‘‘उसकी सफलता को लेकर मैं बहुत खुश हूं- विकी कौशल

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By Mayapuri Desk
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‘‘उसकी सफलता को लेकर मैं बहुत खुश हूं- विकी कौशल

सफलता को लेकर Vicky Kaushal बहुत खुश

नेशनल अवॉर्ड विनर एक्टर Vicky Kaushal लगातार अपने अभिनय से दर्शक को प्रभावित करने में लगे हैं। लिहाजा अब दर्शक भी उसकी फिल्मों का इंतजार करने लगा है। बेशक आज विकी को एक स्टार का दर्जा मिल चुका है और उसके पास कई बिग बैनर्स की फिल्में है। इसी सप्ताह करण जौहर की फिल्म ‘Bhoot’ में विकी खुद को और लोगों को डराते दिखाई दे रहे हैं। फिल्म को लेकर उससे एक बातचीत।

अपने कॅरियर के छोटे से अरसे में मिली सफलता को कैसे लेते हैं ?

Vicky Kaushal मुझे लगता है कोई फिल्म महज हीरो के बलबूते पर नहीं चलती बल्कि उसमें टीम के हर शख्स का योगदान होता है। मैं तो महज एक्टर हूं। दूसरे मैं एक टेक्नीशियन का बेटा हूं लिहाजा मुझे पता है कि वे लोग किसी फिल्म के लिये कितने अहम होते हैं। मैं कह सकता हूं कि मेरी सफलता में उन सभी का भी बहुत बड़ा योगदान है।



भूत एक हॉरर फिल्म है?

सच तो ये है कि मैं हमेशा से 'Bhoot' वाली फिल्में देखने से कतराता रहा हूं। आप कह सकते हैं कि मुझे हॉरर फिल्में देखते से डर लगता है, खास कर अकेले में, हां यारे दोस्तों के साथ ऐसी फिल्में फुल एन्जॉय करता हूं।

फिल्म के ऑफर पर क्या प्रतिक्रिया रही थी ?

जैसा कि मैं बता चुका हूं कि इस तरह की फिल्मों के प्रति में हमेशा सतर्क रहा हूं। जब मुझे फिल्म का ऑफर मिला तो धर्मा जैसे सम्मानित बैनर के लिये मै न तो नहीं कर पाया, लेकिन जब मैने स्क्रिप्ट पढ़ी तो मेरी हालत खराब हो गई। आप सोच सकते हैं कि सिर्फ स्क्रिप्ट पढ़ते हुये मुझे इस कदर डर लगा। दरअसल मैं रात को स्क्रिप्ट पढ़ रहा था, आप यकीन करें, डर की वजह से मैं बीच में पानी पीने तक नहीं गया। लेकिन अगले दिन आकर फिल्म साइन कर ली थी।

इस प्रकार की हॉरर फिल्मों को कैसे देखते हैं?

मैं हॉरर फिल्में बहुत कम देखता आया हूं लेकिन मैने सुना है कि हमारी हॉरर फिल्में इस कदर बचकानी होती हैं कि वे डराती कम, हंसाती ज्यादा है, लेकिन इस फिल्म को पढ़कर मुझे ऐसा कतई नहीं लगा बल्कि मुझे तो लगा कि ये  एक अलग दिशा में जाने वाली फिल्म हो सकती है और आगे इस जॉनर के लिये नये नये रास्ते खोल सकती है।

शूटिंग के दौरान कोई हादसा?

गुजरात के भाव नगर में जिन दिनों हम एक शिप पर फिल्म के एक सीन की शूटिंग कर रहे थे। शूट के दौरान अचानक एक दरवाजा टूट कर मुझ पर गिर पड़ा और उसकी कुंडी से चेहरे पर गहरी चोट लग गई। मुझे फौरन अस्पताल ले जाया गया। वहां मेरे चेहरे पर कई टांके लगे, चेहरा भी सूज गया था। लेकिन मुझे उस वक्त बहुत अच्छा लगा जब मुझे पता चला कि उस वक्त अस्पताल में इंडिया के के टॉप 3 प्लासटिक सर्जन मौजूद थे। शूटिंग खत्म होने के बाद वीएफएक्स के जरीये चेहरे के मार्क को सही किया गया।



चेहरे पर हादसे का कोई निषान तो नहीं रह गया?

भूत की शूटिंग तो खत्म हो चकी थी, लेकिन उसके अगले सप्ताह ही मुझे फिल्म उधमसिंह की शूटिंग के लिए रूस जाना था। मैंने शूजित सरकार को अपने घायल चेहरे की फोटो भेजी जिस पर एक निषान उस वक्त भी मौजूद था,जिसे देखकर उन्होंने कहा कि, कोई बात नहीं, तुम आ जाओ, हम किरदार को यही मार्क दे देंगे। लिहाजा बाद में उधमसिंह का जो लुक आया, उसमें जो निशान था, वो असली था।

आपके भाई Sunny Kaushal भी धीरे धीरे अपना नाम बढा रहा है ?

सनी बहुत अच्छा एक्टर है ये मैं इसलिये नहीं कह रहा हूं कि वो मेरा भाई है । इन दिनों उसे अच्छे अवसर मिल रहे हैं। कम लोगों को पता है कि हमने अपने कॅरियर की शुरुआत लग भग एक ही समय की थी। कितनी ही जगह हम एक ही जगह ऑडिशन  देने जाते रहे हैं, संघर्ष के दौरान कितने ही साल हमने साथ में गुजारे हैं। मुझे याद है उन दिनों मैं उसके लिये वीडियो बनाता था और वो मेरे वीडियो शूट करता था। इन दिनों वो दिनेश वीजन की फिल्म‘शिद्दत’कर रहा है। उसकी सफलता को लेकर मैं बहुत खुश हूं।

किसी भी फिल्म को साइन करने का आपका क्या क्राइटरिया है ?

हमेशा से मेरी नजर में किसी भी फिल्म का हीरो उसकी कहानी होती है मैं भी कहानी को ही असली हीरो मानता हूं। उसके बाद बैनर कैसा है, क्या उस पर भरोसा किया जा सकता है कि वो फिल्म कंपलीट कर पायेगा भी या नहीं, क्योंकि बड़े और प्रतिष्ठित बैनर की मार्केटिंग बेहतर तरीके से होती है। कई बार एक अच्छी फिल्म बन जाती है, लेकिन वह लोगों तक नहीं पहुंच पाती। इसलिये किसी भी फिल्म को साइन करने से पहले इन चीजों को देखना पड़ता है।

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