बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यह सम्मान दिया.वहीं दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने अपने शुरुआती करियर के किस्से शेयर किए.
सांवले रंग की वजह से मिथुन दा को सुननी पड़ी थी बातें
आपको बता दें प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने अपने शुरुआती करियर के किस्से शेयर करते हुए कहा, "कई लोगों ने मुझसे कहा कि सांवले रंग के एक्टर बॉलीवुड में टिक नहीं पाएंगे.मैंने भगवान से प्रार्थना की, 'क्या आप मेरा रंग बदल सकते हैं?' लेकिन अंततः स्वीकार किया कि मैं अपना रंग नहीं बदल सकता.इसके बजाय, मैंने अपने नृत्य कौशल पर ध्यान केंद्रित किया, इतना उल्लेखनीय बनने का दृढ़ संकल्प किया कि दर्शक मेरी त्वचा के रंग को नज़रअंदाज़ कर दें.इस तरह मैं 'सेक्सी, सांवले बंगाली बाबू' में बदल गया".
'मुझे कुछ भी आसानी से नहीं मिला'- मिथुन चक्रवर्ती
मिथुन चक्रवर्ती ने इंडस्ट्री के उतार-चढ़ाव के बारे में भी खुलकर बात की. एक्टर ने कहा, "मुझे लगा कि मैं अल पचिनो बन गया हूं.मैंने प्रोड्यूसर्स के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार करना शुरू कर दिया.लेकिन हकीकत तब सामने आई जब एक प्रोड्यूसर ने मुझे अपने ऑफिस से बाहर निकाल दिया.उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मैं अल पचिनो नहीं हूं और इसी के साथ मेरे भ्रम खत्म हो गए.मुझे कुछ भी आसानी से नहीं मिला और मैंने जो कुछ भी कमाया वह कड़ी मेहनत से कमाया.मैं अक्सर अपने संघर्षों के लिए भगवान से सवाल करता था, लेकिन इस पुरस्कार को प्राप्त करने के बाद, मैं शांत महसूस करता हूं और फिर कभी शिकायत नहीं करूंगा".
मिथुन चक्रवर्ती ने युवाओं को कही ये बात
वहीं मिथुन चक्रवर्ती ने आगे कहा, 'आज के यंग लड़के आ रहे हैं, मैं उनके लिए कहना चाहूंगा कि उनमें यंग टैलेंट तो बहुत है, लेकिन उनके पास पैसे की कमी है. जैसा मेरे साथ था. मैं कहूंगा कि हिम्मत मत हारो, खूब सपने देखो. खुद सो जाओ लेकिन अपने सपनों को सोने मत दो. क्योंकि अगर मैं कुछ बन सकता हूं, तो हर कोई कुछ बन सकता है'.
मिथुन चक्रवर्ती का फिल्मी करियर
मिथुन चक्रवर्ती ने 1976 में मृगया से अपनी फिल्मी शुरुआत की, जहां उन्होंने अपने बहुमुखी अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.1982 में उनकी फिल्म डिस्को डांसर रिलीज होने के बाद मिथुन चक्रवर्ती चर्चा में आ गए.पिछले कुछ सालों में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है. इनमें अग्निपथ, मुझे इंसाफ चाहिए, हम से है ज़माना, पसंद अपनी अपनी, घर एक मंदिर और कसम पैदा करने वाले की जैसी कई फिल्में शामिल हैं. हाल के सालों में वे OMG: ओह माय गॉड जैसी फिल्मों में नजर आए. वह टीवी शो 'डांस इंडिया डांस' में जज के तौर पर भी नजर आए. अब एक्टर पूरी तरह से राजनीति में एक्टिव हैं और बीजेपी नेता के तौर पर भी जाने जाते हैं.
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