फिल्मकार-वितरक Tarachand Barjatya: फिल्म वही जो दर्शक मन भाये
यह लेख पुराने मायापुरी अंक 213 से लिया गया है. -जे.एन.कुमार उस दिन जब तारा चन्द बड़जात्या 'मायापुरी' के दफ्तर में दाखिल हुए तो मुंह पर बेसाख्ता गालिब का शेर आ गया- वह आयें घर में हमारे खुदा की कुदरत है. कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते है...