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Sridevi Birth Anniversary : सुपरस्टार एक्ट्रेस श्री अम्मा यांगर अय्यपन के कुछ मज़ेदार किस्से बड़े मशहूर हैं. (Sridevi biography and career highlights) नहीं पहचाना? यह वही एक्ट्रेस हैं जिनके लिए ‘शोला और शबनम’ में अनुपम खेर दीवाने होते नज़र आए हैं और गोविंदा उन्हें मौके-मौके पर तंग करते नज़र आए थे. जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ Sridevi की. वही Sridevi जो मात्र 4 साल की उम्र में एक्ट्रेस बन गयी थीं और सिर्फ 10 साल की उम्र में लीड हेरोइन बनने वाली अकेली अदाकारा थीं (Sridevi death cause and details).
नीचे जानिए Sridevi से जुड़ी बातें
Sridevi का जन्म चेन्नई में हुआ था. उन्हें बचपन से ही कैमरा फेस करने में बहुत मज़ा आता था. गौर कीजिये कि उनका जन्म 1963 में हुआ था जब कैमरा एक दुर्लभ वस्तु हुआ करती थी.
श्री तब सिर्फ चार साल की थीं जब उनके सामने एक चाइल्ड आर्टिस्ट के नाते फिल्मों में काम करने के लिए पहला ऑफर मिला, वह फिल्म थी कंधन करुनाई और रोल था ‘भगवान कार्तिकेय का’, जिन्हें साउथ इंडिया में मुरुगन देवता के नाम से बेहतर जाना जाता है. Sridevi पहले दिन भी वीडियो कैमरे के सामने इतनी सहज थीं मानों वह बरसों से एक्टिंग कर रही हैं. (Sridevi Padma Shri award 2013)उनकी माँ ने यह ख़ुशी नोट की जो उनके आगे आने वाले कैरियर के लिए बहुत मददगार साबित हुई.
कंधन करुनाई में Sridevi की स्क्रीन प्रेसेंस सबको इतनी पसंद आई कि बाल-कलाकार के रोल के लिए उनके पास फिल्मों की लाइन लग गयी. मात्र 7 साल की उम्र में Sridevi इतनी व्यस्त हो गयीं कि उन्हें दिन में दो-दो शिफ्ट शूटिंग करनी पड़ी और आए दिन स्कूल बंक करना पड़ा.
Sridevi के पिता अय्यपन तमिलनाडु कोर्ट में जाने-माने वकील थे, बेटी के फिल्मी कैरियर को उनका पूरा सपोर्ट था पर वो पढ़ाई का नुकसान नहीं होने देना चाहते थे. इस मुसीबत का समाधान करने के लिए उन्होंने श्री के साथ एक परमानेंट ट्यूटर लगा दिया जो हर सेट पर Sridevi के साथ मौजूद होता था. यहाँ तक की आउटडोर शूटिंग में भी Sridevi की माँ राजेश्वरी और बहन श्रीलता के साथ ये मास्टर साहब भी पीछे पीछे शूटिंग देखने पहुँच जाते थे. लेकिन इस भागम-भाग में पढ़ाई कम और शूटिंग ज़्यादा होती थी.
Sridevi के घर एक दिन फेमस सिनेमटाग्राफर बालू महेद्र आए और उनकी माँ से बोले “कोई साड़ी है आपके पास? आप Sridevi को पहनाइए” श्री की माँ असमंजस में पड़ गयीं, फिर भी उन्होंने फटाफट एक साड़ी Sridevi को पहनाई. बालू महेंद्र ने कुछ अलग-अलग पोज़ में उन्हें देखा और बिना कुछ ख़ास बोले घर से चले गये. अगले दिन स्टूडियो में सब राजेश्वरी जी को बधाई देने लगे “मुबारक हो, आपकी बेटी लीडिंग एक्ट्रेस बन गयी है. इस न्यूज़ से जहाँ Sridevi और उनके पिता ख़ुश हुए, वहीँ उनकी माँ को ये तरक्की बहुत जल्दबाजी लगी. फिर लगती भी क्यों न, उस वक़्त Sridevi की उम्र मात्र दस साल थी. भला दस साल की उम्र में कोई लीडिंग हेरोइन बनती है?
इस फिल्म में Sridevi के साथ दो हीरोज़ थे. एक रजनीकांत तो दूसरे कमल हसन, इन दोनों ही दिग्गज कलाकारों के साथ मात्र 11 साल की उम्र में एक्टिंग करने वाली Sridevi बहुत सहज थीं. फिल्म का नाम था ‘मोंद्रू मोदीचु’ जिसका मतलब होता है ‘तीन गांठे’ इस रोल के लिए Sridevi को तमिल फिल्मफेयर अवार्ड्स में पहला नॉमिनेशन भी मिला था.
हिंदी फिल्मों में आना भी Sridevi के लिए किसी इत्तेफ़ाक से कम नहीं था. हुआ यूँ कि भारतीराजा नामक एक नये डायरेक्टर ने 1977 (19 सौ सतत्तर) में Sridevi और रजनीकांत को लेकर फिल्म ’16 वयथिनीले’ तमिल भाषा में बनाई और फिल्म सुपर-डुपर हिट हुई. इसी से प्रेरणा लेकर उन्होंने 1979 (19 सौ उन्यासी) के दौरान हिन्दी में भी अमोल पालेकर और Sridevi के साथ सोलवां सावन बनाई जो बुरी तरह फ्लॉप हुई. Sridevi चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में भी हिन्दी में रानी नामक फिल्म कर चुकी थीं लेकिन वो भी बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास नहीं कर सकी थी और Sridevi ने सोलवां सावन के बाद बॉलीवुड फिल्मों में काम न करने का मन बना लिया था (Sridevi ChaalBaaz double role performance).
सन 1982 में Sridevi तेलुगु फिल्ममेकर राघवेन्द्र राव के साथ 24 फ़िल्में करने का कॉन्ट्रैक्ट कर चुकी थीं कि अचानक उन्होंने घोषणा की कि वह Sridevi के साथ हिन्दी फिल्म बनाना चाहते हैं. अब Sridevi और उनकी माँ दोनों इस बात पर बहुत नाराज़ हुईं कि बात तो तेलुगु में काम करने की हुई थी, फिर हिन्दी में उनकी फिल्म सोलवां सावन फ्लॉप भी हो चुकी थी. भला क्यों हिन्दी फिल्म करने की रिस्क लें? पर राघवेन्द्र राव जितेन्द्र के साथ कुछ अलग ही प्लान बनाकर बैठे थे. उन्होंने Sridevi और जितेन्द्र को फुल ऑन मस्ती भरी फिल्म ‘हिम्मतवाला’ में कास्ट किया और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया. फिल्म जितनी ज़्यादा हिट हुई, उतनी पॉपुलैरिटी Sridevi की भी बढ़ी.
हिम्मतवाला की कामयाबी Sridevi के कैरियर के लिए तो बहुत अच्छी रही पर मेंटली उन्हें बहुत कुछ सहना पड़ा जो वह साउथ इंडस्ट्री में रहकर कभी फेस नहीं करती थीं. हिम्मतवाला के प्रमोशन के दौरान जब Sridevi मुंबई आईं तब वह 20 साल की भी नहीं थीं. उन्हें अचानक ढेर सारे मीडिया पर्सन्स ने घेर लिया, वो इतनी घबरा गयीं कि बिना ज़्यादा बोले ही होटेल में चली गयीं.
Sridevi को जानने वाले ये भी बताते हैं कि श्री यूँ भी ज़्यादा बात करना पसंद नहीं करती थीं. Sridevi का कहती थीं कि ‘मेरा काम बोल रहा है न, फिर मुझे बोलने की क्या ज़रुरत है’.
मगर Sridevi जितनी इंट्रोवर्ट थीं उतनी ही प्रोफेशनल भी, हिम्मतवाला के बाद उन्होंने जीतेन्द्र के साथ बहुत फ़िल्में कीं, उन्हीं में से एक मवाली में Sridevi के साथ जया प्रदा भी थीं. यह दोनों बहुत ख़ूबसूरती से अपना शॉट देती थीं लेकिन शॉट पूरा होने के बाद Sridevi एक कार्नर में चेयर लगाकर बैठ जाती थीं और जया प्रदा की तरफ देखती भी नहीं थीं. यह बात जया प्रदा को खली तो जीतेंद्र ने Sridevi को बहुत समझाया कि फिल्म में साथी कलाकरों से केमेस्ट्री अच्छी रखने के लिए ज़रूरी है कि वह सबसे बात करें, पर Sridevi हाँ में हाँ मिलाने के बाद अगले दिन से फिर उसी तरह होती थीं. एक कॉर्नर में बैठी, अपने में खोई हुई.
उन्हीं बालू महेंद्र ने, जिन्होंने Sridevi को मात्र दस साल की उम्र में लीड एक्ट्रेस घोषित किया था, उन्होंने ही Sridevi को अपनी फिल्म सदमा में लीड रोल दिया जिसके लिए उन्हें फिर फिल्मफेयर अवार्ड में नॉमिनेशन मिला.
जीतेंद्र के साथ Sridevi ने बहुत सी कमर्शियल फिल्में कीं जिनमें जानी दोस्त, जस्टिस चौधरी, मकसद, बलिदान आग और शोला जैसी ढेरों फिल्में रहीं जो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस करने में भी कामयाब हुईं. लेकिन Sridevi को अपने पूरे कैरियर की टर्निंग पॉइंट फिल्म शेखर कपूर की ‘मिस्टर इंडिया’ (Sridevi Mr. India film songs) लगी क्योंकि इस फिल्म के बाद से उन्हें पूरे भारत में पहचान मिल गयी. मिस्टर इंडिया के बाद लोग अक्सर कहते मिले कि ‘वा! Sridevi एक्टिंग भी कर लेती है’
एक्टिंग में जहाँ उनसे बढ़कर कोई एक्ट्रेस मौजूद नहीं थीं, वहीं हिन्दी बोलना उनके लिए अभी भी टेढ़ी खीर बना हुआ था. फिल्म हिम्मतवाला, मवाली, जस्टिस चौधरी आदि कई फिल्मों में डबिंग आर्टिस्ट्स ने उन्हें अपनी आवाज़ दी थी लेकिन फिल्म आखिरी रास्ता के लिए सुपर स्टार एक्ट्रेस रेखा ने उनके लिए डबिंग की थी जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि थी. आपको शायद याद होगा कि एक समय रेखा भी हिन्दी न जानने की वजह से बहुत ट्रोल हुआ करती थीं, पर वो किस्सा फिर कभी. लेकिन Sridevi को जो हिन्दी डायलॉग दिए जाते थे वह उन्हें बिना समझे भी जस का तस इस फील के साथ बोलती थीं कि लोग मानने को तैयार नहीं होते थे कि Sridevi को हिन्दी नहीं आती. पर कुछ क्रिटिक उन्हें रट्टू तोता भी कहते थे क्योंकि वह तोते की तरह लिखा लिखाया रट लेती थीं.
मिस्टर इंडिया के प्रोडूसर बोनी कपूर थे और बोनी की पहली ही नज़र में Sridevi ऐसी बस गयी थीं कि शादीशुदा होते हुए भी, दो बच्चे होते हुए भी बोनी ख़ुद को Sridevi की तरफ खिंचने से रोक नहीं पा रहे थे. कहते हैं बोनी कपूर Sridevi के घर के बाहर घंटो बैठे उनका इंतज़ार करते रहते थे.
दिलीप कुमार की राम और श्याम और हेमा मालिनी की सीता और गीता से इंस्पायर्ड फिल्म चालबाज़ में उनका डबल रोल था जिसमें वो फिर एक बार रजनीकांत के साथ स्क्रीनशेयर कर रही थीं. उनके दूसरे हीरो सनी देओल थे. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस कलेक्शन तो अच्छा किया ही था साथ ही Sridevi की झोली में हिन्दी फिल्मों केलिए पहला फिल्मफेयर अवार्ड गिराने वाली भी ये पहली फिल्म थी.
चालबाज़ के बाद Sridevi ने एक से बढ़कर एक ब्लॉकबस्टर फ़िल्में कीं जिनमें अमिताभ बच्चन के साथ ख़ुदा गवाह, अनिल कपूर के साथ लम्हें, लाडला और जुदाई, ऋषि कपूर के साथ चाँदनी, विनोद खन्ना के साथ फ़रिश्ते, शाहरुख़ खान के साथ आर्मी, संजय दत्त के साथ गुमराह और सलमान खान के साथ चंद्रमुखी मुख्य रहीं.
लेकिन ब्लॉकबस्टर फिल्म जुदाई की रिलीज़ के वक़्त जाह्नवी कपूर होने वाली थी और यहीं से टॉप एक्ट्रेस Sridevi ने कुछ समय के लिए ब्रेकलेकर अपनी बेटी को समय देने का निर्णय लिया. जुदाई की रिलीज़ के एक हफ्ते बाद ही, 6 मार्च को जाह्नवी कपूर पैदा हुईं और Sridevi ने अपना सारा संसार घर में समेट लिया.
सन 2000 में Sridevi ने अपनी दूसरी बेटी, ख़ुशी को जन्म दिया तो नन्हीं सी जाह्नवी उन्हें देखते हुए बोली “मम्मी आप मोटे हो गये हो, आप फिर से पहले जैसे हो जाओ न” शायद यही Sridevi के लिए प्रेरणा रही कि उन्होंने दो बच्चे होने के बाद भी ख़ुद को आख़िर तक ऐसा मेंटेन रखा कि उनकी उम्र का अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो गया.
Sridevi और बोनी कपूर एक रोज़ यूँही गार्डन में बैठे थे कि फिल्ममेकर आर-बाल्की उनके घर आए और बातों-बातों में चाय के दौरान उन्होंने एक कहानी सुनाई और यह कहानी Sridevi और बोनी को इतनी अच्छी लगी कि Sridevi ने अपना फिल्मी उपवास तोड़ते हुए इस फिल्म के लिए हाँ कह दिया. हालाँकि इससे पहले वो हल्ला बोल में छोटा सा रोल कर चुकी थीं. लेकिन फिर से लीड रोल करने के लिए जब उन्हें ‘इंग्लिश विन्ग्लिश’ फिल्म की स्क्रिप्ट मिली तो उन्हें ऐसा लगा जैसे वो पहली बार फिल्म में काम कर रही हैं (Sridevi English Vinglish movie review).
कमाल देखिए, Sridevi की कम बैक फिल्म भी सुपरहिट हुई और बॉक्स ऑफिस पंडितों ने एक बार फिर कहा कि चाहें कितना समय बीत जाए, चाहें जितना सिनेमा बदल जाए, अच्छा टैलेंट कभी फेल नहीं होता
कुछ इसी तरह उन्हें फिल्म माँम की स्क्रिप्ट भी मिली थी और इंग्लिश विन्ग्लिश के क़रीब पाँच साल बाद आई इस फिल्म ने फिर दर्शकों को सीट से बांधे रखा था. इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर ही नहीं, नेशनल अवार्ड से भी नवाज़ा गया था.
Sridevi को वापस भारत आकर अपने पचास साल के लम्बे कैरियर में, पहली बार नेशनल अवार्ड रिसीव करना था पर किस्मत का लेखा देखिए, वह अपने रिलेटिव की वेडिंग में दुबई गयी हुईं थीं कि दुर्घटनावश उनकी मृत्यु हो गयी और उनकी तरफ से 21 साल की जाह्नवी और 18 साल की ख़ुशी ने, भीगी हुई आँखों से उनके लिए अवार्ड रिसीव किया. उन्होंने कुछ ऐसा कहा जिसे हर सिनेमा फैन ने बिना किसी डाउट के कबूल किया कि “Sridevi जैसी कोई एक्ट्रेस पहले थी, न है, न ही कभी हो सकेगी”
Sridevi भगवान में बहुत श्रद्धा रखती थीं. कहती थीं कि मैं चाहूँ तो इस बात पर दुखी हो सकती हूँ कि मुझे नार्मल लड़कियों की तरह स्कूल लाइफ, कॉलेज लाइफ नसीब नहीं हो पाई पर मैं इस बात से ख़ुश हूँ कि ऊपर वाले ने मुझे ऐसी ज़िन्दगी दी जो आम लड़कियों को नसीब नहीं होती. मैं ख़ुशकिस्मत हूँ कि आम लड़कियाँ मेरे जैसी बनना चाहती हैं.
Sridevi songs
Sridevi Movies
FAQ ABOUT LATE ACTRESS SRIDEVI
कान्स 2025 में जान्हवी कपूर ने श्रीदेवी को क्या श्रद्धांजलि दी? (What tribute did Janhvi Kapoor pay to Sridevi at Cannes 2025)
कान्स 2025 में, जान्हवी कपूर ने अपनी दिवंगत माँ श्रीदेवी को तरुण तहिलियानी का डिज़ाइन किया हुआ शाही परिधान पहनकर श्रद्धांजलि दी। यह पोशाक, "पट्टू पावदाई", एक पारंपरिक दक्षिण भारतीय साड़ी, श्रीदेवी की विरासत को एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि थी।
बोनी कपूर ने श्रीदेवी की 62वीं जयंती कैसे मनाई? (How did Boney Kapoor commemorate Sridevi's 62nd birth anniversary)
13 अगस्त, 2025 को, बोनी कपूर ने सेंट ट्रोपेज़ में अपनी 2012 की छुट्टियों की एक भावुक तस्वीर साझा की, जिसमें श्रीदेवी और वह आइसक्रीम खाते हुए दिखाई दे रहे थे। उन्होंने इसे "समय में स्थिर एक साधारण क्षण" बताया, जो उनके अटूट प्रेम को दर्शाता है।
बोनी कपूर ने श्रीदेवी की 62वीं जयंती पर उनके बारे में क्या याद किया? (What did Boney Kapoor recall about Sridevi on her 62nd birth anniversary)
बोनी कपूर ने याद किया कि कैसे श्रीदेवी ने 'मिस्टर इंडिया' की शूटिंग के दौरान एक तनावपूर्ण अस्पताल के दृश्य को हल्का बना दिया था। इंडिया' में युवा कलाकारों को आइसक्रीम खिलाकर, अपनी दयालुता और ऑफ-स्क्रीन गर्मजोशी का प्रदर्शन करते हुए, श्रीदेवी के साथ अपनी दोस्ती और गर्मजोशी का परिचय दिया।
क्या बोनी कपूर ने श्रीदेवी से जुड़ी किसी नई परियोजना की घोषणा की? (Did Boney Kapoor announce any new projects related to Sridevi)
IIFA 2025 में, बोनी कपूर ने श्रीदेवी की आखिरी फिल्म 'मॉम' के सीक्वल की योजना की पुष्टि की। उन्होंने फिल्म उद्योग में परिवार की निरंतर भागीदारी को उजागर करते हुए, सीक्वल में अपनी बेटी खुशी कपूर को लेने में रुचि व्यक्त की।
क्या श्रीदेवी पर कोई बायोपिक बन रही है? (Is there a biopic in the works about Sridevi)
अटकलों के बावजूद, बोनी कपूर ने पुष्टि की कि श्रीदेवी की बायोपिक बनाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने अपने बच्चों के काम और प्रतिभा पर गर्व व्यक्त किया और उनके अपने काम के प्रति समर्पण पर ज़ोर दिया।
श्रीदेवी को बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार किसने बनाया? (What made Sridevi Bollywood's first female superstar)
श्रीदेवी की बॉक्स ऑफिस पर बेजोड़ सफलता और भूमिकाओं में बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार बना दिया। वह उन कुछ अभिनेत्रियों में से एक थीं जिनका नाम किसी बड़े पुरुष प्रधान की अनुपस्थिति में भी फिल्म की सफलता की गारंटी दे सकता था।
भारतीय सिनेमा में श्रीदेवी की विरासत क्या है? (What is Sridevi's legacy in Indian cinema)
श्रीदेवी की विरासत उनकी असाधारण प्रतिभा, बहुमुखी प्रतिभा और विभिन्न फिल्म उद्योगों के दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने की क्षमता से चिह्नित है। उनके योगदान ने भारतीय सिनेमा पर एक अमिट छाप छोड़ी है और अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं की कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है।
श्रीदेवी की कुछ प्रतिष्ठित फ़िल्में कौन सी हैं? (What are some of Sridevi's iconic films)
श्रीदेवी की फ़िल्मोग्राफी में 'चाँदनी', 'मिस्टर इंडिया', 'चालबाज़', 'लम्हे', 'सदमा' और 'नगीना' जैसी क्लासिक फ़िल्में शामिल हैं। इन सभी फ़िल्मों ने उनके विविध अभिनय कौशल को प्रदर्शित किया और एक सिनेमाई दिग्गज के रूप में उनकी स्थिति को मज़बूत किया।
श्रीदेवी ने भारतीय सिनेमा में फ़ैशन को कैसे प्रभावित किया? (How did Sridevi influence fashion in Indian cinema)
श्रीदेवी अपने बेजोड़ फ़ैशन सेंस के लिए जानी जाती थीं, जिन्होंने ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन, दोनों जगह अपने पहनावे से ट्रेंड सेट किए। उनके स्टाइल विकल्प फ़ैशन प्रेमियों को प्रेरित करते रहते हैं और अक्सर समकालीन फ़ैशन चर्चाओं में उनकी चर्चा होती है।
क्षेत्रीय सिनेमा में श्रीदेवी के योगदान का क्या महत्व है? (What is the significance of Sridevi's contributions to regional cinema)
हिंदी फिल्मों के अलावा, श्रीदेवी ने तमिल, तेलुगु और मलयालम सिनेमा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, अपने अभिनय के लिए प्रशंसा अर्जित की और भारतीय फिल्म उद्योगों में अपना प्रभाव बढ़ाया।