1999 में रिलीज़ हुई बहुचर्चित साइंस फिक्शन एक्शन फिल्म मैट्रिक्स की ट्राइलॉजी 2003 में पूरी हो गयी थी. इस फिल्म के बाद स्टार हॉलीवुड एक्टर कीनू रीव्स की पॉपुलैरिटी विश्व विख्यात हो गयी थी. इस फिल्म के हज़ारों फैन फिक्शन वर्शन बन चुके हैं और दर्जनों विडियो ग

Siddharth Arora 'Sahar'
अक्षय कुमार यूँ तो ज़िन्दादिल आदमी हैं. ज़िन्दगी में आने वाली हर मुसीबत को अपनी मुस्कान और मेहनत से हल करना उनका पसंदीदा शगल रहा है लेकिन इन दिनों उनपर ऐसा मुसीबतों का पहाड़ टूटा है कि उनके पास कोई मुस्कान बाकी नहीं बची है और कितनी भी मेहनत उन्हें उनकी माँ व
क्रिकेट फैन्स के लिए इससे बड़ी ख़ुशख़बरी क्या हो सकती है कि जिन दादा (सौरव गाँगुली) को वह सालों से क्रिकेट के मैदान में देखते आ रहे थे, वह अब बड़े पर्दे पर नज़र आने वाले हैं. जी हाँ, महेंद्र सिंह धोनी और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बाद अब बंगाल टाइगर सौरव
संगीतकार रोशन एक ऐसे शख्स का नाम है जो किसी पहचान के मोहताज नहीं है। फिल्म अनहोनी, बरसात की रात, ताज महल, चित्रलेखा, अनोखी रात आदि ऐसी दर्जनों फ़िल्में हैं जिनमें रोशन का संगीत बहुत लोकप्रिय हुआ है। संगीतकार रोशन के दो बेटे हुए, राकेश और राजेश। उनके बड़े बे
आज 6 सितम्बर को सुबह जब अक्षय कुमार को पता चला कि उनकी माँ की तबियत ज़्यादा ख़राब है, वह तुरंत इंग्लैंड सेमुंबई के लिए रवाना हो गये. अक्षय कुमार की मां को मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। परिवार के अन
यूं तो आप बेहतर जानते हैं कि भारत में होने वाली हर शादी में एक नागिन डांस और एक ‘नज़रें मिलीं, दिल धड़का मेरी धड़कन ने कहा, लव यू राजा’ ज़रूर बजता है। सन 1995 में आई फिल्म ‘राजा’ का ये गाना खासा लोकप्रिय भी है और नदीम-श्रवण की कॉम्पोज़िशन में बने गानों और माधु
अगर मैं आपसे कहूँ कि देशभक्ति पर बनी आपने कितनी फिल्में देखी या सुनी हैं? तो शायद आप पाँच, दस या बड़ी हद पंद्रह फिल्मों के नाम बता पायेंगे। पर सच तो ये है कि हमारे भारत में सैकड़ों ऐसी फिल्में बनी हैं जिनमें आज़ादी से जुडी एक एक बात, एक एक हीरो का ज़िक्र है औ
साल 2004 बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर फराह खान के लिए बहुत स्पेशल साल था. इसी साल वह कोरियोग्राफर और एक्टर के क्रेडिट से आगे बढ़कर डायरेक्टर की चेयर पर विराजमान हो गयी थीं. इसी साल उनकी पहली फिल्म ‘मैं हूँ न’ रिलीज़ हुई थी जिसमें शाहरुख़ खान, ज़ायेद खान, अमृ
एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म की सबसे बड़ी पॉवर होती है उसका क्लाइमेक्स। पटकथा लेखक ने एक-एक सीन बनाने में चाहें अपनी कलम के घोड़े खोल लिए हों, फिर भी उसपर सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी यही होती है कि वो कहानी का अंत किस तरह करता है। बात करते हैं ‘चेहरे’ की, फिल्म क
Marvel अवेन्जर्स के जितने फैंस वेस्टर्न देशों में हैं उससे कहीं ज़्यादा भारत में हैं। खासकर अवेंजर्स सीरीज़ के बाद से मार्वल मूवीज़ के फैंस की बाढ़ सी आई है। 24 फिल्मों का मार्वल सागा खत्म होने के बाद अब मार्वल टीम वेब सीरीज़ के रूप में भी आ चुकी है और इन्हीं