रेटिंग** आज भी मिडिल क्लास परिवारों की समस्या लड़की की शादी में दहेज को लेकर है । निर्देशक पवन के चौहान ने ये समस्या अपनी फिल्म ‘इक्कीस तारीख शुभ मुहूर्त’ में हल्के फुल्के हास्य के तहत दर्शाई है। नार्थ में मध्यम श्रेणी के परिवारों में देखा सकता है कि शाद
Advertisment
Shyam Sharma
रेटिंग* अस्सी और नब्बे के बीच ऐसी फिल्में बना करती थी जिनमें रोमांस या लव स्टोरी के तहत हीरो हीरोइन का प्यार, इसके बाद लड़के या लड़की के पेरेन्ट्स की तरफ आई कोई ऐसी अड़चन जो दोनों को अलग कर देती है। इसके बाद कहानी में शामिल होता है एक तीसरा पात्र, जो दोनों
एवरेज स्टार के तौर पर अरबाज खान पिछले बाइस साल से लगातार फिल्मों में काम कर रहे हैं। उनकी इमेज को लेकर आज भी कन्फयूजन हैं क्योंकि पिछले बाइस सालों के दौरान ऐसी कोई भूमिका नहीं जिसके लिये अरबाज जाने जाते हों। उन्हें जो रोल दिया जाते हैं वे बिना किसी रिजल्ट
अपने वक्त में हिट फिल्मों के प्रयाय बन चुके गोविंदा एक बार फिर सक्रीय हैं। लिहाजा एक बार फिर दर्शक गोविंदा की कोमॅडी भरी फिल्मों से रूबरू हो रहे है। फ्राइडे के बाद उनकी फिल्म ‘रंगीला राजा’ में दर्शक दो गोविंदाओं को देख पायेगें यानी इस फिल्म में चीची डबल र
इन दिनों सलमान खान अपनी फिल्म भारत को पूरा करने में पूरक जूनून के साथ लगे हुये हैं। ऑडियंस को भी इस मल्टी स्टारर फिल्म को बेसर्बी से इंतजार है। इससे पहले इस फिल्म में कैटरीना कैफ का लुक लीक हो चुका है और अब इस फिल्म से सलमान का एक नहीं बल्कि दो लुक सामने
लीजीये साहब अब मीटू अभियान का रूख साउथ की तरफ हो चला है। हाल ही में कन्नड़ फिल्मों की स्टार श्रुति हरिहरन ने साउथ के जाने माने स्टार अर्जुन सरजा पर यौन शोषण का इल्जाम लगा दिया। अर्जुन के खिलाफ श्रंति ने बाकायदा पुलिस स्टेशन जाकर एफआईआर दर्ज करवाई है। उधर
रेटिंग*** लड़कियों को लेकर हमारे देश में कुछ समस्याएं हमेशा बनी रहती हैं, जैसे भ्रूण हत्या, लड़कियों की पढ़ाई आदि। हालांकि कुछ वर्षों के दौरान इन समस्याओं में काफी सुधार आया है बावजूद इसके आज भी सरकार तथा ढेर सारे एनजीओ इन्हें लेकर लोगों को जाग्रत करते रहते
रेटिंग** नकली नोटों को लेकर गढ़ी गई कॉमेडी फिल्म ‘चल जा बापू’ में निर्देशक देदिप्या जोशी ने पूर्व बिग बॉस विनर आशुतोश कौशिक को नायक के तौर प्रस्तुत किया है। सहारनपुर का आशुतोश कौशिक उर्फ आशु एक निकम्मा कामचोर लेकिऩ झोलर किस्म का बंदा है। जो अपने पिता रा
रेटिंग** आज गांव शहरों में तब्दील हो रहे हैं जो गांव को शहर बनाने पर तुले हुये हैं। इस थॅाट को लेकर निर्देशक गौतम सिंह ने फिल्म‘ गांव ‘द विलेज नो मोर’ बनाई। फिल्म में कल्पना की है कि किस प्रकार किसी गांव में जब शहर घुसने लगता है तो वहां क्या परिवर्तन होत
रेटिंग** निर्देशक धीरज जोशी की फिल्म ‘काशी-इन सर्च ऑफ गंगा’ एक ऐसे बेहतरीन प्लाट पर बनी फिल्म है जिस पर एक बेहतरीन थ्रिलर सस्पेंस फिल्म बन सकती थी। जबकि मौजूदा फिल्म औसत से ऊपर नहीं उठ पाती। काशी के घाट पर बने शमसानों में से एक पर डोम जाति का काशी (शरमन
Advertisment
Advertisment
Latest Stories






/mayapuri/media/post_banners/351aea5b7c1a6765f5654051c972837235225485faaf4a4edadb8ed7a6a34a91.jpg)
/mayapuri/media/post_banners/9f15b06965b96e97c7629e69940219413b9e809b969e2ba030918479f4dc6f4a.jpg)

/mayapuri/media/post_banners/81ac6a6808b03e1c20081d721f5d086b1e7dcc25f787873511480598acf7d268.jpg)