तीन किशोर बस कंडक्टर जिन्होंने अपनी ही दिशा बदल दी-अली पीटर जॉन
मैं साठ के दशक के दौरान बस कंडक्टरों, विशेष रूप से बॉम्बे के बेस्ट बस कंडक्टरों के साथ अपने जुड़ाव को कभी समझ नहीं पाया। मैं एक ऐसे परिसर में रहता था जहाँ कुछ कारणों से मेरी समझ से परे, अधिकांश पुरुष थे, ज्यादातर यूपी और मैंगलोर से थे। और एक ही समुदाय के क