Guru Dutt जिस कलाकार को संतोष नहीं मिला, लेकिन सिनेमा को अमरता मिल गई, जाने क्या कहा कलाकारों ने...
गुरु दत्त एक ऐसा नाम जिसने भारतीय सिनेमा को केवल नई दिशा ही नहीं दी, बल्कि उसे सौंदर्य, कविता और गहराई की वो भाषा सिखाई जो आज भी प्रेरणा देती है. 'प्यासा' (1957), 'कागज़ के फूल' (1959), 'चौदहवीं का चाँद' (1960) और 'साहिब बीबी और ग़ुलाम' (1962)...