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"गाते हैं शान से---सुनते हैं शान से"!
फॉरएवर किशोर ---शान से - बहुमुखी सेलेब गायक शान की महान किशोर कुमार को पहली पूर्ण मंत्रमुग्ध कर देने वाली लाइव वोकल श्रद्धांजलि मुंबई के शानदार एनएमएसीसी ग्रैंड थिएटर में आयोजित की गई थी। (Shaan tribute to Kishore Kumar)
शान ने एनएमसीसी थिएटर में किशोर कुमार के 70 सदाबहार गीतों से भरी शानदार प्रस्तुति दी
वरिष्ठ गायक शान (असली नाम शांतनु मुखर्जी) ने जबरदस्त हिट 'मैं हूं डॉन' और 'ओम शांति ओम' के साथ रात की शानदार शुरुआत की, इसके बाद उन्होंने तुम बिन जाऊं कहां, मेरे दिल में आज क्या है, तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई और कहना है जैसे किशोर कुमार के सदाबहार रेट्रो-क्लासिक्स की भावपूर्ण धारा में प्रस्तुति दी। दिल क्या करे जैसे रोमांटिक गीतों से लेकर निहिरा जोशी के साथ हाल कैसा है जनाब का और खुल्लम खुल्ला जैसे आकर्षक युगल गीतों तक, लगभग 70 गानों की सेटलिस्ट में किशोर दा की प्रतिभा के हर रंग को दर्शाया गया है। (NMCC Theater Kishore Kumar concert)
यह शाम सिर्फ़ संगीत के बारे में नहीं थी; यह शान की गर्मजोशी और बुद्धिमता से जीवंत थी। उन्होंने श्रोताओं को याद दिलाया कि कैसे "हर गायक का पहला कदम कहीं न कहीं किशोर दा से प्रेरित होता है," और आज के ज़माने के व्हाट्सएप ब्लू टिक्स के प्रति जुनून की तुलना क्लासिक गीत "इंतेहा हो गई इंतज़ार की" से करके लोगों को खूब हँसाया। उन्होंने किशोर कुमार के आशावाद को अभिव्यक्ति और पुष्टि के आज के प्रचलित शब्दों से जोड़ा, और "जो सोचे, जो चाहे वो करके दिखाए" गीत का हवाला देते हुए इस बात का प्रमाण दिया कि किशोर कुमार अपने समय से बहुत आगे थे। (Shaan live performance retro classics)
एक दिल को छू लेने वाला पल तब आया जब शान के बेटे माही ने मंच पर उनके साथ "ओ मेरे दिल के चैन" गाया, जिस पर ज़ोरदार तालियाँ बजीं। एक और यादगार पल तब आया जब शान ने किशोर कुमार के बेटे सुमीत कुमार के साथ सारा ज़माना हसीनों का दीवाना और अन्य युगल गीत गाए। सुमीत कुमार भी उस कॉन्सर्ट में मौजूद थे। और जैसे ही चलते चलते ने रात का समापन किया, खचाखच भरे दर्शक 'फॉरएवर किशोर शान से' के जादू में झूम उठे, जिनमें से कई भावुक भी दिखाई दिए! (Shaan hits Mein Hoon Don, Om Shanti Om)
इस कार्यक्रम में, शान ने दिवंगत प्रसिद्ध गायक ज़ुबीन गर्ग, जिनका उसी दिन निधन हो गया था, को भी श्रद्धांजलि दी और उन्हें 'ये जीवन है' के एक मार्मिक गायन के साथ याद किया।
शाम की सफलता पर विचार करते हुए, प्रस्तुतकर्ता नम्रता और रब्बानी ने कहा, "हम इस बात से बेहद खुश हैं कि शो कितनी खूबसूरती से सामने आया। खचाखच भरे घर को झूमते, गाते और किशोर दा के जादू को फिर से जीते देखना बेहद भावुक कर देने वाला था। शान को हर सुर में अपनी आत्मा डालने के लिए और दर्शकों को इस श्रद्धांजलि को इतने प्यार से स्वीकार करने के लिए हम तहे दिल से धन्यवाद देते हैं।" (Shaan duet performances with Nihira Joshi)
नम्रता गुप्ता खान और रब्बानी मुस्तफा खान (शान के गुरु, दिवंगत पद्म विभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान की पुत्रवधू और पुत्र) द्वारा प्रस्तुत, यह मनमोहक सुरीली शाम पुरानी यादों, कलात्मकता और असीम आनंद का एक शानदार उत्सव प्रतीत हुई।
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