Adil Hussain intresting facts
ताजा खबर: Adil Hussain Birthday:भारतीय सिनेमा में कुछ नाम ऐसे हैं जो अपनी अदाकारी और अभिनय की गहराई से सभी को प्रभावित करते हैं. ऐसे ही एक अभिनेता हैं आदिल हुसैन, जिनका जन्मदिन हर साल उनके फैंस और फिल्म प्रेमियों के लिए खास अवसर होता है. आदिल हुसैन का जन्म 5 अक्टूबर 1963 को असम के गुवाहाटी में हुआ था. वे भारतीय फिल्म और थिएटर के सबसे सम्मानित और बहुमुखी अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं.
शुरुआती संघर्ष और थिएटर का सफर (Adil Hussain Birthday)
ऐसे गुणवान कलाकार का सफर इतना आसान नहीं था. असम के गुवाहाटी के ग्वालपाड़ा कस्बे से दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) तक आते-आते आदिल को थिएटर और प्ले में सिर्फ छोटे-छोटे रोल ही मिलते थे. उनके जैसे कई नॉर्थ ईस्ट के स्टूडेंट्स जिन्हें अच्छी हिन्दी नहीं आती थी, डायरेक्टर्स उन्हें लीड रोल के लिए जल्दी नहीं चुनते थे. इसका मुख्य कारण यही था कि अगर कलाकार हिन्दी भाषा में प्रवीण नहीं है तो किरदार की गहराई पकड़ना मुश्किल हो जाता है और अधिक मेहनत करनी पड़ती है.
कमज़ोर हिन्दी की वजह से आदिल को इम्प्रोवाइजेशन में भी कठिनाई होती थी. लेकिन एक बंगाली थिएटर डायरेक्टर रोबिन दा ने उन्हें पहली बार ‘बांगड़ बिल्ला’ नामक प्ले में लीड रोल दिया. इसके बाद सारे थिएटर ग्रुप्स में यह बात फैल गई कि आदिल हुसैन कोई साधारण करैक्टर आर्टिस्ट नहीं बल्कि लीड करने लायक ज़बरदस्त एक्टर हैं.
हिन्दी सुधार और परिश्रम
आदिल हुसैन केवल अच्छे एक्टर ही नहीं बल्कि डेडिकेटेड लर्नर भी हैं. उन्होंने तुरंत अपनी हिन्दी पर काम करना शुरू किया और ‘इश्किया’ मिलने तक वह हिन्दी, इंग्लिश और असमी में पूरी तरह प्रवीण हो चुके थे. हालाँकि आज भी वह करता-करती जैसे मामूली मामलों में कभी-कभी कंफ्यूज़ हो जाते हैं, लेकिन उनकी आवाज़ की गहराई, डेडिकेशन और बॉडी लैंग्वेज उनकी अदाकारी को और भी प्रभावशाली बनाती है.आदिल का मानना है कि एक्टिंग करते समय उनके लिए समय रुक जाता है, और इसी कारण वे किसी और फील्ड में जाने के बारे में सोच ही नहीं पाते. उनकी यह निष्ठा और समर्पण ही उन्हें अन्य कलाकारों से अलग बनाती है.
बॉलीवुड और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान
कम हिन्दी फिल्मों में काम करने के बावजूद, आदिल हुसैन पूरे भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिल्में करते दिखाई देते हैं. उनके किरदार हमेशा यादगार होते हैं और उनका अभिनय दर्शकों के दिल में उतर जाता है. आदिल हुसैन जैसे कलाकार ही बॉलीवुड को सही मायने में फिल्म इंडस्ट्री का गौरव दिलाते हैं.उनकी फिल्में और किरदार दर्शकों को भावनाओं के रंग में रंग देते हैं और यह साबित करते हैं कि सच्चा अभिनय केवल नाम या बड़े बजट की वजह से नहीं, बल्कि किरदार की गहराई और कलाकार की मेहनत से होता है.
फिल्मों में कदम
आदिल हुसैन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत छोटे और चुनौतीपूर्ण किरदारों से की. उनकी पहली प्रमुख फिल्में जैसे “हजारों ख्वाहिशें ऐसी” और “सरबजीत” ने उन्हें आलोचकों की नजर में ला दिया. आदिल का अभिनय हमेशा से ही सहज, भावपूर्ण और यथार्थपरक रहा है.
आदिल हुसैन जैसे मंझे हुए कलाकार अपने नाम से नहीं बल्कि अपने पात्रों के नाम से जाने जाते हैं. आपने उन्हें शायद फिल्म ‘इश्किया’ में विद्याधर (विद्या बालन के पति) के रूप में देखा होगा, या ‘इंग्लिश विंग्लिश’ में सतीश गोडबोले (श्रीदेवी के पति) के रूप में पहचाना होगा. वहीं हाल ही में रिलीज़ हुई अक्षय कुमार की फिल्म ‘बेलबॉटम’ में वह रॉ ऑफिसर संतोक के नाम से सबको याद हैं. फिल्म ‘रॉ’ में उनका डायलॉग – “रॉ वो पिताजी है सर” इतना फेमस हो गया कि लोग इस पर मीम्स भी बना रहे हैं.
फिल्मे
FAQ
Q1. आदिल हुसैन का जन्मदिन कब है?
Ans. आदिल हुसैन का जन्मदिन 5 अक्टूबर 1963 को है.
Q2. आदिल हुसैन की शुरुआती पढ़ाई कहाँ हुई?
Ans. आदिल हुसैन का जन्म असम के गुवाहाटी में हुआ और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई वहीं से पूरी की.
Q3. आदिल हुसैन ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत कैसे की?
Ans. आदिल हुसैन ने थिएटर और प्ले से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की. दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से उन्होंने थिएटर में प्रशिक्षण लिया.
Q4. आदिल हुसैन को प्रसिद्धि किन फिल्मों से मिली?
Ans. आदिल हुसैन को पहचान मिली फिल्में ‘इश्किया’, ‘इंग्लिश विंग्लिश’, ‘रॉ’, और ‘बेलबॉटम’ जैसी फिल्मों से.
Q5. आदिल हुसैन के अभिनय की खासियत क्या है?
Ans. आदिल हुसैन का अभिनय प्राकृतिक, भावपूर्ण और यथार्थपरक होता है. उनकी आवाज़, बॉडी लैंग्वेज और डेडिकेशन उनके किरदारों को प्रभावशाली बनाते हैं.
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