिक ट्रैक्स तक, भारतीय खेल भावना हमेशा जीवंत रही है. लेकिन इस भावना को नई दिशा, सम्मान और विश्वस्तरीय पहचान देने का श्रेय अगर किसी एक नेतृत्व को दिया जाए, तो वह निस्संदेह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को जाता है. मोदी सरकार के आने के बाद से खेल केवल मनोरंजन या शौक का विषय नहीं रहा, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और युवा सशक्तिकरण का माध्यम बन गया है. देश में पहली बार खिलाड़ियों को सिर्फ पदक जीतने वाले नहीं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण के भागीदार के रूप में देखा जाने लगा है. (Indian sports tradition from wrestling to kabaddi and cricket)
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बढ़ाते हैं खिलाड़ियों का मनोबल
नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी ताकत है — उनकी संवाद क्षमता! वे खिलाड़ियों से सीधे जुड़ते हैं, उनके अनुभव ध्यान से सुनते हैं और अपनी बात हमेशा बेहद सादगी और प्रेरणा से भरे अंदाज़ में रखते हैं. हर बड़ी प्रतियोगिता — चाहे ओलंपिक हो, एशियाई खेल हों या वर्ल्ड कप — के पहले या बाद में जब वे खिलाड़ियों से मिलते हैं, तो यह सिर्फ एक औपचारिक भेंट नहीं होती, बल्कि एक आत्मीय संवाद होता है.
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उनका यह सकारात्मक दृष्टिकोण खिलाड़ियों के मन में गहरा भरोसा पैदा करता है कि सरकार सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि साथी के रूप में उनके साथ खड़ी है — हर परिस्थिति में, हर मैदान में. इसी प्रेरणा का परिणाम है कि आज भारतीय खिलाड़ी न केवल देश के लिए पदक जीत रहे हैं, बल्कि आत्मविश्वास और सम्मान की नई परिभाषा भी गढ़ रहे हैं।
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जुड़ते है व्यक्तिगत रूप
नरेंद्र मोदी का खिलाड़ियों के प्रति लगाव केवल नीतियों तक सीमित नहीं है. वे व्यक्तिगत रूप से हर खिलाड़ी से जुड़ते हैं और उनकी उपलब्धियों में सच्चे अर्थों में साझीदार बनते हैं. ओलंपिक या पैरालंपिक में जीतने वाले खिलाड़ियों से वे न केवल मुलाकात करते हैं, बल्कि उनकी मेहनत की सार्वजनिक सराहना भी करते हैं. जब साइखोम मीराबाई चानू (Saikhom Mirabai Chanu) ने टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता, या नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने गोल्ड हासिल किया — तब प्रधानमंत्री ने स्वयं फोन कर उन्हें बधाई दी. यह भावनात्मक जुड़ाव खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा देता है. (Narendra Modi leadership in Indian sports development)
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इसके साथ ही हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने महिला क्रिकेट टीम से भी मुलाकात की, जिसने वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया. उन्होंने खिलाड़ियों के साथ घुल- मिलकर बातें कीं, उनकी मेहनत की तारीफ़ की और उन्हें प्रेरित करते हुए कहा कि सरकार हर खिलाड़ी के साथ खड़ी है, ताकि भारत आने वाले सालों में खेलों की महाशक्ति बन सके. (Modi government promoting sports as national pride)
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इससे पहले भी मोदी ने क्रिकेट, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, कुश्ती, मुक्केबाज़ी और हॉकी जैसे खेलों के विजेताओं से मिलकर उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाया है. चाहे कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) हों या एशियाई खेल, वे खिलाड़ियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करते हैं, उन्हें चाय पर आमंत्रित करते हैं और उनके अनुभव सुनते हैं.
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मोदी की यही नीति रही है — ‘खिलाड़ी देश के हीरे हैं, उन्हें संजोना सरकार का कर्तव्य है.’ इस सोच के चलते आज भारत में खिलाड़ियों के लिए बीमा, वित्तीय सहायता, उच्चस्तरीय ट्रेनिंग, स्पोर्ट्स साइंस और फिटनेस इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधाएं पहले से कहीं बेहतर हैं. (Indian youth empowerment through sports)
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PM Narendra Modi से मिली World Champion Indian Women’s Team, नमो-1’ जर्सी की भेंट
आज हर खिलाड़ी यह महसूस करता है कि उसकी मेहनत सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं है — बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय तक भी पहुंचती है. यही वजह है कि आज भारत के खिलाड़ी और अधिक जोश, आत्मविश्वास और जिम्मेदारी के साथ मैदान में उतरते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी हर उपलब्धि, हर पसीने की बूंद, राष्ट्र के गर्व से जुड़ी है. (Modi initiatives for sports infrastructure and athlete support)
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Vande Mataram के 150 साल होने पर पीएम मोदी बोले- ‘वंदे मातरम्’ हर दौर, हर काल में प्रासंगिक है
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