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1940–50 के दशक की सबसे खूबसूरत अदाकारा Nalini Jaywant: शोहरत से एकांत तक का सफर

ताजा खबर: नलिनी जयवंत (18 फ़रवरी 1926 – 22 दिसंबर 2010) एक भारतीय अभिनेत्री थीं, जिन्होंने 1940 और 1950 के दशक में हिंदी फिल्मों में काम किया.

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ताजा खबर: नलिनी जयवंत (18 फ़रवरी 1926 – 22 दिसंबर 2010) एक भारतीय अभिनेत्री थीं, जिन्होंने 1940 और 1950 के दशक में हिंदी फिल्मों में काम किया. 1950 के दशक में फिल्मफेयर द्वारा किए गए एक सर्वे में उन्हें फिल्मों की सबसे खूबसूरत महिला घोषित किया गया था. अभिनेता दिलीप कुमार ने उन्हें “अपने साथ काम करने वाली सबसे महान अभिनेत्री” बताया था.

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पृष्ठभूमि और निजी जीवन

Nalini Jaywant

नलिनी जयवंत का जन्म 1926 में बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ. महज़ छह साल की उम्र में उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो, मुंबई के बाल सभा कार्यक्रम में गीत गाए. दस वर्ष की उम्र तक वे स्कूल नाटकों में अभिनय करने लगी थीं. रवींद्रनाथ टैगोर के नाटक ‘श्रीमतीजी’ में मुख्य भूमिका निभाने के बाद उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी.

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नलिनी की मौसी मराठी गायिका और अभिनेत्री रत्नाबाई थीं. दिसंबर 1931 में, जब नलिनी पाँच वर्ष की थीं, रत्नाबाई के पति प्रभाकर शिलोट्री का निधन हो गया, जिसके बाद रत्नाबाई अपनी 15 वर्षीय बेटी सरोजिनी के साथ जयवंत परिवार के साथ रहने लगीं. उसी दौरान नलिनी के पिता के चचेरे भाई कुमारसेन समर्थ जर्मनी से सिनेमैटोग्राफी की पढ़ाई करके लौटे. उनके प्रभाव

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सरोजिनी ने मंच नाम शोभना से अभिनय शुरू किया और बाद में कुमारसेन समर्थ से विवाह किया. 1983 के बाद नलिनी जयवंत ने काफी एकांत जीवन जीया और मुंबई के चेंबूर इलाके में शांत माहौल में रहने लगीं. उनके पड़ोसी उनके सह-कलाकार अशोक कुमार और त्रिलोक कपूर थे.नलिनी की पहली शादी 1940 के दशक में निर्देशक वीरेंद्र देसाई से हुई. बाद में उन्होंने अभिनेता प्रभु दयाल से दूसरी शादी की, जिनके साथ उन्होंने कई फिल्मों में काम किया.

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करियर

Bahen (1941) - IMDb

किशोरावस्था में नलिनी जयवंत ने महबूब खान की फिल्म ‘बहन’ (1941) में अभिनय किया, जो भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित थी. इसके बाद उन्होंने ‘गुंजन’ जैसी कुछ फिल्मों में काम किया. 1948 की ‘अनोखा प्यार’ के बाद 1950 में वे शिखर पर पहुंचीं, जब अशोक कुमार के साथ उनकी फिल्में ‘समाधि’ और ‘संग्राम’ बेहद सफल रहीं. ‘समाधि’ नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आज़ाद हिंद फ़ौज पर आधारित देशभक्ति फिल्म थी.

Anokha Pyar (1948) - IMDb

इसके बाद उन्होंने अशोक कुमार के साथ ‘जलपरी’ (1952), ‘काफ़िला’ (1952), ‘नौ बहार’ (1952), ‘सलोनी’ (1952), ‘लकीरें’ (1954), ‘नाज़’ (1954), ‘मिस्टर एक्स’ (1957), ‘शेरू’ (1957) और ‘तूफ़ान में प्यार कहाँ’ (1963) जैसी कई फिल्मों में काम किया.

nalini jaiwant 1

1950 के मध्य तक नलिनी एक प्रमुख अभिनेत्री रहीं. ‘राही’ (1953), ‘शिकस्त’ (1953), ‘रेलवे प्लेटफ़ॉर्म’ (1955), ‘नास्तिक’ (1954), ‘मुनीमजी’ (1955) और ‘हम सब चोर हैं’ (1956) जैसी फिल्मों में उनके अभिनय को सराहा गया. 1958 की फिल्म ‘काला पानी’ उनकी आख़िरी बड़ी हिट रही, जिसके लिए उन्हें फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिला. 1965 की ‘बॉम्बे रेस कोर्स’ के बाद उन्होंने अभिनय से संन्यास ले लिया.

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देव आनंद और नलिनी जयवंत की यादगार फिल्म ‘काला पानी’ के बारे में

Kala Pani (1958)

काला पानी हिंदी सिनेमा की क्लासिक थ्रिलर फिल्मों में गिनी जाती है, जो साल 1958 में रिलीज़ हुई थी. इस फिल्म का निर्देशन मशहूर निर्देशक राज खोसला ने किया था और यह देव आनंद के करियर की यादगार फिल्मों में से एक मानी जाती है.

फिल्म में देव आनंद ने मुख्य भूमिका निभाई थी, जबकि नलिनी जयवंत फिल्म की अहम महिला कलाकार थीं. ‘काला पानी’ एक सस्पेंस और क्राइम ड्रामा फिल्म है, जिसकी कहानी एक ऐसे युवक के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने पिता को झूठे आरोप से बचाने की कोशिश करता है और इस दौरान कई चौंकाने वाले रहस्यों से पर्दा उठता है.

Dil Laga Ke Kadar Gai Pyare | Kala Pani (1958) | Nalini Jaywant | Old Hindi  Song - YouTube

नलिनी जयवंत ने इस फिल्म में एक मजबूत और गंभीर किरदार निभाया था, जिसे दर्शकों और समीक्षकों दोनों ने खूब सराहा. उनके अभिनय को इतना पसंद किया गया कि उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. यह उनके करियर का एक बड़ा सम्मान माना जाता है.

फिल्म का संगीत भी बेहद लोकप्रिय रहा. एस.डी. बर्मन द्वारा संगीतबद्ध गाने जैसे “हम बेखुदी में तुमको पुकारे चले गए” और “अच्छा जी मैं हारी” आज भी क्लासिक माने जाते हैं. देव आनंद और नलिनी जयवंत की ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री ने फिल्म को और भी खास बना दिया.

‘काला पानी’ नलिनी जयवंत के करियर की आखिरी बड़ी सफल फिल्मों में से एक थी. इसके बाद उन्होंने फिल्मों से धीरे-धीरे दूरी बना ली. देव आनंद के साथ उनकी यह फिल्म आज भी हिंदी सिनेमा के सुनहरे दौर की याद दिलाती है और इसे एक सदाबहार क्लासिक के रूप में देखा जाता है.

निधन

Remembering Nalini Jaywant

नलिनी जयवंत का निधन 22 दिसंबर 2010 को 84 वर्ष की आयु में मुंबई के चेंबूर स्थित अपने घर में हुआ. दुर्भाग्यवश, उनकी मृत्यु का पता तीन दिन बाद चला, जब एंबुलेंस उनके शव को ले गई. पति प्रभु दयाल के 2001 में निधन के बाद वे समाज से लगभग कट गई थीं और लंबे समय से रिश्तेदारों से भी संपर्क में नहीं थीं.

गाने

FAQ

Q1. नलिनी जयवंत कौन थीं?

नलिनी जयवंत हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री थीं, जिन्होंने 1940 और 1950 के दशक में कई यादगार फिल्मों में काम किया.

Q2. नलिनी जयवंत का जन्म कब और कहां हुआ था?

उनका जन्म 18 फरवरी 1926 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था.

Q3. नलिनी जयवंत को किस लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है?

उन्हें अपनी खूबसूरती, संजीदा अभिनय और क्लासिक फिल्मों के लिए जाना जाता है. 1950 के दशक में Filmfare ने उन्हें फिल्मों की सबसे खूबसूरत महिला घोषित किया था.

Q4. दिलीप कुमार ने नलिनी जयवंत के बारे में क्या कहा था?

दिलीप कुमार ने उन्हें “अब तक की सबसे महान अभिनेत्री, जिनके साथ मैंने काम किया” कहा था.

Q5. नलिनी जयवंत ने अपने करियर की शुरुआत कैसे की?

बचपन में उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के बाल सभा कार्यक्रम में गीत गाए और स्कूल नाटकों में अभिनय किया. बतौर फिल्म अभिनेत्री उन्होंने बहन (1941) से पहचान बनाई.

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