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Raj Kapoor slap incident on film set: ये कहानी है उस ज़माने की जब युवा और बुजुर्ग के बीच रेस्पेक्ट का पर्दा हुआ करता था, जब गुरु अपने शिष्य को कड़ी से कड़ी सजा दे सकते थे और कोई कुछ नहीं कहता था। लेकिन वही सजा, एक आग बनकर शिष्य को खरा सोना बनाते थे।
बात तब की है जब युवा राज कपूर अपने तरुणाई के दिनों में जाने अनजाने गलत रास्ते पर भटकने लगे थे। वे मुंबई के मशहूर बदनाम गलियों में सत्य की जिज्ञासा लेकर जाने लगे थे। जिसे लेकर उनके पिता पृथ्वीराज कपूर काफी चिंतित थे। उन्होंने अपने दोस्त और फिल्म निर्देशक केदार शर्मा से कहा था कि वह राज कपूर को सही राह पर लाने में मदद करें। यह जिम्मेदारी केदार शर्मा ने बखूबी निभाई। (Raj Kapoor discipline learning incident) ये केदार शर्मा ही थे जिन्होंने राज कपूर को फिल्मी दुनिया में शुरुआत से ही कड़ी मेहनत और अनुशासन सिखाया। इस दौरान राज कपूर ने कई ग़लतियाँ कीं, लेकिन केदार शर्मा ने न माफी दी और न ढील दी। एक बार तो उन्होंने राज कपूर को डांटते हुए इतना कड़ा थप्पड़ भी मारा, जो राज कपूर की जिंदगी का एक यादगार मोड़ बन गया। आरंभ में केदार शर्मा राज कपूर को निर्देशक बनाना चाहते थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने महसूस किया कि राज कपूर का असली जूनून अभिनय में है। यही वजह है कि उन्होंने राज कपूर को 5000 रुपये की साइनिंग अमाउंट और 25,000 रुपये 'नीलकमल' फिल्म के लिए दिए, जो राज कपूर के कलाकार बनने की शुरुआत थी। (Raj Kapoor Kedar Sharma slap story)
राज कपूर के युवावस्था के संघर्ष:--
राज कपूर की युवा अवस्था में एक ऐसी स्थिति थी जब वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहे थे और अपनी जिन्दगी में भटकाव के दौर से गुजर रहे थे। वे उन इलाकों में जाने लगे थे जहां अच्छे माहौल का अभाव था, जिसे समझाने के लिए 'रेड लाइट एरिया' शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस आर्टिकल में इसे 'ऐसे इलाक़े, जहां युवाओं का मन भटक जाता था' कहना बेहतर होगा। उनके पिता पृथ्वीराज कपूर इस बात से काफी परेशान थे, क्योंकि वे जानते थे कि उनके बेटे के अंदर कला और अभिनय की गहरी क्षमता है, लेकिन यह भटकी हुई आदत उनके भविष्य के लिए खतरा बन सकती थी। उन्होंने अपने करीबी दोस्त केदार शर्मा से मदद मांगी, जिन्होंने इस काम को दिल से लिया। केदार शर्मा ने राज कपूर को काम की सिखाने के साथ-साथ उनकी ज़िन्दगी को सही दिशा में मोड़ने की भी पूरी कोशिश की। (Raj Kapoor Neelkamal film debut)
केदार शर्मा ने राज कपूर को फिल्मी दुनिया के सबसे नीचले पायदान से करियर शुरू करने को कहा। यानी क्लैप बोर्ड मारने के काम से । राज कपूर क्लैप बोर्ड हाथ में लेते ही सबसे पहले कैमरे के सामने बाल सेट कर लिया करते थे, जिससे केदार शर्मा को हंसी भी आती थी और गुस्सा भी आता था। केदार, राज कपूर को समझाते भी थे कि क्लैप बोर्ड लेकर काम करते हुए बाल बनाना उचित नहीं है। लेकिन राज बार बार भूल जाते थे। उनका एक यादगार किस्सा यह भी है कि एक बार केदार शर्मा ने राज कपूर को कैमरे के सामने बाल संवांरते हुए पकड़ लिया और उन्हें समझाया कि यह सही नहीं है। जब राज कपूर दोबारा ऐसा करते रहे तो केदार शर्मा ने गुस्से में आकर उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मार दिया। (Kedar Sharma and Raj Kapoor mentor-mentee relationship)
अनुशासन का सबक और राज कपूर के अभिनय करियर की शुरुआत
केदार शर्मा ने राज कपूर को इसलिए थप्पड़ मारा क्योंकि राज कपूर शूटिंग सेट पर कैमरे के सामने बार-बार अपने बाल ठीक किया करते थे, जबकि केदार शर्मा उन्हें पहले ही समझा चुके थे कि ऐसा करना अनुशासनहीन है। केदार शर्मा ने राज कपूर से कई बार कहा कि कैमरे में देखते हुए बाल ठीक करना बंद करें, लेकिन राज कपूर ने उनकी बात नहीं मानी। इतना देखकर गुस्साए केदार शर्मा ने एक बार राज कपूर के चेहरे पर जोरदार थप्पड़ मार दिया, जिससे उनके चेहरे पर निशान भी रह गया। इस थप्पड़ के बाद केदार शर्मा को एहसास हुआ कि राज कपूर असल में अभिनय करना चाहते हैं जबकि वे उन्हें निर्देशक बनाना चाहते थे। इसके बाद केदार शर्मा ने राज कपूर को अपनी फिल्म "नीलकमल" में मुख्य अभिनेता के रूप में 5000 रुपये का साइनिंग अमाउंट और 25000 रुपये की राशि दी, जिससे राज कपूर का करियर एक्टिंग में शुरू हुआ और वे बाद में महान अभिनेता बने। (Inspiring story of Raj Kapoor’s acting career)
इस थप्पड़ का राज कपूर के जीवन और करियर पर बहुत बड़ा असर पड़ा और उन्होंने इसे अपनी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण मोड़ माना।
इस घटना का सार यह है कि केदार शर्मा ने अपने कठोर व्यवहार से राज कपूर को सही राह पर आने और अपने सपने को पूरा करने का मौका दिया
उस थप्पड़ ने राज कपूर के अंदर एक नई जंग को जन्म दिया और उन्होंने यह ठान ली कि अब तो वे अभिनय में ही अपने असली हुनर को चमका सकते हैं। वे पर्दे के पीछे नहीं रहेंगे। (Raj Kapoor Kedar Sharma shooting set incident)
और वाकई, राज कपूर ने अपने इस संघर्ष भरे सफर को पार करते हुए हिंदी सिनेमा को एक नई ऊंचाई दी। उनका डेब्यू फिल्म 'नीलकमल' से हुआ, जिसमें उन्होंने मधुबाला के साथ काम किया। यह फिल्म 1947 में आई थी और राज कपूर के करियर की शुरुआत थी। बाद में उन्होंने कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं, जैसे 'आग', 'बरसात', और 'आवारा' जो आज भी दर्शकों के दिलों पर राज करती हैं। राज कपूर को केवल एक शानदार अभिनेता ही नहीं बल्कि एक महान निर्देशक और निर्माता भी माने जाते हैं। जिन्होंने बॉलीवुड को विश्व मंच पर पहचान दिलाई। उनकी कलात्मक छवि और मेहनत देश-विदेश में मशहूर हुई और वे कपूर खानदान के मुखिया बन गए। आज भी फिल्म इंडस्ट्री में उनका एक अहम नाम है। (Raj Kapoor first signing amount 5000 rupees)
राज कपूर के बारे में कुछ अनजान तथ्य:
वे एक ऐसे कलाकार थे जिन्होंने अपने फिल्मी किरदारों में आम आदमी की जिंदगी को इतनी विस्तार से दिखाया कि हर कोई उनसे जुड़ गया।
- उनकी एक खास आदत थी कि वे सेट पर आने से पहले पूरी तैयारी करते और हर बार नए प्रयोग करते।
- राज कपूर की फिल्म 'आवारा' ने न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी तहलका मचाया था, खासकर रूस और चीन में।
- उन्होंने कई कलाकारों के करियर को लॉन्च किया था, जिनमें मधुबाला, नर्गिस, और गीता बहलि शामिल हैं।
राज कपूर की जिंदगी संघर्षों से भरी थी, लेकिन इन संघर्षों ने उन्हें सिनेमा के शहंशाह में बदल दिया। आज भी उनकी यादें और फिल्में हमारे दिलों में जिन्दा हैं, और उनकी कहानी हमें यह कहानी सुनाती है कि चाहे रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो, मेहनत और लगन से हर मंजिल आसान हो जाती है। इस कहानी से यह भी पता चलता है कि सही गुरू और मार्गदर्शन कितना जरूरी होता है, जो कि केदार शर्मा ने राज कपूर को दिया।
FAQ
प्र1. केदार शर्मा ने शूटिंग सेट पर राज कपूर को क्यों थप्पड़ मारा था?
उ1. केदार शर्मा ने राज कपूर को इसलिए थप्पड़ मारा क्योंकि वे शूटिंग के दौरान बार-बार कैमरे के सामने अपने बाल ठीक कर रहे थे, जबकि उन्हें कई बार अनुशासन बनाए रखने की चेतावनी दी गई थी।
प्र2. राज कपूर के अभिनय करियर की शुरुआत किस फिल्म से हुई?
उ2. राज कपूर के अभिनय करियर की शुरुआत फिल्म नीलकमल से हुई थी, जिसमें उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई।
प्र3. नीलकमल फिल्म के लिए राज कपूर को पहला साइनिंग अमाउंट कितना मिला था?
उ3. राज कपूर को नीलकमल के लिए 5,000 रुपये साइनिंग अमाउंट और 25,000 रुपये अतिरिक्त राशि मिली थी।
प्र4. राज कपूर के शुरुआती करियर में केदार शर्मा की क्या भूमिका थी?
उ4. केदार शर्मा राज कपूर के गुरु थे, जिन्होंने उन्हें कड़ी मेहनत, अनुशासन और अभिनय का महत्व सिखाया और उनका पहला बड़ा ब्रेक दिया।
प्र5. क्या राज कपूर शुरू में निर्देशन में करियर बनाना चाहते थे?
उ5. हाँ, शुरुआत में केदार शर्मा राज कपूर को निर्देशक बनाना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि राज कपूर की असली प्रतिभा और जुनून अभिनय में है।
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