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Evergreen Bollywood star: रेखा नाम में ही वो राज़ हैं जो हर सीमा को एक दायरा देती है लेकिन जिनका अपना दायरा तो अंतहीन है। (Rekha) कुछ समय पहले जब मैं बॉलीवुड की पहली दिवा मानी जाने वाली अभिनेत्री रेखा के जुबान से एक शेर सुन रही थी, तो अचानक लगा कि यह रेखा नहीं, उनकी आत्मा बोल रही है। रेखा सुना रही थी: (Bollywood icon Rekha)
"अल्लाह अगर तौफ़ीक़ न दे इंसान के बस का काम नहीं
फ़ैज़ान-ए-मोहब्बत आम सही इरफ़ान-ए-मोहब्बत आम नहीं"
वही रेखा: सुपरस्टार की अलौकिक सुंदरता और दिल को छू लेने वाला नम्र अंदाज़
वही रेखा, वही खूबसूरती, वही दिल और वही जुबान जो बरसों पहले हमने उनसे मुलाकात के दौरान देखी थी। मेरे साथ थे मायापुरी के संस्थापक श्री ए. पी. बजाज (जिन्हे मैं दादू पुकारती थी), पन्नालाल अंकल और मायापुरी के ही जे एन कुमार। (Rekha interview) वे सब दिल्ली से आए थे। रेखा की शूटिंग जुहू बंगले ( शायद नागी विला) में चल रही थी।
रेखा सुपर स्टार थी (आज भी है) लेकिन हैरत की बात है (Rekha beauty) कि उनमें कोई गुमान न था। बजाज जी ने उन्हे नमस्ते कहा तो रेखा ने उनका हाथ थाम कर अपने सर पर लगा लिया, जैसे उनसे आशीर्वाद ले रही हो। (Rekha philosophy) बजाज जी ने जल्दबाजी में कहा, "आपका नसीब है जो मुझसे मुलाकात हो गई।" तुरंत उन्हे अपना उल्टा बोल जाने का एहसास हुआ और दादू ने जल्दी से कहा, (Rekha wisdom) "अरे, मेरा मतलब था, हमारा नसीब है जो आपसे मुलाकात हो गई।" यह सुनकर रेखा जोर से हँस पड़ी थी, बोली, "होता है, होता है, कभी कभी ऐसा होता है, लेकिन आपने सही ही तो कहा, आप बुजुर्ग हैं, (Bollywood superstar) आपसे मिलना हम बच्चों का नसीब ही तो है।" रेखा खिलखिला रही थी, और मैं, अपनी किशोर उम्र में जीवन में पहली बार ऐसी खूबसूरती देख रही थी। उनके सौंदर्य की छटा में, उन्हे घेरे ऐसा सुनहरा औरा था कि आँखे चौंधिया रही थी। (Rekha beauty) उस अलौकिक सुंदरता के बीच से इतना डाउन टू अर्थ बर्ताव जैसे सोने पे सुहागा। पन्ना लाल अंकल (मेरे गुरुजी) उनका लंबा इंटरव्यू ले रहे थे, और रेखा, मदहोश करने वाली आवाज़ में, ठहर ठहर कर हर प्रश्न का उत्तर दे रही थी। रेखा ने मुझे प्यार से देखा और एक डार्क चॉकलेट भी दिया था। (Rekha lifestyle)
उन दिनों रेखा अंग्रेज़ी पत्र पत्रिका में इंटरव्यू देने से मना कर रही थी, (Rekha spirituality) लेकिन मायापुरी को उन्होने बहुत प्रेम से इंटरव्यू दिया। उन्होने कहा था, "मैं सबको अपना समझ कर इंटरव्यू के दौरान सच सच सब बताती थी लेकिन फिर देखा कि वो लोग मेरी अच्छाई का फायदा उठा कर कुछ इस तरह से मेरी बातों को डर्टी तरीके से लिखते,कि मैं हैरान रह जाती थी, वो सब पढ़कर मैं सोचती कि उन लोगों ने मेरे बारे में जो लिखा, मैं वो इंसान तो हूं ही नहीं। सिर्फ अपने पत्र पत्रिका बेचने के लिए वे लोग ऐसा गलत काम करते थे (Rekha personal life)
रेखा की अलौकिक खूबसूरती और मदहोश कर देने वाली आवाज़ में आज भी वही जादू
आज जब इतने वर्षों बाद फिर से उन्हे देख रही हूँ, (Rekha thoughts on love) सुन रही हूँ तो लग रहा था वक्त ठहर गया है। उनकी खूबसूरती, उनकी मदहोश करने वाली आवाज में रत्ती भर भी फर्क नहीं। रेखा सुना रही थी :---
"अल्लाह अगर तौफ़ीक़ न दे इंसान के बस का काम नहीं
फ़ैज़ान-ए-मोहब्बत आम सही इरफ़ान-ए-मोहब्बत आम नहीं"
है फर्क बड़ा ए जान ए रज़ा, दिल देने में दिल लेने में,
उल्फत का ताल्लुक जान के भी, इस रिश्ते की नज़ाकत क्या जानो,
आना है जो बज़्म-ए-जानाँ में, पिंदार-ए-ख़ुदी को तोड़ के आ
ऐ होश-ओ-ख़िरद के दीवाने, याँ होश-ओ-ख़िरद का काम नहीं
जो चाहते हो वो कहते हो, चुप रहने की लज्ज़त क्या जानो
ये राज़ ए मुहब्बत है प्यारे, तुम राज़ ए मुहब्बत क्या जानो
वही, राज़, वही अंदाज़, वही आधी मुस्कुराहट, वही आँखों में एक नम झिलमिलाहट।(Rekha timeless beauty)
बॉलीवुड की दिग्गज रेखा अपनी फिल्मों से ज़्यादा रहस्यमयी है , अपने सार्वजनिक व्यक्तित्व से ज़्यादा गहरी और अपने सबसे भावुक किरदारों से भी ज़्यादा कोमल महिला हैं। उनका जीवन उनकी पसंदीदा कला की तरह है - काव्यात्मक, अप्रत्याशित, ऐसे उतार-चढ़ावों से भरा जिन्हें उनके अलावा कोई नहीं जानता। लोग उन्हें एक शाश्वत दिवा के रूप में देखते हैं, हमेशा उम्रहीन, नाज़ुक, वलनरेबल, खामोश और खूबसूरत। इस चमकदार रोशनी के पीछे हैं उनकी अपनी स्त्री शक्ति, ग्रेस और जल की तरह पारदर्शी, किसी भी पात्र के अनुरुप ढल जाने की फ्लेकसीबिलिटी।
रेखा कहती हैं,
"मेरे लिए समय का कोई अस्तित्व नहीं है। जब आप हर पल का आनंद लेते हैं, तो आप खुद को बचाए रखने की कला सीखते हैं।"
हर सुबह रेखा के लिए एक पुनर्जन्म है और वे सचमुच ऐसा ही करती हैं। वह उठती हैं, कसरत करती हैं, हर्बल चाय पीती हैं, कार्डियो और योग करती हैं और कभी-कभी व्यायाम के बीच में मोरनी की तरह नृत्य भी करती है । वे कहती हैं, " वर्क आउट के बीच मैं नाच भी उठती हूं। कोई तय नियम नहीं हैं। (हालांकि मैंने कभी नृत्य में कोई शिक्षा नहीं ली) यह जीवन पर भी लागू होता है। आपको अपने अस्तित्व के हर हिस्से का उपयोग करना चाहिए। मैं यह हर पल करती हूँ," । रेखा महज़ जीवित रहने के पीछे नहीं जीती, वह जीना चुनती हैं।(Indian cinema legend)
अकेलेपन से उन्हे कोई डर नहीं लगता। "मैं अकेली हूँ। मैं नेटवर्क नहीं बनाती या लोगों से मिलती नहीं। किसी इंसान का अपने बारे में बात करना बेहद नाइंसाफी है। "(Rekha on freedom and self-love) वह हज़ारों किस्से अपनी दबी हुई मुस्कुराहट के साथ स्वीकार करती है। रेखा मानती है कि उसे खुद बस अपनी संगति ज़्यादा पसंद है। वह अपने छोटे से दायरे यानी सीमा रेखा और उन साधारण, रोज़मर्रा के कामों को महत्व देती है जिनका वह ध्यान रख सकती है। "विलासिता का मतलब है जिससे भी आप मिलना चाहते हैं, जहाँ भी आप जाना चाहते हैं, जब भी आप, जो चाहे कुछ करना चाहते हैं। जैसे-जैसे हम ज़्यादा हासिल करते हैं, ज़िंदगी में और चाहत बढ़ता जाता है। लेकिन मैं छोटी-छोटी चीज़ों से संतुष्ट हूँ," वह हमेशा व्यावहारिक होकर कहती है।
उनकी एक खास पुरानी अलमारी भी एक कहानी है। रेखा कहती हैं , "मेरे पास जितने भी गहने हैं, वे मेरी अम्मा के हैं। बस, वैसे तो कुछ ही सेट हैं। लेकिन मैं रचनात्मक हूँ। (Rekha quotes) मैं उन्हें अलग तरह से पहनती हूँ। कपड़े, मैं मिक्स एंड मैच करती हूँ। मेरे पास डिज़ाइनर कपड़ों का एक बड़ा कलेक्शन था। अब वे बहुत महंगे हो गए हैं। मैं डेट पर नहीं जाती न ही पार्टियों में जाती हूँ, तो मुझे किस लिए तैयार होना है? मेरा सबसे अच्छा पहनावा घर से एयरपोर्ट तक है... वही मेरा कैटवॉक है। "(Rekha Bollywood actress)
रेखा का दर्शन: उम्र, स्वतंत्रता और आत्म-प्रेम में निहित शांति
रेखा का, हर उम्र में, बदलाव को लेकर अपनी नज़रिया लगभग दार्शनिक है। "उम्र और शरीर की अस्वस्थता मुझे डराते नहीं। डरने की क्या बात है? जो आपके हाथ में नहीं है, उसकी कम से कम चिंता करो। मैं खुद को एब्यूज़ नहीं करती , नशा नहीं करती, सादा शाकाहारी खाना खाती हूँ, मुझे पता है कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। मैं गलत चीजों में हाथ नहीं डालती। हर किसी को इसका अभ्यास करना चाहिए। इससे पहले कि आपको एहसास भी हो, ज़िंदगी चलती रहती है।" (Rekha timeless charm)
उनके प्रेम जीवन के बारे में अक्सर अटकलें लगाई जाती हैं, लेकिन वे बेबाकी से हर प्रश्न का सीधा उत्तर देती हैं। रेखा की एकमात्र शादी दुखद रूप से समाप्त हुई, लेकिन उन्होंने रिश्तों की तलाश के बजाय स्वतंत्रता और आत्म-प्रेम को चुना। "मेरा उद्देश्य व्यक्तिगत प्रेम से परे है," वह स्वीकार करती हैं। उनकी आवाज़ स्थिर लेकिन दिल खुला हुआ है। प्रेम, प्रतिबद्धता, त्याग से है। सभी के लिए उनके उत्तर एक ही हैं: स्वीकृति और शांति। (Rekha evergreen beauty)
रेखा को कविता, खासकर उर्दू शेर और दोहों में सुकून और अर्थ मिलता है। वे रिएलिटी शोज़, अन्य कार्यक्रमों और मित्रों के सामने कविताएँ सुनाने के लिए जानी जाती हैं। हमेशा इस बात पर ज़ोर देते हुए कि वे अपने ज़ख्मों और खुशियों को एकसाथ सिलकर जोड़ती हैं। (Rekha personal journey) "जिंदगी तो बस एक मुसाफिर है, थक कर कहीं रुक जाती है। है ये सफर ही असल में, मंजिल तो सिर्फ एक बहाना है।" (जिंदगी तो एक मुसाफिर है जो थककर रुक जाती है, ये सफर तो असली है, मंजिल तो बस एक बहाना है।) जब वे कोई शेर पढ़ती है तो धीरे-धीरे भावुकता में रमी हुई बोलती है, कभी-कभी तो रुक जाती है, ताकि खत्म होने से पहले उसकी यादें उसकी आंखों से गुजर जाएं। उन्हें परवीन शाकिर, मेहंदी हसन, जिगर मुरादाबादी और ग़ालिब बहुत पसंद हैं। रेखा कभी-कभी उनकी कविताओं को अपनी आवाज़ बना लेती हैं। "कुछ इस तरह तेरी पलकें मेरी पलकों से मिला दे, आँसु तेरे सारे मेरी पलकों पे सजा दे।" उनका पसंदीदा है, "कुछ भी नहीं चाहा ज़िंदगी से, बस एक तुझ सा हमसफ़र चाहा था।"(Rekha life lessons)
"रेखा: बुद्धिमत्ता, मासूमियत और आध्यात्मिक शांति की प्रतीक
रेखा के शब्दों में बुद्धिमत्ता और मासूमियत, दोनों झलकती हैं। पछतावे के बारे में पूछने पर वे हँसती हैं। "ज़िंदगी एक नदी है, कभी चट्टानों पर बहती है, कभी धीरे से नर्म भूमि पर । लेकिन पछतावे के लिए मेरी डायरी में कोई जगह नहीं है।" इंटरव्यू में वे हमेशा दार्शनिक अंदाज़ में बोलती हैं। "मैं इस बात से सहमत हूँ कि मैं कौन हूँ और कौन नहीं हूँ। मैं क्या जानती हूँ और क्या नहीं और मेरे लिए क्या संभव है और क्या नहीं। जीवन संभावनाओं के एक अनंत जाल के रूप में उभर रहा है और मैं इसे चुनने के लिए तैयार हूँ।"(Rekha ageless icon)
रेखा अपने माता को बहुत प्यार से याद करती हैं। "मेरे पास जितने भी आभूषण हैं, वे मेरी अम्मा के हैं। बस कुछ सेट। मेरी माता ने मुझे जीवन, प्रेम और भावनाओं का उपहार दिया।" जड़ों से रेखा का गहरा लगाव है, लेकिन जो भी उन्हें शांति नहीं देता, उससे नाता तोड़ लेने की उनकी क्षमता भी उतनी ही गहरी और अद्भुत है।
रेखा की आध्यात्मिकता उनके सीने में धड़कती है। वह ईश्वर को दिल से मानती हैं, वेद पढ़ती हैं, उर्दू शायरी पढ़ती हैं और मानती हैं कि एकमात्र सच्चा उद्देश्य अवरोध में रहना है। डेविड व्हाइट को कोट करते हुए वे कहती हैं, "जैसे-जैसे हम परिपक्व होते हैं, हमारे पास एकमात्र विकल्प यह होता है कि हम अपनी कमजोरियों में कैसे रहते हैं, कैसे हम विलुप्त होने के साथ अपनी अंतरंगता के माध्यम से बड़े और अधिक साहसी बनते हैं।" उनका संदेश है कि किसी भी क्षति में साहस, दर्द में उदारता और एकांत में भी आनंद होता है।(Rekha interviews 2025)
आज उनकी ज़िंदगी सिर्फ एक अभिनेत्री होने तक सीमित नहीं है बल्कि जीवन को जैसे है वैसे स्वीकारोक्ति में है। वे कहती हैं, "मैं जीवन के वर्तमान और आज के अनुभव में जीना सीख रही हूँ। आँखें खुली रखते हुए, बंद नहीं।" वे खुद को एक स्टार नहीं, बल्कि एक इंसान के रूप में देखती है जो जी रही है। अगर उनसे पूछा जाए कि वे क्या चाहती हैं? तो रेखा बस यही कहेंगी, "ज़ख्म दिल के भर गए हैं, अब तो मुस्कुराना आया है।" रेखा कई बार जब अपनी गहरी आवाज़ में गाती हैं," जुस्तज़ू जिसकी थी, उसको तो ना पाया हमने, इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हमने, तुझको रुसवा ना किया, खुद भी पशेमाँ ना हुए, इश्क की रस्म को इस तरह निभाया हमने" तो ज़ाहिर है सिर्फ रेखा की आँखें ही नहीं छलक के झिलमिला उठती है, बल्कि जुस्तज़ू जिसकी थी, वो इंसान भी कराह उठता होगा।
राहें धुआँ धुआँ हैं, सफ़र गर्द गर्द है, आँखों का था क़ुसूर न दिल का क़ुसूर था।
रेखा एक बेहद अच्छी और नेक इंसान , बेहद ईमानदार, ज़मी से जुड़ी हुई, इतनी महान अभिनेत्री, विश्व स्तर की इतनी बड़ी हस्ती, लेकिन ना कोई घमंड ना कोई दंभ। उन्हे बागवानी करना, कपड़े डिज़ाइन करना, घर सजाना, गाना गाना , पसंद है। वे किसी से भी बेहद अपनापन और इज़्ज़त से पेश आती है।(Rekha philosophy of life)
रेखा को जिसने ना पाया, वो उसका लॉस है। उनके जीवन के सबक, उनकी काव्यात्मक आत्मा का एक मिश्रण है। एक ऐसी नारी द्वारा लिखी गई एक भावपूर्ण संगीतमय मंत्र है जो हर सूर्योदय पर खुद को नया रूप देती है, खुद को नई चीज़ें सिखाती है, दर्द और हँसी को समान साथी मानती है, और बिना किसी पछतावे के आगे बढ़ती रहती है।
FAQ
1. रेखा कौन हैं?
रेखा भारतीय सिनेमा की सबसे मशहूर अभिनेत्रियों में से एक हैं, जो अपनी सदाबहार खूबसूरती, शानदार अभिनय और गरिमामयी व्यक्तित्व के लिए जानी जाती हैं।
2. रेखा को सदाबहार क्यों माना जाता है?
उनकी शालीनता, अनुशासन, आध्यात्मिक दृष्टिकोण, शाकाहारी जीवनशैली और जीवन को समझने का अनोखा अंदाज़ उन्हें हमेशा प्रासंगिक और सदाबहार बनाता है।
3. रेखा का जीवन दर्शन क्या है?
रेखा स्वीकार्यता, आत्म-प्रेम, सादगी और आध्यात्मिकता में विश्वास रखती हैं। वे ज़िंदगी को संभावनाओं की धारा मानती हैं और पछतावे से ज़्यादा शांति को चुनती हैं।
4. रेखा अपनी खूबसूरती और आकर्षण को कैसे बनाए रखती हैं?
वे शुद्ध शाकाहारी भोजन करती हैं, नशे से दूर रहती हैं, अनुशासित जीवन जीती हैं और आध्यात्मिक साधना पर ध्यान देती हैं।
5. क्या रेखा ने शादी की थी?
हाँ, रेखा की एक बार शादी हुई थी, लेकिन वह शादी दुखद रूप से समाप्त हो गई। उसके बाद उन्होंने नए रिश्तों की तलाश के बजाय स्वतंत्रता और आत्म-प्रेम को चुना।
6. प्रेम के बारे में रेखा के विचार क्या हैं?
रेखा प्रेम को प्रतिबद्धता, त्याग और स्वीकार्यता से जोड़ती हैं। उनके अनुसार सच्चा प्रेम व्यक्तिगत इच्छाओं से परे होता है और शांति में बसता है।
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