Heartfelt Tribute: मैं मरने के बाद भी आपका चेहरा याद रखना चाहता हूँ... "आपका चेहरा याद रखना चाहता हूं ताकि जब मैं आपसे स्वर्ग में मिलूं, तो मैं आपको पहचान सकूं और एक बार फिर आपका धन्यवाद कर सकूं" यह वाक्य रतन टाटा के जीवन का वह क्षण था... By Mayapuri Desk 10 Oct 2024 in एंटरटेनमेंट New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर "आपका चेहरा याद रखना चाहता हूं ताकि जब मैं आपसे स्वर्ग में मिलूं, तो मैं आपको पहचान सकूं और एक बार फिर आपका धन्यवाद कर सकूं" यह वाक्य रतन टाटा के जीवन का वह क्षण था, जिसने उन्हें सच्चे सुख का अर्थ समझाया. जब एक टेलीफोन साक्षात्कार में भारतीय अरबपति श्री रतन टाटा से रेडियो प्रस्तोता ने पूछा, "सर, आपको जीवन में सबसे अधिक खुशी कब मिली?" तब उन्होंने एक मार्मिक जवाब दिया. जीवन के चार चरणों में खुशी की तलाश रतन टाटा ने कहा, "मैंने जीवन में चार चरणों से गुजरा और अंततः मुझे सच्चे सुख का अर्थ समझ में आया." पहला चरण धन और साधन संचय करने का था. इस दौरान, मुझे वह खुशी नहीं मिली, जिसकी मुझे उम्मीद थी. फिर दूसरा चरण आया, जब मैंने कीमती सामान और वस्त्रों को इकट्ठा करना शुरू किया. लेकिन मुझे जल्द ही यह एहसास हुआ कि इस सुख का प्रभाव भी अस्थायी है, क्योंकि इन वस्तुओं की चमक ज्यादा देर तक नहीं रहती. तीसरा चरण तब आया जब मैंने बड़े-बड़े प्रोजेक्ट हासिल किए. उस समय मेरे पास भारत और अफ्रीका में डीजल की आपूर्ति का 95% हिस्सा था, और मैं भारत और एशिया में सबसे बड़े इस्पात कारखाने का मालिक था. फिर भी, मुझे वह खुशी नहीं मिली, जिसकी मैंने कल्पना की थी. चौथा और निर्णायक चरण फिर चौथा चरण आया, जिसने मेरे जीवन की दिशा बदल दी. मेरे एक मित्र ने मुझे विकलांग बच्चों के लिए व्हीलचेयर खरीदने के लिए कहा. करीब 200 बच्चे थे. मैंने अपने दोस्त के अनुरोध पर तुरन्त व्हीलचेयर खरीदीं. लेकिन मेरे मित्र ने आग्रह किया कि मैं उनके साथ जाकर खुद उन बच्चों को व्हीलचेयर भेंट करूं. मैंने बच्चों को अपनी हाथों से व्हीलचेयर दीं और उनकी आंखों में जो खुशी की चमक देखी, वह मेरे जीवन में एक नया एहसास लेकर आई. उन बच्चों को व्हीलचेयर पर घूमते और मस्ती करते देखना ऐसा था, मानो वे किसी पिकनिक स्पॉट पर हों और किसी बड़े उपहार का आनंद ले रहे हों. जीवन बदल देने वाला पल जब मैं वापस जाने की तैयारी कर रहा था, तभी एक बच्चे ने मेरी टांग पकड़ ली. मैंने धीरे से पैर छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन उसने और जोर से पकड़ लिया. तब मैं झुककर उससे पूछा, "क्या तुम्हें कुछ और चाहिए?" उस बच्चे का जवाब जीवन बदलने वाला था. उसने कहा नही, "बस मैं आपका चेहरा याद रखना चाहता हूं ताकि जब मैं आपसे स्वर्ग में मिलूं, तो मैं आपको पहचान सकूं और एक बार फिर आपका धन्यवाद कर सकूं." सच्चे सुख का अर्थ View this post on Instagram A post shared by Mayapuri Magazine | Est. 1974 🎥 (@mayapurimagazine) इस एक वाक्य ने न केवल रतन टाटा को झकझोर दिया, बल्कि उनके जीवन के प्रति दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदल दिया. यह अनुभव उन्हें समझा गया कि सच्ची खुशी दूसरों की सेवा में है, न कि भौतिक संपत्तियों में. अगर हम जीवन में ये सोचकर काम करें कि जब हम इस संसार को छोड़ेंगे, तो हमें किस लिए याद किया जाएगा, क्या हमारा जीवन किसी के लिए इतना महत्वपूर्ण होगा कि वह हमें फिर से देखना चाहे? तो हम सभी के जीवन जीने का तरीक़ा बदल जाएगा. ज़रूरी नहीं कि हम सभी रतन टाटा बन जाएँगे लेकिन जब इस दुनिया को टाटा करेंगे तो आपके आसपास की दुनिया को लगेगा कि एक रत्न चला गया. टाटा…भारत के रतन, फिर देश को बेहतर बनाने के लिए आना Read More: दादा साहब फाल्के अवार्ड के लिए धर्मेंद्र ने मिथुन चक्रवर्ती को दी बधाई दिलजीत ने जर्मनी में कॉन्सर्ट रोककर मंच पर रतन टाटा को दी श्रद्धांजलि प्रेग्नेंसी में Deepika Padukone को होती थी नींद की समस्या Ratan Tata के निधन पर बॉलीवुड के इन स्टार्स ने दी श्रद्धांजलि हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article