Rajkummar Rao: मैंने कभी खुद को सीमाओं में नहीं बांधा— ना जोनर की, ना उम्मीदों की
दिल्ली की गलियों से निकलकर मायानगरी मुंबई तक का सफर आसान नहीं होता, लेकिन जब इरादे साफ हों और मकसद मजबूत — तो मंज़िल खुद रास्ता दे देती है...
दिल्ली की गलियों से निकलकर मायानगरी मुंबई तक का सफर आसान नहीं होता, लेकिन जब इरादे साफ हों और मकसद मजबूत — तो मंज़िल खुद रास्ता दे देती है...
पीवीआर-जुहू थिएटर परिसर में हल्दी-पीले रंग की थीम के लिए मैचिंग मूड और माहौल पहले से ही तैयार था. क्योंकि चारों तरफ पीले फूलों की मालाएं थीं...