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'Kaalidhar Laapata' पर Abhishek Bachchan ने कहा- ठंड में कांप रहा था, लेकिन उस सीन ने...

युवा, गुरु, पा, मनमर्ज़ियां, बोब बिस्वास जैसी फिल्मों में अपने विविधतापूर्ण किरदारों से दर्शकों का दिल जीत चुके और हाल ही में ‘हाउसफुल 5’ में नज़र आए अभिषेक बच्चन एक बार फिर अपनी नई फिल्म...

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On Kaalidhar Laapata Abhishek Bachchan said I was shivering in the cold but that scene
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युवा, गुरु, पा, मनमर्ज़ियां, बोब बिस्वास जैसी फिल्मों में अपने विविधतापूर्ण किरदारों से दर्शकों का दिल जीत चुके और हाल ही में ‘हाउसफुल 5’ में नज़र आए अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) एक बार फिर अपनी नई फिल्म ‘कालीधर लापता’ (Kaalidhar Laapata) के ज़रिए चर्चा में बने हुए हैं. यह फिल्म 4 जुलाई को ज़ी5 पर रिलीज़ होने जा रही है. इसका निर्देशन तमिल में सराही गई फिल्म ‘KD (Karuppu Durai) की निर्देशिका मधुमिता सुंदररामन (Madhumita Sundararaman) ने किया है. कुछ दिनों पहले अभिषेक और मधुमिता ने मीडिया को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने फिल्म से जुड़ी अपनी सोच, किरदार की गहराई और शूटिंग के अनुभवों को बेबाकी से साझा किया. क्या कुछ कहा उन्होंने आइये जानते हैं...

‘कालीधर’ जैसा रहस्यमयी और भावनात्मक किरदार निभाने से पहले आपने खुद को मानसिक और भावनात्मक रूप से कैसे तैयार किया?

अभिषेक- सच कहूं तो मुझे बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी, क्योंकि मधुमिता ने स्क्रिप्ट बहुत अच्छे से तैयार की थी. मैं समय पर पहुंचता था, अपनी लाइनें याद करता था और बाकी सब कुछ मधुमिता के ऊपर छोड़ देता था. रिहर्सल्स की हेल्प से हम अपने किरदारों में पूरी तरह घुलमिल गए.

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‘कालीधर लापता’ जैसी संवेदनशील कहानी का हिस्सा बनना आपके लिए कितना खास रहा? इस फिल्म में ऐसी कौन-सी बात थी जो सीधे दिल को छू गई?

अभिषेक- कालीधर और बल्लू का रिश्ता सबसे खास लगा. हालांकि उम्र और कद में काफी अंतर है, लेकिन दोनों के बीच बराबरी का रिश्ता है. कालीधर बल्लू को बच्चे की तरह ट्रीट नहीं करता और बल्लू भी उसे बड़े की तरह नहीं देखता. ये दोस्ती जैसा रिश्ता है, जो मुझे बेहद प्यारा लगा.

फिल्म में बाल कलाकार दैविक बाघेला का अभिनय दर्शकों का दिल जीत रहा है. उनके साथ काम करने का अनुभव आपके लिए कितना खास रहा?

अभिषेक- वह बच्चा वाकई कमाल का है! उसकी मासूमियत, उसकी नैचुरल एक्टिंग ने कई बार मुझे भावुक कर दिया. हर सीन में एक सच्चाई, एक गहराई थी. उसके साथ काम करना मेरे लिए एक बेहद खूबसूरत और यादगार अनुभव रहा. 

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कई इमोशनल सीन फिल्म का अहम हिस्सा हैं—ऐसे में कोई एक दृश्य जिसे शूट करते वक्त आप भावनाओं में बह गए हों या जो आपके ज़हन में अब तक बसा हो?

अभिषेक- एक सीन था जिसमें मेरे किरदार को अपने छोटे भाइयों से अपमानित किया जाता है, जिनके लिए वो सब कुछ छोड़ देता है. हम ओरछा (मध्य प्रदेश) में रात 2-3 बजे शूटिंग कर रहे थे, ठंड इतनी थी कि मैं कांप रहा था. उसी हालत में मैंने शॉट दिया और सभी ने कहा “वाह सर, आपने क्या सीन किया है!”

फिल्म में आपके साथ कई उम्दा कलाकार भी हैं. सपोर्टिंग कास्ट के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

अभिषेक- फिल्म को असली बनाने में सपोर्टिंग कास्ट का बड़ा योगदान है. विश्‍वनाथ चटर्जी (Vishwanath Chatterjee) और मोहम्मद जीशान अय्यूब (Mohammed Zeeshan Ayyub) जैसे कलाकारों ने अपने किरदारों में इतनी सच्चाई डाली कि दर्शक खुद को उसी दुनिया में महसूस करते हैं.

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‘कालीधर’ की कहानी सादगी में लिपटी एक गहरी भावनात्मक यात्रा है. आपने इस किरदार को किस सोच और प्रक्रिया से गढ़ा?

मधुमिता- मेरे लिए सबसे ज़रूरी था कि कालीधर का किरदार एकदम सच्चा और ईमानदार लगे. चूंकि फिल्म की कहानी बहुत सरल है, इसलिए इसमें कोई बनावटीपन नहीं होना चाहिए. ये कहानी एक अनोखे रिश्ते पर आधारित है — कालीधर और बल्लू के बीच. इसलिए मैंने कोशिश की कि इसे पूरी तरह नेचुरल रखा जाए.

‘कालीधर लापता’ जैसी भावनात्मक और संवेदनशील फिल्म बनाने का विचार सबसे पहले आपके मन में कैसे आया? क्या इसके पीछे कोई व्यक्तिगत अनुभव या प्रेरणा रही?

मधुमिता- जब हमने इसे हिंदी में बनाने की सोची, तब M.A. प्रोडक्शन के प्रोड्यूसर ने साथ देने की पेशकश की. पहले मैं इसे तमिल में बनाना चाहती थी, लेकिन ‘कुंभ मेला’ जैसे भारतीय कॉन्सेप्ट दक्षिण भारतीय संस्कृति से मेल नहीं खाते. इसलिए हिंदी में बनाना ज्यादा स्वाभाविक लगा. हिंदी मेरी मातृभाषा नहीं है, लेकिन विभूति, अमितोष और पूरी टीम ने मुझे डायलॉग और लोकल टच में मदद की.

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‘हंस के जाने दे’ जैसे इमोशनल गाने को तैयार करते समय आपके मन में क्या भावनाएं चल रही थीं? इसकी धुन और भाव कहां से उपजे?

मधुमिता- पिछले कुछ सालों में मैंने एक बात सीखी है “लेट इट गो”. ये लाइन मेरी 8 साल की भतीजी से आई, जब वो ‘Frozen’ का गाना गा रही थी. यही भावना फिल्म में भी है, जब कालीधर को बल्लू को अलविदा कहना पड़ता है. ये एक निस्वार्थ प्रेम है.

आपको बता दें कि अभिषेक बच्चन द्वारा अभिनीत ‘कालीधर लापता’ की कहानी एक ऐसे रहस्यमय शख्स कालीधर की है, जो अचानक लापता हो जाता है. फिल्म में 8 वर्षीय बाल कलाकार दैविक बाघेला भी अहम किरदार निभा रहे हैं. 

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