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Chandni 1989 movie plot: फिल्म 'चांदनी' 1989 में बनी एक बेहद खूबसूरत और दिल को छू लेने वाली रोमांटिक म्यूज़िकल ड्रामा फिल्म है, जिसे यश चोपड़ा ने निर्देशित और सह-निर्मित किया था। कहानी कामना चंद्र ने लिखी थी और पटकथा उमेश कलबाग, अरुण कौल और सागर सरहदी ने तैयार की थी।
फिल्म ‘चांदनी’ (1989): यश चोपड़ा की रोमांटिक वापसी
चांदनी को एक्शन फिल्मों के दौर में बनाया गया था।जो प्यार, जज्बात, दर्द और उम्मीद की कहानी कहती है। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी यह फिल्म, उस वक्त उनके लिए ज़िंदगी में नया मोड़ लेकर आई, क्योंकि इससे पहले उनकी कई फिल्में ज्यादा सफल नहीं हो पाईं थीं। (Chandni movie story and love triangle)
खबरों के मुताबिक एक बार यश चोपड़ा अपनी कार से जा रहे थे और सड़क पर उन्हे हर जगह सिर्फ एक्शन फिल्मों के पोस्टर दिखे । तब उन्होंने एक रोमांटिक प्रेम कहानी बनाने का फैसला किया जो उनकी पुरानी खासियत थी और चांदनी बनी।
'चांदनी' ने यश चोपड़ा और यशराज फिल्म्स की प्रतिष्ठा और लोकप्रियता को फिर से बुलंद किया। (Yash Chopra’s romantic film Chandni plot)
फिल्म की कहानी बहुत रोमांटिक और दिल छूने वाली है। चांदनी (श्रीदेवी) एक भोली-भाली, खूबसूरत लड़की है जो अपने माता-पिता के साथ दिल्ली के एक शादी समारोह में जाती है। वहां उसकी मुलाकात होती है रोहित गुप्ता (ऋषि कपूर) से, जो पहली नज़र में उसका दीवाना बन जाता है। धीरे धीरे चांदनी भी उससे प्यार करने लगती है। दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते है और उनकी सगाई भी हो जाती है। लेकिन रोहित के परिवार वाले चांदनी को बिल्कुल पसंद नहीं करते। एक दिन रोहित,अपने हेलिकॉप्टर से चांदनी के ऊपर फूलों की बारिश करते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है, जिससे उसका शरीर का दाहिना हिस्सा लकवाग्रस्त हो जाता है। इस घटना से रोहित का परिवार चांदनी को जिम्मेदार ठहराता है और दबाव डालता है कि वह रोहित से दूर चली जाय। अपाहिज रोहित कुछ नहीं कर पाता और चांदनी रोती हुई हमेशा के लिए मुंबई चली जाती है।
चांदनी, ललित और रोहित के बीच प्यार का भावनात्मक टकराव
मुंबई में उसे ट्रेवल एजेंसी में नौकरी मिलती है और वहीं उसकी मुलाकात वहां के मालिक ललित (विनोद खन्ना) से होती
है। ललित उससे प्यार करता है और शादी का प्रस्ताव रखता है। दो साल इंकार करने के बाद आखिर चांदनी मान जाती है।
लेकिन चांदनी के दिल में अब भी रोहित के लिए जगह है। इस बीच रोहित स्विट्जरलैंड में इलाज के बाद वापस लौटता है। किस्मत से उसकी दोस्ती ललित से हो जाती है। एक बार जब वो ललित से मिलने आता है तो वहां चांदनी को देख हैरान रह जाता है। दोनों भाव विह्वल हो जाते हैं लेकिन चांदनी उसे बताती हैं कि अब उसकी शादी ललित से होने वाली है।
शादी के दिन रोहित वहां आता है और नशे में धुत होकर अचानक सीढ़ियों से गिरने लगता है तो चांदनी सब भूलकर उसे बाहों में संभाल कर रोने लगती है यह देख ललित अवाक रह जाता है और तब उसे सारी सच्चाई का पता चलता है। वो चांदनी और रोहित को मिला देता है। यह दोस्ताना और त्याग इस कहानी को महान बनाता है।
फ़िल्म के अन्य कलाकार हैं, वहीदा रहमान (ललित की मां) मीता वशिष्ठ. अनंत महादेवन, अचला सचदेव, बीना बनर्जी, मनोहर सिंह - सुहास जोशी, अनुपम खेर - रमेश मेहरा, जूही चावला - (देविका के रोल में), गजेंद्र सिंह)। (Emotional drama of Chandni, Lalit, and Rohit)
फिल्म की खूबसूरती इसके गीतों से भी जानी जाती है। गाने शिव-हरी ने बनाए थे। फ़िल्म के सुपरहिट गाने, जैसे, 'मेरे हाथों में नौ नौ चूड़ियाँ है', "महबूबा"
'मैं ससुराल नहीं जाऊंगी'
'मितवा (तेरे मेरे होठों पे)'
'आ मेरी जान', डांस म्यूजिक',' चांदनी ओ मेरी चांदनी',' लगी आज सावन की',' पहाड़ से काली',' तू मुझे सुना' आज भी सुनी जाती है। इस फ़िल्म में श्रीदेवी ने 'चांदनी, मैं तेरी चांदनी लल्लाला' गीत अपनी आवाज में गाई थी।
श्रीदेवी ने इस फिल्म में अपने कैरियर का एक नया अहम मुकाम हासिल किया। उनकी मासूमियत, खूबसूरती और अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत लिया। ऋषि कपूर का करियर उस समय ठीक नहीं चल रहा था लेकिन 'चांदनी' के सुपर हिट होते ही वे फिर से फॉर्म में आ गए। विनोद खन्ना भी चांदनी के कारण फिर से लाइम लाइट मे आ गए।
पर्दे के पीछे की कुछ दिलचस्प बातें भी मशहूर हैं। यश चोपड़ा ने इस फिल्म के हर दृश्य में बहुत मेहनत की थी। शूटिंग के दौरान कई बार मौसम की मुश्किलें आईं, फिर भी वे अपनी टीम के साथ पूरी ताकत से लगे रहे। यह फिल्म उनकी पतझड़ के बाद की बहार थी। कहा जाता है कि इस फिल्म ने यशराज फिल्म्स की ठंडी हालत को फिर से संभाला और फिर से चमकाया।
खबरों की माने तो श्रीदेवी ने इस फिल्म के लिए फीस कम रखी क्योंकि उन्हें यश चोपड़ा और फिल्म की कहानी पर पूरा भरोसा था कि यह हिट होगी इसलिए वे इस फ़िल्म का हिस्सा बनना चाहती थीं। i (Characters of 1989 superhit romantic film Chandni)
फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खूब धमाल मचाया और लाखों दिलों पर राज किया।
'चांदनी' हिंदी सिनेमा की उन क्लासिक फिल्मों में से है जो लाखों लोगों के दिलों में एक यादगार एहसास छोड़ गई। यह फिल्म प्यार की उस सच्ची दुनिया की झलक है जो सपनों से भरी होती है, लेकिन हकीकत के कड़े सच भी सामने लाती है। 36 साल बाद भी 'चांदनी' की कहानी , गाने और किरदार लोगों के दिलों में वैसे ही ताजा हैं जैसे पहले दिन थे।
इस फिल्म ने मॉडर्न हिंदी प्रेम कहानियों को एक नया दिशा दिया और आज भी यह फ़िल्म लव स्टोरीज़ की मिसाल मानी जाती है।
फिल्म को आलोचकों और दर्शकों दोनों से खूब सराहना मिली और यह साल की तीसरी सबसे सफल हिंदी फिल्म बन गई। इसका साउंडट्रैक भी उस साल (1989) और उस दशक का सबसे ज्यादा बिकने वाला एल्बम बना, जिसकी 10 मिलियन से ज्यादा प्रतियां बिकीं।
खबरों के मुताबिक निर्देशक यश चोपड़ा ने सबसे पहले रेखा को चांदनी का रोल ऑफर किया था क्योंकि वह उनकी पिछली फिल्म सिलसिला (1981) में भी चांदनी नाम का किरदार निभा चुकी थीं। लेकिन रेखा ने मना कर दिया और यश चोपड़ा को श्रीदेवी का नाम सुझाया।
निर्देशक यश चोपड़ा ने इस फ़िल्म में पहली बार अपने बेटे आदित्य चोपड़ा को सहायक निर्देशक के तौर पर रखा। यानी इस फ़िल्म से ही आदित्य चोपड़ा की फिल्म मेकिंग की शुरुआत हुई और उन्हें अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) बनाने के लिए कीमती अनुभव और ज्ञान मिला।
इस फिल्म के एक इंस्ट्रूमेंटल धुन यश चोपड़ा की अगली फिल्म लम्हे (1992) में "कभी मैं कहूँ" गाने में बदल गई।
अजब बात ये है कि इस फ़िल्म के निर्देशक यश चोपड़ा का निधन 2012 में हुआ, फिर विनोद खन्ना का 2017 में निधन हुआ , 3 साल के अंदर ही श्रीदेवी (2018) चल बसी और फिर ऋषि कपूर (2020) का भी निधन हो गया।
माधुरी दीक्षित, मीनाक्षी शेषाद्री, माधवी और शाहीन को इस फ़िल्म में देविका का रोल ऑफर किया गया था। लेकिन सबने यह रोल इसलिए मना कर दिया क्योंकि यह छोटा रोल था और फिल्म श्रीदेवी की थी।
जूही चावला उस समय नई अभिनेत्री थीं और श्रीदेवी की बहुत बड़ी फैन थीं, इसलिए उन्होंने यह रोल करने के लिए हां कर दी।
यह फ़िल्म जूही के लिए फायदेमंद साबित हुआ क्योंकि यश चोपड़ा ने बाद में उन्हें अपनी अगली फ़िल्म 'डर' में लिया और उनकी पूरी इमेज बदल दी।
इस फिल्म से पहले ऋषि कपूर मुश्किल दौर से गुज़र रहे थे।
विनोद खन्ना को फ़िल्म के स्क्रीन क्रेडिट में टॉप पर रखा गया था , जबकि वह फिल्म के दूसरे भाग में आए थे।
यश चोपड़ा की चांदनी से पहले 'फासले' (1985) और 'विजय' (1988) दो बड़ी फ्लॉप हो गई थीं।
फिल्म में श्रीदेवी द्वारा बार बार पहनी गई शिफॉन सड़ियां, उस दौर में महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय हुई, खासकर उत्तर भारत में, जहाँ 90 के दशक की शुरुआत में चांदनी से प्रेरित साड़ी का क्रेज था।
चांदनी ऐसी फिल्म थी जिसने हिंदी फिल्मों में यश चोपड़ा द्वारा स्विट्जरलैंड में शूटिंग करने के चलन को एक लोकप्रिय लोकेशन बना दिया।
बताया जाता है कि यह फ़िल्म रोहित की भूमिका के लिए पहले अनिल कपूर को ऑफर की गई थी, लेकिन उनके द्वारा इंकार किए जाने के बाद यश चोपड़ा ने यह भूमिका गोविंदा को ऑफर किया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया क्योंकि वह फिल्म के ज़्यादातर हिस्से में व्हीलचेयर पर नहीं बैठना चाहते थे।
चांदनी के ओरिजिनल वर्जन में ऋषि कपूर इंटरवल से पहले मर जाते हैं और इंटरमीशन के बाद विनोद खन्ना आते हैं। लेकिन बाद में स्क्रिप्ट बदल दी गई।
जनता की भारी मांग के कारण यह फिल्म 1992 की गर्मियों में कनाडा के सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी । (Vinod Khanna and Sridevi’s love story in Chandni)
कहा जाता है कि यश चोपड़ा विनोद खन्ना के शूटिंग पर बार-बार देर से आने से नाराज़ थे।
खबरों के मुताबिक बाद में जूही चावला इस फिल्म को साइन करने के फैसले से खुश नहीं थी क्योंकि उसके कई सीन एडिट कर दिए गए। सिर्फ़ एक बेडरूम सीन बचा।\
ड्रेस डिज़ाइनर लीना दारूवाले ने कई सालों तक कई अभिनेत्रियों के लिए ड्रेस तैयार किए थे लेकिन इस फ़िल्म में श्रीदेवी के लिए सिंपल सफेद चुरिदार, कुर्ता, लहरिया दुपट्टे ने उन्हें मशहूर बना गया।
दिल्ली के चांदनी चौक की दुकानों ने इस तरह की हजारों ड्रेस बेचकर खूब कमाई की।
FAQ
प्र1. फिल्म चांदनी की कहानी क्या है?
उ. चांदनी एक रोमांटिक म्यूज़िकल ड्रामा है, जिसमें चांदनी अपने पहले प्यार रोहित और वर्तमान रिश्ते ललित के बीच भावनाओं में उलझी रहती है। यह फिल्म प्यार, जुदाई और किस्मत की कहानी है।
प्र2. चांदनी फिल्म का निर्देशन किसने किया था?
उ. इस फिल्म का निर्देशन और सह-निर्माण मशहूर फिल्ममेकर यश चोपड़ा ने किया था।
प्र3. चांदनी में मुख्य कलाकार कौन हैं?
उ. इस फिल्म में श्रीदेवी (चांदनी), ऋषि कपूर (रोहित) और विनोद खन्ना (ललित) मुख्य भूमिकाओं में हैं।
प्र4. चांदनी कब रिलीज़ हुई थी?
उ. यह फिल्म साल 1989 में रिलीज़ हुई थी।
प्र5. चांदनी की शूटिंग कहां हुई थी?
उ. फिल्म के कई अहम दृश्य स्विट्जरलैंड और भारत के खूबसूरत स्थानों पर फिल्माए गए थे।
प्र6. यश चोपड़ा के लिए चांदनी क्यों महत्वपूर्ण थी?
उ. कई असफल फिल्मों के बाद चांदनी ने यश चोपड़ा के करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और बॉलीवुड में रोमांटिक फिल्मों का दौर फिर से शुरू किया।
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