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एक समय था जब हिंदी फिल्मों में विभिन्न त्योहारों की खुशी और उल्लास को दर्शाने वाले गाने होते थे, जैसे रक्षाबंधन, होली, गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी, ईद और दीवाली। इन गानों का उद्देश्य केवल उत्सव के माहौल को फिल्म की कहानी में शामिल करना नहीं था बल्कि उन त्योहारों के पीछे छुपी भावनाओं को भी दिखाना था।
अगर हम पुराने समय की बात करें, तो ऐसे गानों की भरमार थी जो हमारे भारतीय त्योहारों को सुख और दुख में हमारे दिल को बहलाते थे, लेकिन समय के साथ कई त्योहारों के गाने धीरे-धीरे फिल्मी पटकथाओं से कम होते जा रहे हैं। आजकल सिर्फ होली और गणेश चतुर्थी के गाने कभी-कभार फिल्मों में नजर आते हैं, जबकि दीवाली के गाने अब कम ही देखने को मिलते हैं। करण जौहर यशराज फिल्म्स, संजय लीला भंसाली जैसे फिल्ममेकर की मेहरबानी से थोड़ी बहुत दिवाली गीतों का चलन बरकरार है। (Diwali songs in Hindi films)
हिंदी सिनेमा में दीवाली गानों का इतिहास: पुराने दौर से नए दौर तक
यह लेख आपको कुछ प्रसिद्ध नई पुरानी दीवाली गानों की याद दिलाने का एक प्रयास है, जो हिंदी सिनेमा के पुराने दौर और नए दौर में शामिल शामिल हुए थे। इन गीतों में सोलो गाने, डुएट गाने,नृत्य गाने, दुखी गाने, रोमांटिक गाने, मजेदार गाने और यहां तक कि देशभक्ति वाले गाने भी शामिल हैं। (Classic and modern Bollywood Diwali songs)
फिल्म जुगनू (1973)
गाना: ‘छोटे छोटे नन्हे मुन्ने प्यारे प्यारे रे…’
गायक: किशोर कुमार
यह गाना फिल्म "जुगनू" में है, जो धर्मेन्द्र पर फिल्माया गया था। गाने में वह अनाथालय में बच्चों के साथ दीवाली मनाते हुए नजर आते हैं। फिल्म में धर्मेन्द्र का किरदार एक दोहरी पहचान वाला था, जिसमें वह एक चोर होने के साथ-साथ एक सम्मानित इंसान भी थे जो अपनी मां की याद में एक अनाथालय चलाते थे।
शिर्डी के साईं बाबा (1977)
गाना:‘दीपावली मनाई सुहानी दीपावली…’
गायिका:आशा भोसले
यह गाना फिल्म "शिर्डी के साईं बाबा" में है, जिसमें साईं बाबा और एक छोटी लड़की की कहानी को दिखाया गया है। वह दीवाली पर दीप जलाने के लिए तेल नहीं पाती, लेकिन साईं बाबा उसकी आंखों के आंसू से दीप जलाते हैं। यह गाना बहुत ही दिल को छू लेने वाला है। (History of festival songs in Hindi cinema)
खजांची (1941)
गाना:‘दीवाली फिर आ गई सजनि…’
गायक: शमशाद बेगम
यह गाना फिल्म "खजांची" से है, जो 1941 की एक बहुत बड़ी हिट थी। इस गाने में एक लड़की दीवाली के मौके पर अपने दोस्तों के साथ खुशियां मनाती है। गाने की म्यूजिक में पंजाबी ढोलक का प्रयोग पहली बार किया गया था।
नज़राना (1961)
गाना ‘मेले हैं चिरागों के रंगीन दीवाली है…’
गायक: लता मंगेशकर
गाना 2: ‘एक वह भी दीवाली थी, एक यह भी दीवाली है…’
गायक:मुकेश
यह फिल्म एक रोमांटिक ड्रामा थी जिसमें दो दीवाली गाने थे, जो प्रेम और त्रासदी के बीच के भावों को दर्शाते थे।
फिल्म अब दिल्ली दूर नहीं (1957)
गाना: ‘यह चमन हमारा अपना है, इस देश पे अपना राज है…’
गायक:आशा भोसले
यह गाना उस समय के एक लोकप्रिय टेलीविज़न शो "चित्रहार" में अक्सर दिखाया जाता था। फिल्म में दीवाली का गाना उस समय की सामाजिक समस्याओं को दर्शाता है।
लीडर (1964)
गाना: ‘दीवाली आई रे आई, घर-घर दीप जले…’
गायिका: आशा भोसले
यह गाना फिल्म "लीडर" का है, जो एक नृत्य गाना था जिसमें नायक-नायिका के साथ कई डांसर शामिल थे। फिल्म के संगीतकार थे नौशाद और गाना काफी हिट हुआ था। (Solo, duet, and dance Diwali songs)
पगड़ी (1948)
गाना: ‘आई दीवाली दीप दीप जला जा…’
गायिका शमशाद बेगम, गीता दत्त
यह फिल्म एक कॉमेडी थी जिसमें एक गरीब आदमी और एक अमीर आदमी के बीच मजेदार हालात को दिखाया गया था। इस गाने में सभी लोग दीवाली की खुशी में एक साथ नाचते और गाते हैं।
दिल दौलत दुनिया (1972)
गाना: ‘दीप जले देखो…’
गायिका: आशा भोसले, उषा मंगेशकर
यह गाना फिल्म "दिल दौलत दुनिया" का है, जो एक हिट रीमेक थी। इसमें दीवाली के मौके पर एक खूबसूरत गाना प्रस्तुत किया गया है, जिसमें सधना, हेलेन और बेला बोस के डांस मूव्स को भी दिखाया गया है।
आम्मदनी अठनी खर्चा रुपैया (2001)
गाना: ‘आई है दीवाली सुनो जी घरवाली…’
गायक:उदित नारायण, कुमार सानू, अलका याग्निक, स्नेहा पंत (Solo, duet, and dance Diwali songs)
यह एक हल्की-फुल्की फिल्म थी जिसमें तीन पति-पत्नी की कहानी थी, जो अपने जीवन को संभालने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस गाने के जरिए फिल्म में एक खुशहाल दीवाली का दृश्य दिखाया गया है।
दुखभरे दिवाली के गाने
दीवाली का त्योहार खुशियों और रोशनी का प्रतीक है, लेकिन कभी-कभी यह गाने दुख और पुरानी यादों को भी ताजा करते हैं। ऐसे गाने हमें यह याद दिलाते हैं कि यह उत्सव हर किसी के लिए खुशी का कारण नहीं होता।
रतन (1944)
गाना: ‘आई दीवाली, आई दीवाली दीपक संग नाचे पतंगा…’
गायक: ज़ोहराबाई अंबालेवाली
इस गाने में नायिका अपने पुराने प्यार की यादों में खो जाती है, और यह दीवाली उसे अकेलापन और विषाद का एहसास कराती है। (Celebration of festivals in Bollywood movies)
हरीयाली और रास्ता (1962)
गाना: ‘लाखों तारे आसमान में एक मगर ढूंढे न मिला…’
गायक: मुकेश, लता मंगेशकर
यह गाना दुख और अकेलेपन को दर्शाता है, जहां दीवाली के दिन एक प्रेमी अपने खोए हुए प्यार को याद करता है।
फिल्म किस्मत (1943)
गाना:‘घर-घर में दीवाली है मेरे घर में अंधेरा…’
गायिका अमीरबाई कर्नाटकी
इस गाने में नायिका अपनी पुरानी खुशियों को याद करती है और दीवाली के मौके पर अपने जीवन के अंधेरे को महसूस करती है।
फिल्म ताज (1956)
गाना:‘जहां में आई दीवाली, बड़े चिराग जले…’
गायिका लता मंगेशकर
यह गाना एक दुखद प्रेम कहानी को दर्शाता है, जहां नायिका अपने प्यार को खो देती है और दीवाली के दिन उसकी जिंदगी अंधेरे से भर जाती है।
दिवाली से जुड़े कुछ लोकप्रिय आधुनिक बॉलीवुड गाने भी हैं जैसे फिल्म 'होम डिलीवरी' से "हैप्पी दिवाली", 'कभी खुशी कभी गम' से "बोले चूड़ियां", और फिल्म 'दिल धड़कने दो' से "गल्लां गुडियां"। दीवाली पार्टियों के दौरान आमतौर पर बजाए जाने वाले अन्य गाने फिल्म खूबसूरत से "अभी तो पार्टी शुरू हुई है" और 'ये जवानी है दीवानी' से "बदतमीज़ दिल" हैं।
होम डिलीवरी से
"आयी है दिवाली": आमदनी अट्ठन्नी खर्चा रुपैया से
"दीप दिवाली के झूठे"
फ़िल्म: दिल धड़कने दो
गायक: सुखविंदर सिंह, यशिता शर्मा, मनीष टीपू, फरहान अख्तर, शंकर महादेवन
इस प्रकार, दीवाली के गाने हिंदी सिनेमा का एक अहम हिस्सा रहे हैं, जो खुशी, उल्लास, और कभी-कभी न दुख और वेदना को भी दर्शाते हैं।