Vinod Kumar Shukla death

ताजा खबर: छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले प्रख्यात हिंदी लेखक और साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल (Vinod Kumar Shukla)का मंगलवार शाम उम्र से जुड़ी बीमारियों के कारण निधन हो गया. वह 89 वर्ष के थे. उनके परिवार ने यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई को दी. उनके निधन से हिंदी साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है.

Read More: अनिल कपूर: हिंदी सिनेमा का एवरग्रीन स्टार और मल्टीटैलेंटेड प्रोड्यूसर

कहाँ हुए थे भर्ती (Vinod Kumar Shukla death)

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन, रायपुर  एम्स में थे भर्ती - vinod kumar shukla passes away in raipur

विनोद कुमार शुक्ल (Vinod Kumar Shukla passes away) को सांस लेने में तकलीफ के बाद 2 दिसंबर को रायपुर स्थित AIIMS Raipur में भर्ती कराया गया था. इससे पहले भी अक्टूबर महीने में उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से हालत में सुधार के बाद उन्हें छुट्टी मिल गई थी. उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा शाश्वत और एक बेटी हैं.

कहाँ से थे विनोद कुमार शुक्ल (Vinod Kumar Shukla news)

Noted Hindi writer Vinod Kumar Shukla, first Jnanpith award recipient from  Chhattisgarh, dies at 89 - India Today

विनोद कुमार शुक्ल (Vinod Kumar Shukla Jnanpith Award) का जन्म छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था और यहीं से उन्होंने अपने लेखन की शुरुआत की. वह अपनी सादगी भरी भाषा, न्यूनतम शब्दों में गहरी बात कहने की शैली और अलग तरह की कल्पनाशीलता के लिए जाने जाते थे. उनकी रचनाओं में आम जीवन, चुप्पी, अकेलापन और मानवीय संवेदनाओं का बेहद अनोखा चित्रण मिलता है.

साल 2024 में विनोद कुमार शुक्ल (Vinod Kumar Shukla writer) को देश के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था. वह यह सम्मान पाने वाले छत्तीसगढ़ के पहले लेखक बने थे. उनके इस सम्मान ने पूरे राज्य को गौरवान्वित किया था. ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर उन्होंने कहा था, “कोई लेखक पुरस्कारों के लिए नहीं लिखता. जब आप लेखन के रास्ते पर चलते हैं, तो पुरस्कार अपने आप मिल जाते हैं.”

Read More: 2025 में बदली कई सितारों की जिंदगी: देखें शादी कर चुके सेलेब्स की पूरी लिस्ट

vinod kumar shukla

उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रसिद्ध लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल के निधन से मैं बेहद दुखी हूं. हिंदी साहित्य जगत में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.” प्रधानमंत्री ने उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए “ॐ शांति” कहा.

विनोद कुमार शुक्ल (Vinod Kumar Shukla Hindi writer)की प्रमुख कृतियों में उपन्यास नौकर की कमीज, खिलेगा तो देखेंगे, लगभग जय हिंद, एक चुप्पी जगह जैसी चर्चित रचनाएं शामिल हैं. उनकी रचनाओं को हिंदी साहित्य में अलग पहचान मिली, क्योंकि वे बिना शोर किए, बेहद शांत ढंग से गहरी बात कह जाते थे.

एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि उनकी मां का बचपन जमालपुर (अब बांग्लादेश) में बीता था और वह अक्सर उन्हें बंगाली लेखकों के बारे में बताती थीं और पढ़ने के लिए प्रेरित करती थीं. यही कारण था कि उनके लेखन में भाषा और भावनाओं का एक खास संतुलन देखने को मिलता है.

विनोद कुमार शुक्ल (Vinod Kumar Shukla Chhattisgarh) का जाना हिंदी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति है. उनकी रचनाएं आने वाली पीढ़ियों को संवेदनशीलता, सादगी और गहराई से सोचने की प्रेरणा देती रहेंगी.

Read More: ‘Dhurandhar’ की सक्सेस के बीच Ranveer Singh ने छोड़ी ‘Don 3’?

FAQ

Q1. विनोद कुमार शुक्ल कौन थे?

विनोद कुमार शुक्ल छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हिंदी लेखक, कवि और उपन्यासकार थे. वे अपनी मिनिमलिस्ट, सधी हुई भाषा और कल्पनाशील लेखन शैली के लिए जाने जाते थे.

Q2. विनोद कुमार शुक्ल का निधन कब हुआ?

विनोद कुमार शुक्ल का निधन मंगलवार शाम को उम्र संबंधी बीमारी के कारण हुआ. वे 89 वर्ष के थे.

Q3. विनोद कुमार शुक्ल का इलाज कहां चल रहा था?

उन्हें 2 दिसंबर को सांस लेने में तकलीफ के बाद रायपुर स्थित AIIMS में भर्ती कराया गया था. इससे पहले अक्टूबर में वे एक निजी अस्पताल में भी भर्ती हुए थे.

Q4. विनोद कुमार शुक्ल को कौन-कौन से बड़े सम्मान मिले थे?

उन्हें वर्ष 2024 में 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था. वे छत्तीसगढ़ से यह सम्मान पाने वाले पहले लेखक थे.

Q5. विनोद कुमार शुक्ल का जन्म कहां हुआ था?

उनका जन्म छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था और उन्होंने वहीं से लेखन की शुरुआत की.

Read More: 3000 साल पुरानी गाथा, आधुनिक भव्यता: नोलन की ‘द ओडिसी’ का ट्रेलर आउट

Advertisment