TC_login यहाँ गिद्ध इस इंतज़ार में हैं कि कोई मरे तो उनकी लाशें नोचने को मिलें हम उस दौर से गुज़र रहे हैं जहाँ इंसान कौन है और हैवान कौन, ये पहचानना मुश्किल हो रहा है। आज भारत में मात्र दो जगह ही लोग ही देखे जा रहे हैं। एक वो जो अस्पताल के अन्दर हैं, कोरोना से जूझ रहे हैं, ज़िन्दगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और दूसरे हॉस्पिटल के बाहर, अ By Siddharth Arora 'Sahar' 13 May 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
ताजा खबर यहाँ गिद्ध इस इंतज़ार में हैं कि कोई मरे तो उनकी लाशें नोचने को मिलें हम उस दौर से गुज़र रहे हैं जहाँ इंसान कौन है और हैवान कौन, ये पहचानना मुश्किल हो रहा है। आज भारत में मात्र दो जगह ही लोग ही देखे जा रहे हैं। एक वो जो अस्पताल के अन्दर हैं, कोरोना से जूझ रहे हैं, ज़िन्दगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और दूसरे हॉस्पिटल के बाहर, अ By Siddharth Arora 'Sahar' 13 May 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn