हालांकि यह जरूरी नहीं कि सिनेमाई मील का पत्थर हो, लेकिन 1961 की "छोटे नवाब" दो प्रमुख कारणों से फिल्म इतिहास में एक विशेष स्थान रखती है: यह कॉमेडी जीनियस महमूद की पहली प्रमुख भूमिका वाली फिल्म थी, और यह महान आर.डी. बर्मन के संगीत निर्देशन की पहली फिल्म थी.
महमूद थे इस स्टेज के सेंटर ऑफ़ अट्रैक्शन
महमूद की हास्य प्रतिभा पूरी फिल्म में चमकती है. उनकी बेदाग टाइमिंग और अजीबोगरीब हरकतें हंसी के ठहाके लगाने की गारंटी देती हैं. अमिता अपनी भूमिका में आकर्षण और शालीनता लाती हैं, जबकि हमेशा ग्लैमरस रहने वाली हेलेन और मीनू मुमताज ने अपनी चमक बिखेरी.
लेकिन "छोटे नवाब" का असली क्राउन निस्संदेह इसका साउंडट्रैक है. इस फिल्म के साथ, आर.डी. बर्मन, जो तब एक नए कलाकार थे, ने संगीत निर्देशक के रूप में मंच पर कदम रखा. कहानी यह है (इंटरनेट के अनुसार) कि महमूद, बर्मन की कार पर लगातार ढोल बजाने से थक गए, उन्होंने युवा प्रतिभा पर एक मौका लेने का फैसला किया. और यह कितना शानदार विकल्प साबित हुआ! बर्मन का पहला स्कोर उल्लेखनीय से कम नहीं है.
साउंडट्रैक जो हमेशा याद रहेंगे
फिल्म में गानों का एक जीवंत संग्रह है, जिनमें से प्रत्येक बर्मन की उभरती प्रतिभा को दर्शाता है. चंचल "आम चुम तम चुम" से लेकर मधुर और उत्साहवर्धक "आज हुआ दिल मतवाला" तक, गाने जितने मनोरंजक हैं, उतने ही विविध भी हैं. खूबसूरत शीला वाज़ की विशेषता वाले दो आकर्षक मुजरा - "घर आजा घिर" और "चुरा के दिल" का विशेष उल्लेख किया जाना चाहिए.
एक संगीत लेगेसी के साथ एक टाइमलेस क्लासिक कॉमेडी
"छोटे नवाब" भले ही मुख्यधारा की सनसनी न रही हो, लेकिन इसने कॉमेडी, रोमांस और सबसे बढ़कर, असाधारण संगीत का एक रमणीय मिश्रण पेश किया. ये फिल्म एक रिमाइंडर है कि अनएक्सपेक्टेड जेम्स में कई अनमोल खजाने छुपे होते हैं.
Chhote Nawab (1961) Full Movie
-Ayushi Sinha
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