Advertisment

Rohan Kapoor ने Manoj Kumar को याद करते हुए कहा वह मेरे प्रेरणास्रोत थे...

हिंदी फिल्म जगत के प्रसिद्ध गायक महेंद्र कपूर (Mahendra Kapoor) के बेटे रोहन कपूर (Rohan Kapoor) ने मनोज कुमार और अपने पिता महेंद्र कपूर की मित्रता, अपने जीवन में उनके प्रभाव...

New Update
Rohan Kapoor ने Manoj Kumar को याद करते हुए कहा वह मेरे प्रेरणास्रोत थे...
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

हिंदी फिल्म जगत के प्रसिद्ध गायक महेंद्र कपूर (Mahendra Kapoor) के बेटे रोहन कपूर (Rohan Kapoor) ने मनोज कुमार और अपने पिता महेंद्र कपूर की मित्रता, अपने जीवन में उनके प्रभाव और उनके योगदान के बारे में ‘ मायापुरी’ से ख़ास बातचीत की. अपनी इस बातचीत में उन्होंने क्या कहा, आइये जानते हैं.

सिंगर- एक्टर रोहन कपूर (Rohan Kapoor) ने बताया कि मनोज जी और मेरे पिता महेंद्र जी का वास्ता काफी पुराना है. इसकी शुरुआत तब हुई जब मेरे पिता ने उनकी फिल्म शहीद (1965) के लिए ‘मेरा रंग दे बंसती चोला’ गाया. जब ये गाना रिकार्ड हुआ तो मनोज जी बहुत खुश थे क्योंकि उन्होंने देख लिया था कि मेरे पिता ने इसे बड़ी शिद्दत के साथ गाया है, मनोज जी को इसमें मेरे पिता जी की मेहनत और समर्पण का एहसास हुआ. उन्होंने कहा कि आपने बहुत ही कमाल का गाना गाया है. उन्होंने कहा कि ‘मैं जब अपने निर्देशन में पहली फिल्म करने जा रहा हूँ तो मैं चाहता हूँ कि आप ही मेरे आवाज बने.’

मेरे पिता जी को लगा कि मनोज जी ने यह बात ऐसे ही कह दी है और वो इसे जल्द ही भूल जायेंगे. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. मनोज जी अपनी बात नहीं भूले उन्हें याद रहा. फिर एक दिन उन्होंने मेरे पिता जी को फोन किया और कहा आप मुझसे मिलिए, हम मीटिंग करते है. जब मीटिंग हुई तो मनोज जी ने पिता जी को ‘जय जवान की किसान’ का पूरा कांसेप्ट समझाया. वहीँ फिल्म ‘उपकार’ (1967) का गाना ‘मेरे देश की धरती’ गाना भी रिकॉर्ड हुआ और यह फिल्म और गाना दोनों ही सुपरहिट साबित हुआ. कहते है कि यह गाना इंडिया का दूसरा ‘राष्टीय गान’ बन गया. देश का हर व्यक्ति इस गाने के बारे में जानता है.

जब मेरी स्कूलिंग पूरी हो गयी तब मेरे पिता जी ने मुझसे पूछा कि कॉलेज जाने से पहले क्या तुम कुछ सीखना चाहते हो? तब मैंने कहा कि मैं एक अच्छे निर्देशक के साथ काम करना चाहता हूँ, उनसे सीखना चाहता हूँ. इसके बाद उन्होंने कहा कि तुम्हें किससे सीखना है? मैंने मनोज कुमार जी का नाम लिया. मेरी यह बात सुनकर मेरे पिता जी ने उन्हें फोन किया और मेरी इच्छा के बारे में बताया तब उन्होंने कहा कि टीक है! कल उसे आरके स्टूडियो लेकर आओ. उस वक़्त उन्होंने मुझे नारियल, मिठाई और मोली लेकर आने को कहा.

खुशनसीब हूँ कि मुझे मनोज कुमार जी के साथ काम करने का मौका मिला

manoj kumar with Ruhan Kapoor

अगले दिन मैं ये सब सामान लेकर सेट पर पहुँच गया. उस वक़्त वहां ‘क्रांति’ फिल्म की शूटिंग चल रही थी, शूटिंग शुरू हुए कुछ दिन भी बीत चुके थे. मैं मनोज सर से मिला और उन्हें नारियल अर्पित किया. इसके बाद मेरी दी हुई मिठाई उन्होंने सब में बाँट दी. हमने कुछ देर बातें कीं. वहां उनका एक बहुत खास और पसंदीदा स्पोर्ट बॉय मौजूद था, जोकि बंगाली था, उन्होंने कहा बंगाली जल्दी से सेट पर झाड़ू लगाओ शशि कपूर जी आ रहे हैं. लेकिन वो वहां मौजूद नहीं था. तो मैंने ही जल्दी से झाड़ू उठाकर सेट को साफ किया. मनोज की यह सब करते हुए मुझे देख रहे थे, तब तो उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा लेकिन शाम को उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और मेरा माथा चुमा और कहा मैं बहुत खुश हूँ, उन्होंने कहा ‘तुमने जो आज किया उसे देखकर मैं यह समझ गया कि तुम सिर्फ मेरे दोस्त के बेटे की हैसियत से यहाँ सीखने नहीं आए हो, तुम मुझसे सच में सीखना चाहते हो और तुम सीखोगे और बहुत आगे तक जाओगे’. यहीं से मुझे उनका आशीर्वाद मिला. इसके बाद मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा. मैं बहुत खुशनसीब हूँ कि मुझे मनोज कुमार जी के साथ काम करने का मौका मिला.

rohan kapoor family

अगर मैं अपने पिता और मनोज जी की बात करूं तो उन्होंने साथ में बहुत सी फ़िल्में की. जिसमें उपकार, पूरब और पश्चिम, रोटी कपडा और मकान शामिल है. इन फिल्मों के लिए उन्हें और पिताजी कई आवार्ड भी मिले, जिसमें नेशनल, पदमश्री और फिल्मफेयर अवार्ड भी शामिल है. वहीँ इन गानों को लोगों ने भी काफी पसंद किया. इसके अलावा ‘क्रांति’ फिल्म में भी बेहतरीन गाने हैं. 

लोगों को बच्चों की तरह रोये हुए देखा है

जब मेरे पिता जी विदेशों में शो किया करते थे, तब मेरे पिता कुछ शानदार और यादगार गानों से शो की शुरुआत और अंत किया करते थे. मुझे एक बार का किस्सा याद है, जब पिता जी ने ‘पूरब और पश्चिम’ का गाना ‘है प्रीत जहाँ की रीत सदा’ गाना गाया तो सभी फूट- फूटकर रोने लगे. मैंने वहां लोगों को बच्चों की तरह रोये हुए देखा है.

कभी रिश्ता नहीं छोड़ा 

manoj kumar mahendra kapoor

पिता जी के देहांत के बाद भी मनोज जी ने कभी हमसे रिश्ता नहीं छोड़ा. हमारा मिलना-जुलना लगातार जारी रहा. हम घंटों बाते किया करते थे. वे मेरे बच्चों सिधांत को भी बेहद प्यार करते थे. वे हमसे अपनी मन की बातें भी किया करते थे. हमें उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला. इतना ही नहीं वे कही बार मेरे शो में मुख्य अतिथि बनकर भी आए. चाहे उन्हें विल चेयर पर ही क्यों न आना पड़े, पर य्वे आए. एक बार की बात है मैं गाना गा रहा था तभी उन्होंने ‘मेरे देश की धरती’ गाना गाना शुरू कर दिया. तब मैंने उन्हें माइक दिया और हमने साथ में गाना गाया. इसके अलावा वे इतने बड़े देश भक्त थे कि उनके सामने आप किसी भी स्वत्रंता सेनानी का नाम ले, वे सबके बारे में जानते थे.

‘क्रांति’ का वो वाकया 

kranti

‘क्रांति’ फिल्म से जुड़ा एक वाकया मुझे याद है. एक बार उन्होंने हम सब छात्र को लाइन से बैठा दिया और खुद चारपाई पर बैठ गए. तब उन्होंने मुझे कहा कि आप इस फिल्म के नायक के बारे में जानते हैं तब हमने कहा नहीं. फिर उन्होंने बताया कि यह मराठा स्वत्रंता सेनानी कानू आंग्ल पर आधारित है. इतिहास में इनके बारे में कम लिखा गया है. कहने की बात यह है कि कौन ही इतनी रिसर्च करता है.

वहीँ उनकी फिल्म शहीद (1965) जिसमें मेरे पिता जी ने ‘ओ मेरा रंग दे बसन्ती चोला’ गाना गाया है , उसकी बात ही अलग है. मनोज जी ने मुझे इसके बारे में बताते हुए कहा कि तुम अपने पिता का यह गाना सुनो. इस गाने के बारे में उन्होंने मुझे बताया कि मैंने तुम्हारे पिता को इस गाने के लिए छूट दे रखी थी कि इसे जैसे मर्जी गाओ और उन्होंने शानदार गाया.

मनोज, धमेंद्र, महेंद्र और केवल कश्यप थे जिगरी

manoj kumar dharmendra mahendra kapoor

manoj kumar film upkar shaheed

एक बार ‘उपकार’ फिल्म के दौरान उन्होंने मेरे पिता जी को ‘शहीद’ के गाने के बारे में बात करने के लिए सुबह जल्दी बुलाया और तय समय (8 बजे) पर मेरे पिता जी वहां पहुँच भी गए, लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पिता जी समय से आ जायेगे. जब मेरे पिता वहां पहुंचे तो वहां 2 चारपाई थी जिसमें से एक से आँख मलते हुए मनोज कुमार जी उठे और दूसरे पर से धर्मेन्द्र जी. मनोज जी ने धर्मेन्द्र जी को कहा कि उठो जाकर चाय बनाओ. उस वक़्त यह इन सभी के संघर्ष के दिन थे. तब मेरे पिता, मनोज जी, केवल कश्यप और धमेंद्र जी अच्छे दोस्त थे. 

मेरी पहली फिल्म से बहुत खुश हुए 

Rohan Kapoor film faasle

मनोज कुमार जी इतने बेहतरीन इन्सान थे कि जब मुझे यश चोपड़ा जी ने फिल्म ‘फासले’ में अभिनय करने का मौका दिया और पापा ने यह बात उन्हें बताई तो उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया. जब मैं वहां गया और उनसे मिला तो वे और उनकी पत्नी मेरा एल्बम देखने लगे और बहुत खुश हुए. फिर उन्होंने मेरा माथा चुमा और आशीर्वाद दिया.

manoj kumar

रोहन ने अपनी इस बातचीत में यह भी बताया कि मनोज जी ने उन्हें बाबा फरीद के कुछ अल्फाज भेजे थे और कहा था कि इसे अपने गाने में डालो. इसके बारे में रोहन कहते हैं कि वह मनोज जी की यह बात ज़रूर मानेंगे और जल्द ही अपना गाना लेकर आयेंगे.

by PRIYANKA YADAV

Read More

RJ Mahvash ने Yuzvendra Chahal के साथ डेटिंग अफवाहों पर तोड़ी चुप्पी, बोली- ‘मैं बहुत ज्यादा…’

Manoj Kumar last Rites: कल होगा Manoj Kumar का अंतिम संस्कार, दिवगंत एक्टर के बेटे ने पिता के निधन की दी पूरी जानकारी

Akshay Kumar Reject Mrigdeep Singh Lamba Film: अक्षय कुमार ने इस वजह से ठुकराई मृगदीप सिंह लांबा की कॉमेडी फिल्म, जानें वजह

Manoj Kumar Death: नहीं रहे दिग्गज एक्टर Manoj Kumar, Akshay Kumar समेत हस्तियों ने दी दिग्गज कलाकार को श्रद्धांजलि

Tags : Manoj Kumar condolences | Manoj Kumar Death News | Manoj Kumar dies | manoj kumar news | Manoj Kumar Passes Away

Advertisment
Latest Stories