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7 जुलाई 1896 को भारत में पहली बार फिल्म की स्क्रीनिंग हुई थी

ऑगस्टे और लुइस लुनियर बंधुओं द्वारा पेरिस में अपनी फिल्म "द अराइवल ऑफ द ट्रेन" से कई देशों में उत्सुकता पैदा करने के बाद, भारत की पहली एंट्री फोर्ट भगवंत साउथ मुंबई के एस्प्लेनेड मेंशन...

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ऑगस्टे और लुइस लुनियर बंधुओं द्वारा पेरिस में अपनी फिल्म "द अराइवल ऑफ द ट्रेन" से कई देशों में उत्सुकता पैदा करने के बाद, भारत की पहली एंट्री फोर्ट भगवंत साउथ मुंबई के एस्प्लेनेड मेंशन या बिल्डिंग की पहली मंजिल पर स्थित वॉटसन होटल में हुई।

लुनियर बंधु फ्रांसीसी निर्माता थे। लुनियर बंदुनी या कार्यक्रमों के लिए टिकट की कीमत प्रति व्यक्ति 1 रुपये थी।

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टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस घटना को "सदी का चमत्कार" बताया।

यह दिवासी द सी बाथ, अराइवल ऑफ ए ट्रेन, ए डिमोलिशन, लेडीज एंड सोल्जर्स ऑन व्हील्स और लीविंग द फैक्ट्री जैसी 6 फिल्में देखने आए थे। इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली और बाद में यह फिल्म कलकत्ता और चेन्नई में दिखाई गई।

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दूसरा शो 14 जुलाई 1896 को एक नए स्थान, नोवेल्टी थिएटर, मुंबई (जिसे बाद में एक्सेलसियर कहा गया) में हुआ और तीसरा शो 15 अगस्त 1896 को रोज़ी झाला में हुआ।

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-Moumita Das

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