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कलाकारों ने Ganesh Chaturthi उत्सव को सस्टेनेबल बनाने की पैरवी की

गणेश चतुर्थी एक जीवंत और प्रिय त्यौहार है जो गणेश जी को समर्पित है, जो नई शुरुआत के देवता, बाधाओं को दूर करने वाले विघ्नहर्ता और ज्ञान और बुद्धि के देवता- बुद्धिदाता है. चूंकि यह त्यौहार भक्तों और समुदायों को एक साथ लाता है...

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कलाकारों ने Ganesh Chaturthi उत्सव को सस्टेनेबल बनाने की पैरवी की
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गणेश चतुर्थी एक जीवंत और प्रिय त्यौहार है जो गणेश जी को समर्पित है, जो नई शुरुआत के देवता, बाधाओं को दूर करने वाले विघ्नहर्ता और ज्ञान और बुद्धि के देवता- बुद्धिदाता है. चूंकि यह त्यौहार भक्तों और समुदायों को एक साथ लाता है, इसलिए यह सस्टेनेबल तरीकों को अपनाने का अवसर भी प्रदान करता है. इस साल सोनी सब के सितारे इकोफ्रेंडली गणेश मूर्तियों के उपयोग की पैरवी करते हुए एक सस्टेनेबल गणेश चतुर्थी उत्सव की वकालत कर रहे हैं.

श्रीमद् रामायण में भगवान राम का मुख्य किरदार निभाने वाले सुजय रेऊ ने कहा,

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"श्रीमद् रामायण की पूरी टीम की ओर से सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ! मुंबई में पले-बढ़े होने के कारण गणेश चतुर्थी हमेशा मेरे लिए एक खास त्यौहार रहा है. हालाँकि, मैं इस साल उमरगांव में शूटिंग के कारण मुंबई में नहीं रहूँगा, लेकिन मैं आशीर्वाद लेने के लिए स्थानीय गणेश पंडालों में जाने की योजना बना रहा हूँ. मैं इकोफ्रेंडली गणेश मूर्तियों को लाने में दृढ़ता से विश्वास करता हूँ. वे जल और वायु प्रदूषण को काफी हद तक कम करते हैं. हमारे पर्यावरण की रक्षा करते हुए हमारी परंपराओं की सुंदरता को बनाए रखते हैं. इस साल आइए हम सब मिलकर इकोफ्रेंडली मूर्तियों के साथ गणेशजी का सम्मान करें, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारी भक्ति एक स्थायी भविष्य का भी समर्थन करती है." 

वंशज में यश तलवार का किरदार निभाने वाले शालीन मल्होत्रा ने कहा, 

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"पिछले चार या पाँच सालों से मैं गणपति को अपने घर में ला रहा हूँ, और यह एक खूबसूरत अनुभव रहा है. यह हमारे घर को गर्मजोशी, सकारात्मकता और आध्यात्मिकता से भर देता है. यह लोगों को एक साथ लाता है, जिससे हम उन दोस्तों और परिवार के लोगों से फिर से जुड़ पाते हैं जो अपनी भक्ति अर्पित करने आते हैं. हमने अपने घर में आग लगने के बाद ही इस परंपरा की शुरुआत की, और तब से यह हमेशा सकारात्मकता का स्रोत रहा है. हमने बीज, मिट्टी और कागज़ के गूदे से बनी मूर्तियों का उपयोग किया है, जो पर्यावरण के लिए अच्छी हैं. ये सामग्री पानी में घुल जाती हैं या पौधों में डाली जा सकती हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कोई कचरा पीछे न छूटे और पर्यावरण संरक्षित रहे." 

पुष्पा इम्पॉसिबल में प्रार्थना की भूमिका निभाने वाली इंद्राक्षी कांजीलाल ने कहा, 

Indraxi Kanjilal who plays the role of Prathana in Pushpa Impossible

"स्थायी मूर्तियों का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करती हैं. इको-फ्रेंडली मूर्तियों का चयन करने से यह सुनिश्चित होता है कि हमारे जल निकाय स्वच्छ और स्वस्थ रहें. ये मूर्तियाँ बिना कोई अवशेष छोड़े पूरी तरह से घुल जाती हैं. मैं संधारणीय मूर्तियों के उपयोग के विचार का पूरी तरह से समर्थन करती हूँ. प्रकृति के संरक्षण पर उनके सकारात्मक प्रभाव में विश्वास करती हूँ."

वंशज में युविका महाजन की भूमिका निभाने वाली अंजलि तत्रारी ने कहा,

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"मैं गणेश चतुर्थी के लिए बेहद उत्साहित हूँ! त्योहार की ऊर्जा और आध्यात्मिक माहौल वास्तव में उत्थानकारी है. डेढ दिनों के दौरान हम गणपति जी को घर पर रखते हैं. बस बैठकर मूर्ति को देखना बहुत सुकून देता है. मेरा मानना है कि भगवान की भक्ति माँ प्रकृति की देखभाल के साथ-साथ होनी चाहिए. त्योहार के बाद प्रदूषित समुद्र तटों को देखना निराशाजनक है. इस वजह से मैं हमेशा इको-फ्रेंडली गणपति मूर्तियों का चयन करती हूँ - वे देवता और पर्यावरण दोनों का सम्मान करती हैं. हम उन्हें घर पर विसर्जित कर सकते हैं. अवशेषों का उपयोग पौधों को पोषण देने के लिए भी कर सकते हैं. सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ!"

श्रीमद् रामायण में लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले बसंत भट्ट ने कहा, 

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"मैंने कभी भी अपने घर में गणपति की मूर्तियाँ नहीं लाईं क्योंकि हम उस परंपरा का पालन नहीं करते हैं, बल्कि इसके बजाय हम अपने घर में पूजा करते हैं. अपने मंदिर की सफाई करते हैं. उत्सव के रूप में विशेष भोजन तैयार करते हैं. यह परंपरा मेरे बचपन का एक प्रिय हिस्सा रही है और मेरे गणपति अनुभव को रोमांचक बनाती है. मूर्तियों की स्थिरता पर विचार करते समय पर्यावरण और सामाजिक लाभ दोनों को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है." 

बादल पे पाँव है में रजत की भूमिका निभाने वाले आकाश आहूजा ने कहा, 

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"पिछले दो साल से गणपति जी मेरे घर आते रहे हैं. पिछले साल मुझे उन्हें दिल्ली में अपने घर लाने का दुर्लभ अनुभव हुआ. दिल्ली में उत्सव मुंबई में होने वाले उत्सवों की तीव्रता से मेल नहीं खाते हैं, फिर भी हमारे गणपति ने वही खुशी और सकारात्मकता लाई. यह उत्सव से भरे अद्भुत दो दिन थे. हम घर पर इको-फ्रेंडली गणपति लाए और पूजा पूरी करने के बाद जब विसर्जन हुआ तो मूर्ति मिट्टी में बदल गई. हमने सोचा कि इसका इस्तेमाल गमले में कुछ नया लगाने के लिए किया जाए. इस अनुभव ने स्थिरता की अवधारणा से मेरा जुड़ाव और गहरा कर दिया है. मैंने देखा है कि बहुत से लोग अब सस्टेनेबल गणपति की मूर्तियाँ चुन रहे हैं और मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही सकारात्मक, प्रगतिशील कदम है."

सोनी सब पर हर सोमवार से शनिवार तक पुष्पा इम्पॉसिबल, वंशज, बादलों पे पांव है और श्रीमद् रामायण देखने के लिए तैयार रहें.

by slipa patil

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