अली पीटर जॉन सच्चे महानायक की महागाथा की कुछ झलकियाँ- अली पीटर जॉन वह आठ साल के थे जब उसे अपने जन्मस्थान पेसावर में सेना की गोलीबारी का सामना करना पड़ा। वह बिल्कुल अकेला था और उसका परिवार उसके लिए बहुत चिंतित हो गया था। वह जैसे-तैसे जान बचाकर एक जगह छिप रहा और मौका पाते ही वहाँ से भाग कर घर पहुँच गया। उसे कोई चोट नहीं आई By Mayapuri Desk 21 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
अली पीटर जॉन बांद्रा की वह भयानक सुबह- अली पीटर जॉन बंबई अभी भी नहीं जागी थी, लेकिन बृज सदाना की गृहस्थी जाग चुकी थी क्योंकि परिवार में कुछ भयानक हो रहा था। जाने-माने निर्देशक अपनी बेटी के ऐसे लड़के के साथ घूमने से खुश नहीं थे, जिसे वे पसंद नहीं करते थे। उसने अपने परिवार को उसका अफेयर पसंद नहीं करने के ब By Mayapuri Desk 21 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
अली पीटर जॉन आपकी मैं तब तक तारीफ करूंगा जब तक मेरी साँसे चलती रहेंगी, अब्बास साहब- अली पीटर जॉन जब भी कोई मुझे पत्रकारिता या सिनेमा में किए गए योगदान के लिए मुझे धन्यवाद देता है और जब कुछ लोग अपनी महानता के कारण मुझे एक प्रसिद्ध, दिग्गज और एक असाधारण पत्रकार यहाँ तक कि एक पूरी संस्था कहते हैं, तो मेरे चेहरे पर एक अजीब मुस्कान आती है। तब मैं अपने गुर By Mayapuri Desk 21 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
अली पीटर जॉन 21 सालों के बाद भी यदि बंधन टूट जाता है तो यकीनन उस बंधन में प्यार नहीं था... (कमल सदाना और लिसा भी अलग हो गए)- अली पीटर जॉन प्रेम ईश्वर का सबसे अमूल्य उपहार है। सच्चे प्यार के लिए शादी सबसे कठिन परीक्षा होती है! लेकिन जिस समय में हम रह रहे हैं, ऐसा लगता है कि, सच्चे प्यार और शादी दोनों को हम इंसान बहुत हल्के में ले रहे हैं, और यही कारण है कि, हम बहुत सारी प्रेम कहानियों को बुर By Mayapuri Desk 21 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
अली पीटर जॉन जब मैंने साहब से अपना सबसे मुश्किल सवाल पूछा था- अली पीटर जॉन दिलीप कुमार के बारे में अफवाहें और अप्रत्याशित कहानियाँ अस्मा नामक एक समाज की महिला के साथ संबंध रखती थीं और दिन-प्रतिदिन फैलती जा रही थीं! उनके अफेयर की कहानी सबसे पहले देवयानी चैबल नाम की एक महिला पत्रकार ने लिखी थी, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्हो By Mayapuri Desk 21 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
अली पीटर जॉन मेरे दोस्त अगर मेरा साथ नहीं देते, तो मैं दिलीप कुमार को अपनी भेंट कैसे अर्पण कर पाता?- अली पीटर जॉन जिस दिन दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार की कथा का अंत हुआ, उस दिन मैं भी अपना अंत देख सकता था। मैं लगभग आधे दिन तक चीखता-चिल्लाता रहा, मैं जानता था कि उनकी स्थिति बहुत गंभीर थी, लेकिन सायरा जी की तरह, मुझे भी आशा और विश्वास था कि जीवन उस महान व्यक्ति के प्रति औ By Mayapuri Desk 21 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
अली पीटर जॉन वह देव साहब का ऑफिस था या महल?- अली पीटर जॉन जब से मैंने नवंबर की सुबह अपना पैर कुचला है, मुझे अपनी विभिन्न स्थानों पर भटकने, घूमने और आवारागर्दी करने पर रोक लगानी पड़ी! मैं ऐसे लोगों से नहीं मिल पा रहा था, जो सौभाग्य से हमेशा मेरा स्वागत करने के इच्छुक थे! हर मंगलवार को कुछ समय देव आनंद के साथ पहले By Mayapuri Desk 19 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
अली पीटर जॉन क्या शादी के पवित्र रिश्ते को किसी की बुरी नजर लग गई है?- अली पीटर जॉन मैं मानता हूँ कि, विवाह की संस्था को ईश्वर या जो भी ये रिश्ते बनाता है, उसके द्वारा बनाई गई सबसे डरावनी संस्थाओं में से एक है। इस रिश्ते के रास्ते में विशेष कर तथाकथित उच्च वर्ग के समाजों और फिल्म उद्योग (जिसे मैंने अपने जीवन के पचास सर्वश्रेष्ठ वर्षों को By Mayapuri Desk 19 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
अली पीटर जॉन इनकी हाँ और न के बीच लटका हुआ था अमिताभ का भविष्य (इनके जन्मदिन पर)- अली पीटर जॉन By Mayapuri Desk 19 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn