थिएटर , टीवी सीरियल , लेखन , फोटोग्राफी में अपने टेलेंट से लोगों के दिलों पर राज़ करने वाले संजीव मेहरा ‘ द बकिंघम मर्डर्स ’ फिल्म से एक बार फिर अपना टेलेंट दर्शकों के सामने लेकर आ रहे हैं . इस फिल्म में वह करीना कपूर के पिता का किरदार निभा रहे हैं . पहले थिएटर फिर टीवी और अब फिल्म , यहाँ तक का उनका सफ़र कैसा रहा , साथ ही मायापुरी से उनका कैसा जुड़ाव है , इस बारे में उन्होंने हमसे खास बातचीत की .
सवाल - हमने आपको टीवी पर बहुत देखा है . आपने अपने करियर की शुरुआत कब की और आपकी प्रेरणा कौन रहा है?
जवाब - मैं आपको बता दूँ कि मैं दिल्ली में ही जन्मा हूँ और मैंने अपने करियर की शुरुआत 11 साल की उम्र में की थी . शुरू - शुरू में मैंने थिएटर किए थे . इसके अलावा दिल्ली के बाल भवन , जो कि एक संस्था है , में मैं जाया करता था . यहाँ पर मैंने म्यूजिक और ड्रामा की क्लास ली थी . वहाँ मेरे साथ कई टेलेंटिड् लोग थे जिसमें से एक रेखा भारद्वाज है . हमारे साथ सुषमा भी थी . मोहिनी माथुर जी हमारी टीचर थी . थिएटर से ही मेरे करियर की शुरुआत हुई .
मैंने अभी तक करीब पंद्रह सौ लाइव थिएटर किए है . इसके अलावा मैंने बहुत से टीवी शो भी किए . उसी वक़्त मैंने एक समूह बनाया जिसका नाम था ‘ साक्षी ’. इसकी शुरुआत हमने 4-5 लोगों से की थी . बाद में इसमें 85 से जायदा लोग जुड़ गए और ये नार्थ इंडिया का सबसे बड़ा थिएटर ग्रुप बन गया . इसमें अमीना शेरवानी , महेंद्र गोयल , कृष्ण कांत सिन्हा , सुनील मांगला , राजेश प्रधान और सौरभ शुक्ला थे . हम सब ने मिलकर साक्षी थिएटर ग्रुप को शुरू किया था . सौरभ और मैं एक ही स्कूल में पढ़ते थे . हम दूसरी कक्षा से दोस्त थे .
मेरा पहला सीरियल ‘ हम लोग ’ था . जो इंडिया का भी पहला ही सीरियल था . इसमें मैं कैमरे के पीछे भी था और आगे भी . फिर मैं ऐसे ही काम करता रहा . इस बीच मैं ‘ मायापुरी ’ मैगज़ीन से भी जुड़ा था . मैंने कई साल मायापुरी में काम किया है . मैं यहाँ एनिमेशन में काम किया करता था . इसके बाद मैंने ‘ साडा पंजाब ’ शो किया . इसके मैंने सौ से भी जायदा एपिसोड किए हैं . इसके अलावा कुछ और शो भी किए . मैंने इस वक़्त तक अपनी विडियो जर्नी भी शुरू कर दी थी , लेकिन मैंने थिएटर कभी नहीं छोड़ा . मैंने टीवी पर बहुत काम किया है .
मुझे वहां कई और लोग भी मिले जैसे , मनोज वाजपेयी , तिग्मांशु धूलिया , निर्मल पाण्डेय, पीयूष मिश्रा, राजीव गुप्ता, अतुल श्रीवास्तव, ब्रिजेन्द्र काला आज जब मैं पुराने दिनों को याद करता हूँ तो सोचता हूँ की सब ने बहुत अच्छा नाम कमा लिया है .
सवाल - आपने इरफ़ान खान के साथ भी काम किया है . उनके साथ काम करने का आपका एक्सपीरियंस कैसा था ?
जवाब - बहुत ही बढ़िया . हम तो पुराने दोस्त ही थे , साथ में थिएटर किया था . इरफ़ान ब्रिलियंट रहे . ‘ ग्रेट मराठा ’ सीरियल में हमने एकसाथ काम किया था . जिसमें मैंने एक हिजड़े की भूमिका निभाई थी . ये बहुत ही चेलेंजिंग था . मैं बहुत खुशनसीब हूँ कि मैंने उनके साथ काम किया . बल्कि मैं समझता हूँ कि मुझे बहुत उम्दा लोगों के साथ काम करने का मौका मिला है , चाहे वह मुज़फ्फर अली हो या फिर अशोक तलवार , जिन्होंने मैला आँचल बनाया था .
सवाल - अभी आपने ‘ द बकिंघम मर्डर्स ’ फिल्म की . आपका इसमें एक्सपीरियंस कैसा रहा ?
जवाब - मेरी आखिरी फिल्म ‘ वादा रहा ’ थी , जिसमें कंगना रनौत और बॉबी देओल थे . इसके बाद मैं 2008 में मैं आस्ट्रेलिया आ गया था . उस समय ‘ अन्नू की हो गई वाह भाई वाह', ' लेफ्ट राइट ’, 'जस्सी जैसी कोई नहीं' ये शो बहुत चलते थे .
इस दौरान मुझे कई ऑफर आते थे लेकिन मैं इंडिया में नहीं था तो मैं उन्हें कर नहीं सकता था . लेकिन कोविड के समय कुछ पुराने सीरियल फिर से शुरू किए गए . तब लोगों को वापस से मेरे चेहरे की पहचान हुई . तब सभी मेरे बारे में पूछने लगे कि मैं आजकल कहाँ हूँ . फिर अलग - अलग प्रोडयूसर और ओटीटी से जुड़े लोगों ने मुझसे संपर्क किया .
ऐसे ही मुकेश छाबड़ा जी से मेरी बात हुई . उन्होंने मुझसे कुछ फोटो और जानकारी मांगी और मैंने उन्हें दे दी . फिर 15 मिनट बाद ही उनका कॉल आया और मुझसे पूछने लगे लन्दन जाओगे ? इस तरह मुझे यह फिल्म मिली . करीना कपूर समेत बाकि स्टार के साथ मुझे काम करने का अवसर मिला और साथ ही मेरा बॉलीवुड से मेरा कमबैक हो गया .
सवाल - करीना कपूर के साथ आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा ?
जवाब - मेरा उनके साथ बहुत बढ़िया एक्सपीरियंस रहा . वह व्यवहार में बहुत अच्छी है . वह फ्रेंडली भी है . हम लोग बहुत चीट - चैट करते थें .
सवाल - क्या करीना के साथ आपको पिता का रोल निभाने में कोई परेशानी आई ?
जवाब - नहीं , बिलकुल भी नहीं . जब हम पहले दिन होटल में मिले तो उन्होंने पापा जी बोलते हुए मुझे पुकारा . करीना बहुत ही कूल है . उसी दिन हमारा फोटो शूट भी था और मौसम ख़राब था तो हमने सोचा इसे जल्दी - जल्दी इसे निपटा लेते हैं .
सवाल - हंसल मेहता के साथ आपका एक्सपीरियंस कैसा था ?
जवाब - हंसल टेलेंट से भरे और समझदार व्यक्ति है . साथ ही बहुत कूल भी है . वह एकदम रिलैक्स होकर काम करते हैं . मैं उन्हें काफी पहले से जानता हूँ .
सवाल - आपके आने वाले प्रोजेक्ट क्या - क्या है ?
जवाब - मेरे पास अभी कुछ प्रोजेक्ट है , अभी 2 फ़िल्में आई है . दोनोँ ही फ़िल्में अच्छे बैनर की फ़िल्में है . इसके अलावा मेरे पास एक सीरियल भी है . मेरे खुद के भी प्रोजेक्ट है , इसमें एक फिल्म है और एक सीरीज है . सोनी लिव के शो अदृश्यम का आस्टेलियन वर्जन मैंने किया था . मैं कुछ किताबें भी लिख रहा हूँ .
सवाल - मायापुरी के साथ आपका एक्सपीरियंस कैसा था ? आपका उनके साथ बोंड कैसा है ?
जवाब - बजाज सर बहुत ही क्रिएटिव माइंड हैं . वह दूर की सोचते हैं . मुझे याद है पहले एसी नहीं हुआ करता था . तब वह हमारे टेबल के नीचे कुछ लगा देते थे ताकि गर्मी न बने . क्योंकि मैं भी क्रिएटिव माइंड वाला व्यक्ति हूँ इसलिए उसने कनेकशन फील कर पाया . मैंने जब कभी अमन सर को कोई आइडिया दिया तो उन्होंने कभी मना नहीं किया . हमारी बहुत अच्छी टूयूनिंग है .
सवाल - आप मायापुरी के दर्शकों के बारे में क्या कहना चाहेंगे ?
जवाब - मायापुरी इंडस्ट्री में बिकने वाली सबसे पुरानी मैगज़ीन है . मायापुरी ने कभी व्यापार को अपना मोटिव नहीं बनाया है . इसने बहुत लोगों का करियर भी बनाया है . मायापुरी ने हमेशा लोगों के टेलेंट को बढ़ावा दिया है .
आपको बता दें कि बहु प्रतिभाशाली संजीव मेहरा इन दिनों ‘ द बकिंघम मर्डर्स ’ फिल्म में नज़र आ रहे हैं .
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by- PRIYA RAGHUVANSHI
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