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ताजा खबर: Pandit Birju Maharaj Birth Anniversary: पंडित बृजमोहन मिश्र उर्फ बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) एक भारतीय कथक नर्तक, संगीतकार और गायक थे, जो लखनऊ "कालका-बिंदादीन" घराने के सदस्य थे. भले ही बिरजू महाराज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनको आज भी याद किया जाता है जिन्होंने कथक को ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में एक अलग मुकाम पर पहुंचाया.वहीं आज 4 फरवरी 2024 को बिरजू महाराज का 86वां जन्मदिन है. इस मौके पर चलिए जानते हैं बिरजू महाराज से जुड़ी कई बातें.
3 साल की उम्र में बिरजू महाराज ने ली थी नृत्य कला की शिक्षा
पंडित बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था. बिरजू महाराजका नाम पहले 'दुखहरण' रखा गया था, जो बाद में बदल कर 'बृजमोहन नाथ मिश्रा' हुआ.उनके पिता का नाम जगन्नाथ महाराज और माता का नाम अम्मा जी महाराज था. बिरजू महाराज के पिता ने उन्हें 3 साल की उम्र में ही नृत्य की शिक्षा देना शुरु कर दिया था. वहीं बिरजू महाराज सात साल की उम्र में अपने पिता के साथ पूरे भारत में संगीत सम्मेलनों में जाने लगे. वहीं बिरजू महाराज के पिता, जो रायगढ़ रियासत में दरबारी नर्तक के रूप में कार्यरत थे उनकी मृत्यु 20 मई 1947 को हो गई, जब बिरजू महाराज नौ साल के थे. इसके बाद बंगाल में मन्मथ नाथ घोष समारोह में उनके पहले प्रमुख एकल प्रदर्शन ने उन्हें एक महान क्षमता वाले युवा नर्तक के रूप में पहचान दिलाई.
बिरजू महाराज ने दिल्ली आकर खोला खुद का नृत्य विद्यालय
पिता के निधन के बाद उन्होंने अपने चाचा आचार्य शंभू और लच्छू महाराज से दीक्षा लेना शुरू कर दिया था. इसके कुछ सालों बाद वह दिल्ली आकर यहां के बच्चों को संगीत की शिक्षा देने लगे. कथक के साथ-साथ बिरजू महाराज को तबला, पखावज, नाल और सितार आदि वाद्ययंत्रों में भी महारत हासिल है.बिरजू महाराज एक अच्छे गायक, कवि और चित्रकार भी हैं.कथक को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने दिल्ली में नृत्य विद्यालय "कलाश्रम" की स्थापना की, जहां कथक के अलावा उससे संबंधित विषयों की शिक्षा दी जाती है.
बिरजू महाराज को कई अवॉर्ड्स से किया गया था सम्मानित
पंडित बिरजू महाराज जी को प्रदर्शन कला के क्षेत्र में 1986 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.विश्वरूपम में उनके काम के लिए, उन्हें कई पुरस्कार मिले, जिनमें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार, संगीत कला रत्न, भारत रत्न भीमसेन जोशी शास्त्रीय संगीत जीवन उपलब्धि पुरस्कार और 2012 में सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार शामिल हैं.पंडित जी ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते.उन्हें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी मिली.
बिरजू महाराज ने किया था कई बॉलीवुड फिल्मों के कुछ गानों का नृत्य निर्देशन
बिरजू महाराज ने बॉलीवुड फिल्मों 1977 में सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी, दिल तो पागल है (1997), देवदास (2002), विश्वरूपम (2012), बाजीराव मस्तानी (2015), और कलंक कोरियोग्राफ किया.
बिरजू महाराज ने कई बॉलीवुड स्टार्स को दी थीं ट्रेनिंग
उनकी पसंदीदा छात्रों में से एक माधुरी दीक्षित थीं, जिनके साथ उन्होंने दिल तो पागल है, देवदास और डेढ़ इश्किया जैसी फिल्मों में काम किया.उन्होंने मोहे रंग दो लाल के लिए कोरियोग्राफी भी डिजाइन की, जिसके लिए दीपिका पादुकोण ने फिल्म बाजीराव मस्तानी में कथक नृत्य सीखा था.आलिया भट्ट ने 2019 के बॉलीवुड गीत घर मोरे परदेसिया में प्रदर्शन करने से पहले पंडित बिरजू महाराज से ट्रेनिंग ली थी.
हार्ट अटैक से हुआ था निधन
मशहूर कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज का 17 जनवरी 2022 को 83 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ था. उनके निधन की खबर से पूरी इंडस्ट्री को सदमा लगा था. यहीं नहीं पीएम मोदी ने भी पंडित बिरजू महाराज के निधन पर शक व्यक्त किया था.
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