एक्टिंग हो या डायरेक्शन, ग्लैमर के हर क्षेत्र में फरहान अख्तर ने अपनी पहचान बनाई है. वहीं स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर और हनी ईरानी के बेटे फरहान अख्तर का बचपन अपनी उम्र के अन्य बच्चों की तुलना में काफी अलग था. हालाँकि, 1985 में अपने माता-पिता के अलग होने से फरहान की ज़िंदगी में काफी बदलाव आया. इस बीच फरहान अख्तर ने अपनी पत्नी शिबानी दांडेकर के साथ अपने माता-पिता के अलग होने और एक बच्चे के रूप में उन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बात की.
माता-पिता के अलग होने पर बोले फरहान
दरअसल, फरहान अख्तर ने रिया चक्रवर्ती के पॉडकास्ट चैप्टर 2 के लेटेस्ट एपिसोड में अपने माता-पिता के अलग होने के बारे में बात की. उन्होंने शेयर किया "मेरे लिए एक निर्णायक पल जिसने चीजों के बारे में मेरा पूरा नजरिया बदल दिया, वह शायद मेरे माता-पिता का अलग होना है. तब तक, ऐसा लगता था कि सब कुछ ठीक है. मुझे लगता है कि इसने मुझे अपने खोल में और भी सिमटने पर मजबूर कर दिया क्योंकि छोटा होने के कारण, मुझे वास्तव में नहीं पता था कि क्या हो रहा है."
'जोया हमेशा अपनी उम्र से बड़ी और समझदार रही है'- फरहान अख्तर
अपनी बात को जारी रखते हुए फरहान ने आगे कहा, "मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि क्या हो रहा था. जोया इस बात से बहुत ज्यादा अवगत थी कि क्या हो रहा था और मुझे लगता है कि किसी तरह से, बड़ी होने के नाते, उसने मुझे उस तरह के दुख से बचाया, जिससे मेरी मां उस समय गुज़र रही थी. मुझे लगता है कि एक लड़की के तौर पर मेरी मां उससे बात करने में ज्यादा सहज थी. और जोया हमेशा अपनी उम्र से बड़ी और समझदार रही है. वह बहुत तेज़ी से बड़ी हुई. जबकि, मैं बस अपनी ही दुनिया में था, इस बात से अनजान कि क्या हो रहा था".
अपने माता-पिता के अलग होने के बाद फरहान में आए मनोवैज्ञानिक बदलाव
अपने माता-पिता के अलग होने के बाद अपने मन में आए मनोवैज्ञानिक बदलावों के बारे में बात करते हुए फरहान ने बताया, "मुझे लगता है कि माता-पिता के अलग होने के बाद मैं बहुत रक्षात्मक हो गया था, क्योंकि जब हम झगड़ते थे तो बच्चे बहुत बुरे व्यवहार करते थे, और बच्चों के पास वह फिल्टर नहीं होता है, इसलिए वे कुछ भी कह देते हैं जिससे दूसरे बच्चे को ठेस पहुँच सकती है. उन्हें इस बात का अहसास नहीं होता कि वे किसी को कितना मनोवैज्ञानिक या भावनात्मक नुकसान पहुंचा रहे हैं. मुझे लगता है कि यही वह हिस्सा था जिसने मुझे गुस्सा दिलाया 'मुझे यह क्यों सुनना पड़ रहा है?". वहीं फरहान ने बताया, "इसका मेरे व्यक्तित्व पर सबसे बड़ा प्रभाव यह हुआ कि इसने मुझे पूरी तरह से गैर-टकराव वाला बना दिया. जब भी कोई संघर्ष का संकेत मिलता है, तो मेरी पहली प्रवृत्ति दूर हट जाने की होती है. मैं बैठकर समस्या का समाधान खोजने या समस्या को समझने के बजाय पूरी तरह से अलग हो जाता हूं. मेरी पहली प्रवृत्ति वहां नहीं रहना चाहती".
फरहान अख्तर का वर्कफ्रंट
फरहान अख्तर के वर्कफ्रंट की बात करें तो वह फिलहाल 'डॉन 3' को लेकर चर्चा में हैं. इस फिल्म में रणवीर सिंह और कियारा आडवाणी मुख्य भूमिका में हैं.
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