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HAPPY BIRTHDAY Abhijeet Bhattacharya:अभिजीत भट्टाचार्य का नाम बॉलीवुड के उन गिने-चुने गायकों में आता है जिन्होंने 90 के दशक से लेकर 2000 के दशक तक अपनी आवाज़ से सभी का दिल जीता. उनका जन्म 30 अक्टूबर 1958 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था. अभिजीत का संगीत के प्रति रुझान बचपन से ही था, लेकिन एक छोटे शहर से आकर फिल्म इंडस्ट्री में पैर जमाना आसान नहीं था. उनके संघर्ष की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो संगीत की दुनिया में नाम कमाना चाहते हैं. आइए, उनके जीवन से जुड़े कुछ अनसुने किस्से और उनकी संगीत यात्रा पर विस्तार से नजर डालते हैं.
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प्रसिद्ध पार्श्वगायक अभिजीत भट्टाचार्य का जन्म 30 अक्टूबर 1958 को कानपुर (उत्तर प्रदेश) में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम धीरेन्द्रनाथ भट्टाचार्य और माता का नाम कमला भट्टाचार्य है. अभिजीत का बचपन संगीत और संस्कृति से भरे माहौल में बीता, लेकिन उनके परिवार का संगीत से कोई पेशेवर संबंध नहीं था. बचपन से ही उन्हें संगीत का शौक था और वे किशोर कुमार को अपना आदर्श मानते थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई आ गए, जहाँ उन्होंने संघर्ष के दौर से गुजरते हुए फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाई.
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अभिजीत भट्टाचार्य ने अपनी निजी जिंदगी को हमेशा मीडिया की चमक-दमक से दूर रखा है. उनकी पत्नी का नाम सुमती भट्टाचार्य (Sumati Bhattacharya) है. यह जोड़ी एक-दूसरे के बेहद करीब मानी जाती है और अभिजीत कई बार इंटरव्यू में कह चुके हैं कि उनकी सफलता के पीछे उनकी पत्नी का बड़ा योगदान है. दंपति के दो बेटे हैं — जय भट्टाचार्य (Jai Bhattacharya) और ध्रुव भट्टाचार्य (Dhruv Bhattacharya). दोनों ही अपने पिता की तरह पढ़े-लिखे और संस्कारी हैं, हालांकि उन्होंने अब तक फिल्म इंडस्ट्री में कदम नहीं रखा है.
शुरुआती जीवन और संघर्ष
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अभिजीत का पूरा नाम अभिजीत भट्टाचार्य है, और उनके परिवार का संगीत से कोई खास ताल्लुक नहीं था. वे एक मध्यमवर्गीय बंगाली परिवार से आते हैं, और उनके माता-पिता चाहते थे कि वे पढ़ाई में आगे बढ़ें. अभिजीत की संगीत के प्रति रुचि बचपन से ही थी, लेकिन उनके परिवार को संगीत में करियर बनाने का विचार पसंद नहीं था. इसके बावजूद, अभिजीत ने ठान लिया था कि वे अपने सपने को पूरा करेंगे और मुंबई आए.
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मुंबई में उनके शुरुआती दिनों में संघर्ष भरे थे. उन्होंने कई छोटे-मोटे गाने गाए और म्यूजिक डायरेक्टर्स के लिए संघर्ष किया. उन्हें फिल्मों में बड़े ब्रेक नहीं मिल रहे थे, लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें अंत में सफलता दी. 1980 के दशक के अंत में, उन्होंने कुछ छोटे प्रोजेक्ट्स में काम करना शुरू किया, लेकिन उन्हें बड़ी पहचान 90 के दशक में मिली.
चार्टर्ड अकाउंटेंसी करते करते बने सिंगर
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अभिजीत भट्टाचार्य ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) की पढ़ाई करते हुए गायकी में करियर बनाने का सपना देखा. वे मूल रूप से एक बंगाली परिवार से आते हैं और उनके परिवार में कोई संगीत की पृष्ठभूमि नहीं थी. अभिजीत को अपने माता-पिता की इच्छा के अनुसार CA की पढ़ाई करनी पड़ी, लेकिन उनका मन हमेशा संगीत की ओर ही था. इस बीच, उन्हें यह महसूस हुआ कि उनके असली सपने संगीत में हैं और उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर मुंबई जाने का फैसला किया.
संघर्षपूर्ण सफर और मुंबई में शुरुआत
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मुंबई में शुरुआती दिनों में अभिजीत का सफर आसान नहीं था. उन्हें कई मुश्किलें आईं, क्योंकि मुंबई में नाम कमाना आसान नहीं था. वे विभिन्न संगीत निर्देशकों के पास जाया करते थे, लेकिन उस समय उनके पास कोई सिफारिश नहीं थी. शुरूआत में उन्हें केवल छोटे-मोटे गाने गाने का मौका मिलता था. कई बार उन्हें रेकॉर्डिंग स्टूडियो के बाहर घंटों इंतजार करना पड़ता था और कई बार उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता था.
पहला ब्रेक और करियर की उड़ान
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अभिजीत का करियर तब बदलने लगा, जब 1991 में उन्हें सलमान खान की फिल्म "बागी" में गाना गाने का मौका मिला. उन्होंने फिल्म का गाना "चलते चलते यूं ही कोई मिल गया था" गाया, जो लोगों को बहुत पसंद आया. इस गाने ने अभिजीत को पहचान दिलाई और वे धीरे-धीरे इंडस्ट्री में स्थापित होने लगे.इसके बाद उन्हें शाहरुख खान के लिए गाने का मौका मिला और उनकी आवाज़ शाहरुख पर काफी सूट भी की. अभिजीत ने "यस बॉस" जैसी फिल्मों में शाहरुख के लिए हिट गाने गाए, जिनमें से "मैं कोई ऐसा गीत गाऊं" आज भी बहुत मशहूर है.
CA से सिंगिंग तक का सफर
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चार्टर्ड अकाउंटेंसी छोड़कर गायकी का रास्ता अपनाना उनके लिए एक बड़ा कदम था. लेकिन अभिजीत का कहना था कि उन्होंने अपने दिल की सुनी और वही किया जो उन्हें सही लगा. संगीत में अपना करियर बनाने के लिए CA को छोड़ना उनके लिए एक साहसी निर्णय था, लेकिन उनका मानना था कि अगर वे सिंगिंग में करियर नहीं बनाते तो वे कभी संतुष्ट नहीं होते..
विवादित बयानों के लिए होते हैं मशहूर
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अभिजीत हमेशा से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय खुलकर रखने वाले लोगों में से एक रहे हैं. वे अपने विचारों को साझा करने में कभी नहीं हिचकते, चाहे वह किसी फिल्म या गाने से संबंधित हो या फिर किसी सामाजिक मुद्दे से. कई बार उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी राय व्यक्त की है, जिसके कारण वे विवादों में भी आ चुके हैं.हालांकि, अभिजीत का मानना है कि एक कलाकार को अपनी राय रखने का पूरा हक होता है और वह समाज में बदलाव लाने की कोशिश कर सकता है. उनके अनुसार, एक कलाकार का समाज के प्रति भी दायित्व होता है, और वे इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हैं.
प्रमुख पुरस्कार
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Filmfare Award for Best Male Playback Singer — उन्होंने वर्ष 1998 में फिल्म Yes Boss के गीत “Main Koi Aisa Geet Gaaon” के लिए यह अवॉर्ड जीता.
MTV Asia Award — वर्ष 2004 में उन्हें यह पुरस्कार प्राप्त हुआ.
अन्य सम्मान एवं राज्य-स्तरीय पुरस्कार
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Yash Bharati Samman (उत्तर प्रदेश शासन द्वारा, 2013)
Sangeet Maha Samman (2015)
Vishesh Samman Award (पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा, 2017)
Vikramaditya Award (2018)
Banga Bibhushan (पश्चिम बंगाल के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक, 2022)
Uttar Pradesh Gaurav Samman — एक और राज्य-स्तरीय सम्मान जो उन्हें प्राप्त हुआ.
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गाने
अभिजीत भट्टाचार्य के गाए हुए ये गाने उनके करियर के कुछ सबसे खास और यादगार गाने हैं, जिन्होंने उन्हें एक बेहतरीन गायक के रूप में स्थापित किया आइए, इन गानों के बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं:
तुम दिल की धड़कन में
इस गाने में अभिजीत ने सलमान खान के लिए आवाज़ दी है. यह गाना एक रूमानी मुलाकात को बयां करता है और उस समय की लोकप्रिय हिट्स में से एक था. इस गाने ने अभिजीत को बॉलीवुड में एक गहरी पहचान दिलाई.
मैं कोई ऐसा गीत गाऊं
शाहरुख खान के लिए गाया गया यह गाना एक मीठे और मासूम इश्क़ को दर्शाता है. इस गाने में अभिजीत की आवाज़ ने शाहरुख के रोमांटिक व्यक्तित्व को बेहतरीन तरीके से उभारा है, जो आज भी श्रोताओं को लुभाता है.
तौबा तुम्हारे ये इशारे
इस गाने में प्यार और मोहब्बत की गहराई है. अभिजीत की आवाज़ ने इसे और भी भावुक बना दिया है, जिससे इस गाने को एक स्थायी लोकप्रियता मिली.
ओले ओले
यह गाना अभिजीत का एक डांस नंबर है, जिसे सैफ अली खान पर फिल्माया गया था. इस गाने में अभिजीत की आवाज़ की ऊर्जा और जोश ने इसे पार्टी और डांस ट्रैक में बदल दिया, जो आज भी लोग पसंद करते हैं.
सुनो न सुनो ना
यह एक रोमांटिक गाना है, जिसे अभिजीत ने एक नरम, मधुर अंदाज में गाया है. इस गाने में एकतरफा प्यार और तड़प का सुंदर वर्णन है, जो इस गाने को बहुत खास बनाता है.
चाँद तारे
इस गाने में प्यार के उन पलों का चित्रण है जब दिल किसी खास के प्रति खींचा चला जाता है. अभिजीत ने इस गाने में प्रेम और तड़प को बड़ी खूबसूरती से गाया है.
आई एम द बेस्ट
इस गाने में एक अल्हड़ और मस्तमौला अंदाज है, जो इसे अलग बनाता है. यह गाना दोस्ती और जीवन का जश्न मनाने के लिए बहुत मशहूर हुआ.
वो लड़की जो
यह गाना भी एक रूमानी गाना है जिसमें अभिजीत ने प्यार की अनमोलता को बड़ी सुंदरता से पेश किया है. इस गाने को आज भी श्रोता बड़े चाव से सुनते हैं.
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