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Vasant Desai Death Anniversary: लिफ्ट हादसे में बुझ गया संगीत का सितारा, लेकिन अमर रहीं वसंत देसाई की धुनें

ताजा खबर: हिंदी सिनेमा के इतिहास में कुछ संगीतकार ऐसे हुए हैं, जिनकी रचनाएं समय की सीमाओं से परे आज भी जीवित हैं. ऐसे ही एक महान संगीतकार थे वसंत देसाई, ...

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ताजा खबर: हिंदी सिनेमा के इतिहास में कुछ संगीतकार ऐसे हुए हैं, जिनकी रचनाएं समय की सीमाओं से परे आज भी जीवित हैं. ऐसे ही एक महान संगीतकार थे वसंत देसाई, जिनकी पहचान सिर्फ मधुर गीतों तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने फिल्मों के बैकग्राउंड म्यूजिक को एक नई ऊंचाई दी. उनकी धुनें कहानी के साथ बहती थीं और बिना शब्दों के भी दर्शकों के दिलों तक पहुंच जाती थीं.

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फैमिली

Remembering Legendary Composer Vasant Desai – Mehfil Mein Meri

वसंत देसाई का जन्म 9 जून 1912 को हुआ था. उनका असली नाम आत्माराम देसाई था, लेकिन संगीत जगत में वे वसंत देसाई के नाम से ही पहचाने गए. संगीत से उनका नाता बचपन से ही जुड़ गया था. उनके नाना भास्कर पारुलेकर प्रसिद्ध कीर्तनकार थे, जिनसे उन्होंने संगीत की शुरुआती शिक्षा ली. मंदिरों, भजनों और दशावतारी नाटकों के माहौल में पले-बढ़े वसंत देसाई के मन में सुरों के प्रति गहरी संवेदनशीलता विकसित हुई.

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अभिनय से दूरी बनाकर पूरी तरह संगीत को अपना जीवन बना लिया

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किशोरावस्था में वे कोल्हापुर पहुंचे और वहां प्रभात फिल्म कंपनी से जुड़े. शुरुआती दिनों में उन्होंने अभिनय भी किया और कुछ साइलेंट व टॉकी फिल्मों में नजर आए, जिनमें खूनी खंजर और अयोध्येचा राजा शामिल थीं. फिल्म अयोध्येचा राजा में उन्होंने पहला गीत “जय जय राजाधिराज” गाया, जिसने उनकी संगीत यात्रा को दिशा दी. इसके बाद उन्होंने अभिनय से दूरी बनाकर पूरी तरह संगीत को अपना जीवन बना लिया. उस्ताद आलम खान और उस्ताद इनायत खान से शास्त्रीय संगीत की गहरी शिक्षा ने उनकी रचनाओं को मजबूती दी.

फिल्मो से नाम रोशन किया 

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वसंत देसाई का नाम हिंदी सिनेमा में सबसे अधिक वी. शांताराम की फिल्मों के साथ जुड़कर चमका. झनक झनक पायल बाजे, दो आंखें बारह हाथ, आशीर्वाद और गुड्डी जैसी फिल्मों में उनका संगीत आज भी मिसाल माना जाता है. उनके गीत शास्त्रीय रागों पर आधारित होते थे, जिनमें भाव, सौंदर्य और सादगी का अद्भुत संतुलन देखने को मिलता था.

ताकत उनका बैकग्राउंड म्यूजिक था

हालांकि, उनकी सबसे बड़ी ताकत उनका बैकग्राउंड म्यूजिक था. फिल्म यादें (1964) में केवल एक अभिनेता होने के बावजूद, वसंत देसाई का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की भावनात्मक गहराई को दर्शकों तक पहुंचाता है. वहीं अचानक (1974) जैसी फिल्म, जिसमें एक भी गीत नहीं था, वहां उनका बैकग्राउंड म्यूजिक ही सस्पेंस और थ्रिल की आत्मा बन गया. उन्होंने प्राकृतिक ध्वनियों—पानी की आवाज, पत्तों की सरसराहट, घंटियों की गूंज—का भी बेहद खूबसूरत प्रयोग किया.

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मराठी फिल्मों में योगदान दिया

Amar Bhupali - 1951 (अमर भूपाळी ) | Panditrao Nagarkar | Lalita Pawar |  Sandhya

मराठी फिल्मों और संगीत नाटकों में भी वसंत देसाई का योगदान अविस्मरणीय रहा. अमर भूपाली, छोटा जवान और कई संगीत नाटकों के लिए उनके सुर आज भी याद किए जाते हैं. बच्चों के नाटकों में भी उन्होंने संगीत दिया, जो उनकी बहुआयामी प्रतिभा को दर्शाता है.

Chhota Jawan, 1963 – Vasant Desai

निधन

. Vasant Desai

22 दिसंबर 1975 को एक लिफ्ट दुर्घटना में वसंत देसाई का निधन हो गया. यह हिंदी सिनेमा और संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति थी. हालांकि वे आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी धुनें, उनका बैकग्राउंड म्यूजिक और उनकी संगीत साधना आज भी फिल्मों और संगीत प्रेमियों के दिलों में जीवित हैं.

FAQ

Q1. वसंत देसाई कौन थे?

वसंत देसाई हिंदी और मराठी सिनेमा के महान संगीतकार थे, जिन्हें उनके क्लासिकल और भावपूर्ण संगीत के लिए जाना जाता है.

Q2. वसंत देसाई का जन्म कब और कहां हुआ था?

वसंत देसाई का जन्म 9 जून 1912 को हुआ था. उनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ था.

Q3. वसंत देसाई का असली नाम क्या था?

उनका असली नाम आत्माराम देसाई था.

Q4. वसंत देसाई को संगीत की प्रेरणा कहां से मिली?

उन्हें संगीत की प्रेरणा अपने नाना भास्कर पारुलेकर से मिली, जो प्रसिद्ध कीर्तनकार थे.

Q5. वसंत देसाई ने अपने करियर की शुरुआत कैसे की?

उन्होंने किशोरावस्था में प्रभात फिल्म कंपनी से जुड़कर अभिनय और गायन से करियर की शुरुआत की.

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