World Laughter Day: Asrani ने कॉमेडी ऐक्टर के तौर पर बनाई खास पहचान असरानी बॉलीवुड के एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अपनी कॉमेडी से लगभग पांच दशकों से लोगों को अपना दीवाना बनाया हुआ है. असरानी अपने हास्ट अभिनय के लिए तो पहचाने जाते ही थे, साथ ही उन्होंने कई फिल्मों में गंभीर और नेगेटिव रोल भी किए हैं... By Mayapuri Desk 05 May 2024 in एंटरटेनमेंट New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर असरानी बॉलीवुड के एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अपनी कॉमेडी से लगभग पांच दशकों से लोगों को अपना दीवाना बनाया हुआ है. असरानी अपने अभिनय के लिए तो पहचाने जाते ही थे, साथ ही उन्होंने कई फिल्मों में गंभीर और नेगेटिव रोल भी किए हैं. 01 जनवरी 1941 को जयपुर में जन्में गोवर्धन असरानी बचपन के दिनों से हीं अभिनेता बनने का सपना देखा करते है. तो आइए हम आपको बताते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से... - साल 1963 में अभिनेता बनने का सपना लिए असरानी मुंबई आ गये जहां उनकी मुलाकात किशोर साहू और ऋषिकेश मुखर्जी जैसे फिल्मकारों से हुई जिनके कहने पर असरानी ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे में दाखिला ले लिया. साल 1966 में पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से अभिनय की पढ़ाई पूरी करने के बाद असरानी मुंबई आ गये. - असरानी ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत साल 1967 में आई फिल्म 'हरे कांच की चूडिय़ां' से की. इन सबके बीच असरानी ने कुछ गुजराती फिल्मों में भी काम किया. 1971 में प्रदर्शित फिल्म 'मेरे अपने' के जरिए असरानी कुछ हद तक नोटिस किए गए. - 1973 में आई फिल्म 'अभिमान' के जरिए असरानी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये. ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म 'अभिमान' में असरानी ने अमिताभ बच्चन के दोस्त की भूमिका निभाई थी. इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये असरानी सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिये नॉमिनेट किये गए. - 1975 में प्रदर्शित फिल्म 'शोले' असरानी के सिने करियर के लिये मील का पत्थर साबित हुई. रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म शोले में असरानी ने एक जेलर की भूमिका निभायी थी.इस फिल्म में असरानी का बोला गया यह संवाद..हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं..आज भी लोग नहीं भूल पाए है. - 1977 में फिल्म 'चला मुरारी हीरो बनने' के जरिये असरानी ने फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया. इस फिल्म में असरानी ने मुख्य अभिनेता की भूमिका निभायी थी. इस फिल्म में असरानी के अपोजिट बिंदिया गोस्वामी थी. कॉमेडी से भरपूर इस फिल्म को दर्शकों ने बेहद पसंद किया था. - 'चला मुरारी हीरो बनने' की सक्सेस के बाद असरानी ने 'सलाम मेम साब', 'हम नहीं सुधरगें', 'दिल ही तो है' और 'उड़ान' जैसी फिल्मों का निर्देशन किया. असरानी को अपने सिने करियर में दो बार सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. - असरानी ने अपने दौर के सभी दिग्गज कलकारों के साथ काम किया. असरानी ने सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ 25 फिल्मों में काम किया. बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ भी असरानी ने कई फिल्मों में काम किया. - असरानी ने अपने सिने करियर में लगभग 400 फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया है. असरानी आज भी उसी जोशो खरोश के साथ फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय है. Read More: संजय लीला भंसाली को पाक से मिलता हैं काफी प्यार, कहा-'हम सब एक हैं' ED ने Elvish Yadav के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस किया दर्ज 1962 के रेजांग ला युद्ध पर आधारित होगी Farhan Akhtar की अपकमिंग फिल्म? Gurucharan Singh Missing Case: TMKOC के कलाकारों से पुलिस करेगी पूछताछ हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article