सामाजिक संदेश के साथ पारिवारिक मनोरंजन फिल्म है 'कहां शुरू कहां खत्म'

रिव्यूज: फिल्म कहां शुरू कहां खत्म की शुरुआत आशिम गुलाटी के एक शादी में घुसने से होती है. इस शादी में आशिम और ध्वनि भानुशाली की मुलाकात होती हैं.

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By Asna Zaidi
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रिव्यू: कहां शुरू कहां खत्म
कलाकार: ध्वनि भानुशाली, आशिम गुलाटी, राकेश बेदी, राजेश शर्मा, सोनाली सचदेवा और सुप्रिया पिलगांवकर
निर्देशक: सौरभ दासगुप्ता
रेंटिंग

कहानी

फिल्म कहां शुरू कहां खत्म की शुरुआत कृष / कृष्णा (आशिम गुलाटी) के एक शादी में घुसने से होती है. इस शादी में पहली बार कृष और मीरा (ध्वनि भानुशाली) की मुलाकात होती हैं. मीरा से मिलने के बाद उसे पता चलता है कि वह एक गैंगस्टर परिवार से है और उसके पिता (राजेश शर्मा द्वारा अभिनीत) हरियाणा के टॉप गैंगस्टर्स में से एक हैं. इतना ही नहीं, मीरा का परिवार भी पुरुष प्रधान है, जहां हर बात में केवल पुरुष सदस्यों की ही सुनी और समझी जाती है और महिलाओं को केवल आदेशों का पालन करने और परिवार की देखभाल करने के लिए बाध्य किया जाता है. मीरा शादी नहीं करना चाहती है और परिवार की पुरुषवादी विचारधारा के खिलाफ भाग जाती है, लेकिन भागते समय वह कृष को अपने साथ ले जाती है. वे हर जगह भागते हैं जब तक कि वे अंततः कृष के गृहनगर बरसाना तक नहीं पहुंच जाते, जिससे उनके परिवारों में उथल-पुथल मच जाती है. वहीं मीरा का परिवार उसे खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ता है, जबकि कृष का परिवार सोचता है कि वह मीरा के साथ भाग गया है और उसे अपने साथ ले आया है और इस तरह मीरा अब परिवार का हिस्सा है. अब देखना यह है कि क्या मीरा का परिवार उन दोनों को ढूंढ पाने में कामयाब होगा या नहीं. इस सवाल को जानने के लिए आपको सिनेमाघरों में जाना ही पड़ेगा.

डायरेक्शन

सौरभ दासगुप्ता द्वारा निर्देशित 'कहां शुरू कहां खत्म' पहले हाफ में थोड़ी धीमी लग सकती है. फिल्म की कहानी इंटरमिशन से 10-15 मिनट पहले शुरू होती है. रोमांस, कॉमेडी और ड्रामा जैसे पहलुओं पर बहुत बारीकी से काम किया गया है और फिल्म को एक सम्पूर्ण पारिवारिक मनोरंजक फिल्म बनाया गया है.'

एक्टिंग


अभिनय की बात करें तो, ध्वनि ने मीरा के अपने किरदार को बखूबी निभाया है, जो फिल्म के पहले भाग में गंभीर और सीधी-सादी शैली में है और दूसरे भाग में प्यारी और मनमोहक लगती है. ध्वनि ने भावपूर्ण भावों के साथ आश्चर्यजनक रूप से प्रभावशाली अभिनय किया है. आशिम की कॉमेडी टाइमिंग कमाल की है. मुख्य जोड़ी की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री अच्छी है. सहायक कलाकार कॉमेडी को और भी मजेदार बनाते हैं, जिससे फिल्म देखने में मजेदार लगती है.

म्यूजिक

'कहां शुरू कहां खत्म' के गाने काफी शानदार है जो फिल्म को और भी बेहतर बनाते हैं. वहीं फिल्म में 'कहां शुरू कहां खतम' समेत कई मशहूर सदाबहार गानों के रीक्रिएटेड वर्जन भी हैं. एक और रीक्रिएटेड गाना 1958 में रिलीज हुई 'चलती का नाम गाड़ी' का 'एक लड़की भीगी भागी सी' है.

'कहां शुरू कहां खतम' ऑरिजनल सॉन्ग

सॉन्ग 'कहां शुरू कहां खतम' रीक्रिएटेड

'एक लड़की भीगी भागी सी' ऑरिजनल सॉन्ग

'एक लड़की भीगी भागी सी' रीक्रिएटेड

कैसी हैं फिल्म

'कहां शुरू कहां खत्म' महत्वपूर्ण संदेश देता है, जिसमें विवाह में एक महिला की सहमति का महत्व और पितृसत्तात्मक मानदंडों को चुनौती देना शामिल है. फिल्म में बरसाना की महिलाओं को पारंपरिक बाधाओं से मुक्त होते हुए दिखाया गया है, जो एक सकारात्मक संदेश देता है.

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