Shashikala Birthday: शशिकला जब मदर टेरेसा के आश्रम में पहुंची और फिर.. शशिकला जिनका जीवन कई उतार-चढ़ाव, तूफानांे और झगड़ों से भरा था, शशिकला 60 के दशक की सबसे ग्लैमरस और पॉपुलर ‘बैड वुमन’ या “वैम्प” थीं उन्होंने खुद को एक लीडिंग लेडी के रूप में स्थापित करने के लिए हर अवसर का सबसे अच्छा फायदा उठाया... By Ali Peter John 04 Aug 2024 in गपशप New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर शशिकला जिनका जीवन कई उतार-चढ़ाव, तूफानांे और झगड़ों से भरा था, शशिकला 60 के दशक की सबसे ग्लैमरस और पॉपुलर ‘बैड वुमन’ या “वैम्प” थीं! उन्होंने खुद को एक लीडिंग लेडी के रूप में स्थापित करने के लिए हर अवसर का सबसे अच्छा फायदा उठाया और फिर उन्होंने अपने करियर में एक नए अध्याय को शुरू किया, जब ताराचंद बड़जात्या ने उन्हें राजश्री प्रोडक्शन की पहली फिल्म ‘आरती’ में एक वैंप की भूमिका निभाने के लिए चुना! और उन्हें अगले दशक तक भी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा क्योंकि ‘बैड वुमन’ वाली भूमिकाएं उन्हें ऑफर की जा रही थीं और विशेष रूप से उनके लिए फिल्मों की स्क्रिप्ट में लिखी गई थीं! लेकिन उनकी सफलता की कहानी में दर्द और दुख का भी बराबरी का हिस्सा था। उनकी लाइफ में एक ऐसा पल भी आया जब उन्होंने अपनी बेटी को कैंसर के कारण खो दिया था और वह अपने व्यवसायी पति ओम सहगल से अलग हो गई थी जो अभिनेता और गायक के.एल.सहगल के दूर के रिश्तेदार थे। वह एक बिना पतवार वाली नाव की तरह यात्रा करती रहीं और वह तब ऑस्ट्रेलिया में थीं जब उन्होंने अभिनय से ब्रेक लिया था।वह भारत वापस आई और शांति की तलाश के लिए हर पवित्र स्थान पर गई। जब वह कलकत्ता पहुंची तो वह कालीघाट में स्थित मदर टेरेसा के आश्रम और अस्पताल से आकर्षित हुई। वह आश्रम के चारों ओर घूमी और अंत में उन्होंने यह फैसला किया कि वह यही रहेंगी क्योंकि उन्हें लगा की उन्हें केवल मदर टेरेसा के इस आश्रम में ही शांति मिलेगी! शशिकला, जिनके पीछे उनका प्रसिद्धि सौभाग्य था, ने तीन साल से अधिक समय तक खुद को सबसे गरीब लोगों की सेवा के लिए आत्मसमर्पित कर दिया था। उन्होंने अपना सारा समय मदर टेरेसा के अस्पताल में मरीजों के लिए प्रार्थना करने और उनकी देखभाल करने में लगा दिया था। जहाँ उन्हें में कुष्ठरोगियों के शौचालयों को धोना, उन्हें स्नान कराना, उन्हें पट्टी बांधना और उन्हें सर्वोत्तम तरीके से कम्फर्टेबल महसूस कराना था और उन्हें कभी कभी अस्पताल से श्मशान और कब्रिस्तानों तक शवों को ले जाना भी होता था। हालांकि उन्होंने यहाँ तक कहा था कि, मदर टेरेसा के साथ में बिताए उनके दिन उनके जीवन के सबसे सुखद और शांतिपूर्ण दिन थे। जब उन्हें लगा कि वह अभी भी फिल्मों में अभिनय कर सकती है, तो उन्होंने मदर टेरेसा से पूछा कि क्या वह आश्रम को छोड़ सकती है और मदर ने उनसे कहा था कि, “आप अपनी मर्जी से यहां आई थी। अब आप फिर से जीवन जीने के लिए बिल्कुल स्वतंत्र हैं जैसा आप चाहती हैं। हालांकि आप मुझे भूल भी सकती हैं, लेकिन कृपया यीशु को कभी मत भूलना क्योंकि वह आपको यहां लाए थे और वह समय के अंत तक आपके साथ ही रहेगे।” शशिकला वापस मुंबई आ गईं थी और यहाँ से उनके लिए एक नया करियर शुरू हुआ था। वह आखिरकार खुद के साथ शांति से थी। हालांकि वह अब अपने 80 के दशक के उत्तरार्ध में हैं और कलाकारों, लेखकों और अन्य लोगों के लिए किए गए आवंटन के एक हिस्से के रूप में महाराष्ट्र सरकार द्वारा एक छोटे से अपार्टमेंट में रहती हैं। वह अकेले बेशक हो सकती है, लेकिन वह अकेली नहीं है क्योंकि उन्हें पता है कि उनके पास मदर टेरेसा का आशीर्वाद और यीशु मसीह का साथ और प्यार है। ये कोई धर्म की बात नहीं है, ये इंसान कि किस्मत और उसके खेल की एक अजीब दास्तान हैं Read More फैंस ने शिखर पहारिया और जान्हवी कपूर को हैशटैग दिया 'जान्हवर' संसद में अमिताभ के नाम पर भड़कीं जया,फैन्स ने कहा 'फिर इस्तेमाल क्यों' अक्षय की फिल्म वेलकम टू द जंगल में 22 किलो का कॉस्ट्यूम पहनेंगे जैकी सीमित बजट के साथ ऋषि ने भेजा था रणबीर को अमेरिका,$2 में करते थे गुज़ारा हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article