मान सिंह: पत्रकारिता से फिल्म निर्माण तक का सफर मान सिंह, जो कि 6 जुलाई 1959 को जौनपुर, उत्तर प्रदेश में जन्मे, ने पत्रकारिता और बॉलीवुड दोनों में अपनी अनूठी पहचान बनाई है। अपने तीखे लेखन और समाज की गहरी समझ के लिए जाने जाने... By Mayapuri Desk 07 Sep 2024 in एंटरटेनमेंट New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर मान सिंह, जो कि 6 जुलाई 1959 को जौनपुर, उत्तर प्रदेश में जन्मे, ने पत्रकारिता और बॉलीवुड दोनों में अपनी अनूठी पहचान बनाई है। अपने तीखे लेखन और समाज की गहरी समझ के लिए जाने जाने वाले मान सिंह का सफर पत्रकारिता से फिल्म निर्माण तक अत्यंत प्रेरणादायक है। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा मान सिंह का जन्म एफ बी सिंह और धर्मा देवी के घर जौनपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट थॉमस इंटर कॉलेज में हुई, जहाँ उन्होंने साहित्य और कहानी लेखन में गहरी रुचि विकसित की। इसी जुनून ने उन्हें बी.ए. आर्ट्स में स्नातक करने के लिए प्रेरित किया, जो कि उनके भविष्य की उन्नति के लिए एक मजबूत आधार बना। पत्रकारिता में करियर मान सिंह ने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की, और भारत के सबसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों जैसे कि 'द टाइम्स ऑफ इंडिया', 'हिंदुस्तान टाइम्स', और 'आनंद बाजार पत्रिका ग्रुप' के लिए लेख लिखे। उनके लेख अक्सर भारतीय समाज, राजनीति और संस्कृति की जटिलताओं को उजागर करते थे, जिससे वे एक निडर और दूरदर्शी पत्रकार के रूप में प्रतिष्ठित हुए। सिर्फ पत्रकारिता ही नहीं, मान सिंह ने सैकड़ों अन्य प्रकाशनों में भी कहानियाँ और कविताएँ लिखीं। उनकी साहित्यिक कृतियों में पाँच प्रमुख उपन्यास शामिल हैं—'रेत का महल', 'फिर लौटती जिंदगी', 'सपनों की तलाश', 'आईना ज़ख्मों का', और 'मेरी टूटू'—जो आम आदमी के संघर्षों और सपनों से गहरे जुड़े हुए हैं। फिल्म निर्माण में कदम पत्रकारिता में सफलता के बावजूद, मान सिंह की रचनात्मक महत्वाकांक्षाओं ने उन्हें फिल्म निर्माण की दुनिया में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया। बॉलीवुड में उनका प्रवेश कई सफल फिल्मों के निर्माण के साथ हुआ, जिनमें से प्रत्येक में सामाजिक मुद्दों को उठाने की उनकी विशेष शैली स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उनके सबसे उल्लेखनीय कार्यों में 'गुनहगार', 'जुर्माना', 'राजा भैया', 'कृष्णावतार', 'क्रांति क्षेत्र', 'गहरी चाल', और 'व्हाय आई किल्ड गांधी?' शामिल हैं। यह फिल्म महात्मा गांधी की हत्या के विवादास्पद घटनाक्रमों को गहराई और संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती है। मान सिंह ने पंजाबी सिनेमा में भी कदम रखा और 'नानक नाम जहाज है' का निर्माण किया, जो पंजाबी सिनेमा के सबसे बड़े शीर्षकों में से एक माना जाता है। उन्होंने दूरदर्शन (डीडी नेशनल) पर प्रसारित होने वाले टीवी सीरियल 'आशियाना' का भी निर्माण किया, जिसने उच्चतम टीआरपी के साथ चैनल पर नंबर 1 शो का खिताब जीता। पुरस्कार और सम्मान पत्रकारिता और सिनेमा दोनों में मान सिंह के योगदान को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिनमें 'कलाश्री' पुरस्कार, खजुराहो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव से 'विशिष्ट सम्मान' पुरस्कार और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया एवं एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से 'हिंदी सिनेमा गौरव' पुरस्कार शामिल हैं। व्यक्तिगत जीवन मान सिंह की पत्नी का नाम कल्याणी सिंह है, और उनका एक बेटा है। व्यस्त करियर के बावजूद, मन्न सिंह ने हमेशा अपने जड़ों और परिवार के साथ गहरा संबंध बनाए रखा है, और उन्हें अपने उत्तर प्रदेश की पृष्ठभूमि से प्रेरणा मिलती है। विरासत maya आज, मान सिंह सिर्फ एक फिल्म निर्माता ही नहीं, बल्कि एक कहानीकार भी हैं, जो सिनेमा के माध्यम से मानव अस्तित्व के विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हैं। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर से बॉलीवुड की चकाचौंध तक का उनका सफर उनके दृढ़ संकल्प, रचनात्मकता, और कहानी कहने के जुनून का प्रमाण है। मान सिंह आज भी युवा पत्रकारों और फिल्म निर्माताओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं, यह साबित करते हुए कि प्रतिभा और दृढ़ता के साथ, कोई भी कई क्षेत्रों में स्थायी प्रभाव छोड़ सकता है। उनकी विरासत पत्रकारिता और फिल्म निर्माण दोनों में उत्कृष्टता की है, और उनके कार्य आने वाले वर्षों में दर्शकों के साथ गूंजते रहेंगे। Read More: Alia Bhatt की फिल्म Jigra का टीजर इस दिन होगा रिलीज Jason Shah ने ठग्स ऑफ हिंदोस्तान के सेट पर आमिर के व्यवहार को किया याद आर्यन खान को आदित्य चोपड़ा समेत कई बड़े डायरेक्टर करना चाहते हैं लॉन्च Shilpa Shinde ने फिल्म निर्माता पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article