ज़ी थिएटर के शानदार निर्देशक अतुल कुमार कृत 'पिया बहरूपिया' नामक इस अद्भुत ड्रामा के बारे में दर्शक खूब चर्चा कर रहे हैं. यह शेक्सपियर के 'ट्वेल्थ नाइट' के देसी संस्करण की तरह है, बिल्कुल नौटंकी शैली में. दर्शक इसे डिश टीवी, रंगमंच एक्टिव, एयरटेल स्पॉटलाइट और डी2एच पर देख कर अभिभूत हैं.
यह #ZeeTheatre टेलीप्ले वाली आइटम है.
तो, अतुल कुमार और उनके टीम ने शेक्सपियर की क्लासिक कॉमेडी को भारतीय ट्विस्ट के साथ एक संगीतमय नौटंकी में बदल दिया. द ग्लोब थिएटर में भी यह नाटक एक बड़ा हिट रहा है, और लोगों को इसका फ्यूजन संगीत, कोरियोग्राफी और बेहतरीन रंगारंग प्रदर्शन बहुत पसंद आया, जिसे अब ज़ी थिएटर के सौजन्य से छोटे पर्दे पर भी देखा जा रहा है.
यह अब टीवी पर है, थैंक्स टू ज़ी थिएटर.कहानी ड्यूक ओरसिनो, ओलिविया और सेसरियो के प्रेम नाटक के बारे में है, जो वास्तविक भेष में वियोला है. उक्त सिचुएशनल कॉमेडी ड्यूक ओर्सिनो, ओलिविया और सेसरियो की कई प्रेम कहानियों के इर्द-गिर्द घूमती है. गीतांजलि कुलकर्णी सिजेरियो के रूप में नज़र आएँगी, जो असल में वियोला है.स्वप्ना वाघमारे जोशी द्वारा फिल्माए गए टेलीप्ले में गीतांजलि कुलकर्णी के साथ अमितोष नागपाल, सागर देशमुख, मानसी मुल्तानी, मंत्रा मुग्ध, गगन रियार, नेहा सराफ, तृप्ति खामकर और सौरभ नायर भी हैं.
अब, समझिए कि रंगमंचीय यह नाटक जीवंत कैसे हुआ. द ग्लोब थिएटर में पहले शो से लगभग दो हफ्ते पहले, अतुल कुमार ने अपने दोस्त रजत कपूर से 'ट्वेल्थ नाइट' का हिंदी में अनुवाद करने के लिए कहा. सब कुछ तब तक अच्छा था जब तक अमितोष नागपाल ने एक मज़ेदार गीत नहीं लिख डाला जो उसमें बिल्कुल अलग तरीके का लग रहा था. यह देखकर अमितोष ने नाटक का रूप बदलने का सुझाव दिया, और वोइला! 'पिया बहरूपिया' का जन्म हुआ.
अतुल ने रजत को कड़ी चुनौती दी, जिसे रजत ने अच्छी तरह स्वीकार कर लिया. अमितोष ने अपना जादू चलाया और 'ट्वेल्थ नाइट' को एक प्रफुल्लित करने वाले नौटंकी नाटक में बदल दिया. लोगों को यह नाटक बहुत पसंद है क्योंकि इसमें कबीर, शेक्सपियर और स्थानीय भावनाओं का बहुत अच्छा मिश्रण है. इसके अभिनेता टीम और संगीतकार, अन्य कामों में व्यस्त होने के बावजूद, नाटक से जुड़े रहे और इसे अद्भुत बनाया.
अतुल और अमितोष का कहना है कि यह नाटक प्यार और आनंद के बारे में है. वे इसे हल्का और मज़ेदार रखना चाहते थे. यह नाटक 11 वर्षों में धीरे धीरे विकसित हुआ, जिसमें कलाकार सहज हो गए और अपना यूनिक स्पर्श जोड़ते गए. आमोद भट्ट, राहुल शर्मा और जान्हवी मराठे के संगीत ने एक अच्छा स्वाद जोड़ा, खासकर उन मालवी कबीर गीतों के साथ.
रंग मंच से विदाई के लिए कई शहरों का दौरा करने के बाद 'पिया बहरूपिया' का आखिरी शो 30 जुलाई को हुआ था. यह दुखद है, लेकिन अतुल कहते हैं कि अब रंग मंच से आगे बढ़ने का समय आ गया है. शायद किसी दिन नए कलाकारों के साथ एक नया संस्करण आएगा. और यही इस सुपर शानदार नाटक का स्कूप है.
जनवरी को ज़ी थिएटर टेलीप्ले शेक्सपियर की कॉमेडी 'ट्वेल्थ नाइट' की ड्रामा नौटंकी शैली में रूपांतरण हुआ जिसे एयरटेल स्पॉटलाइट, डिश टीवी रंगमंच एक्टिव और डी2एच रंगमंच एक्टिव में प्रसारित किया गया.
Tags : piya-behrupiya | zee-theaters-musical-piya-behrupiya-fame | Atul Kumar | musical masterpiece Piya Behrupiya
READ MORE:
इन 5 करणों की वजह से जरुर देखे Hustlers Jugaad ka Khel
दिल्ली में IFS अधिकारियों के लिए रखी गई Fighter की स्पेशल स्क्रीनिंग
फ़रवरी में आखिर क्यों रिलीज़ होती हैं भूमि पेडनेकर की फिल्म
राम मंदिर के उद्घाटन में जैकी श्रॉफ के विनम्र भाव ने चुराया दिल