Advertisment

भारतीय उद्योग और मानवता के प्रति Ratan Tata ने समर्पित किया अपना जीवन

रतन टाटा वो नाम हैं, जिनके प्रति हर किसी के मन में प्रेम और सम्मान बसता है. किसी उद्योगपति के लिए ऐसी लोकप्रियता कम ही देखने को मिलती है. उन्होंने अपने व्यवहार...

New Update
भारतीय उद्योग और मानवता के प्रति Ratan Tata ने समर्पित किया अपना जीवन
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

रतन टाटा वो नाम हैं, जिनके प्रति हर किसी के मन में प्रेम और सम्मान बसता है. किसी उद्योगपति के लिए ऐसी लोकप्रियता कम ही देखने को मिलती है. उन्होंने अपने व्यवहार,  विनम्रता,  सादगी और सोच से लोगों के दिलों में अपनी एक खास जगह बनाई हैं.  

9 अक्टूबर 2024 की रात, रतन टाटा का निधन हो गया. लेकिन उनका व्यक्तित्व, उनके विचार और उनके कार्य हमेशा हमारे साथ रहेंगे. उन्होंने न केवल भारतीय उद्योग को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाई. उनकी परोपकारी गतिविधियों के कारण ही लाखों लोगों के जीवन में बदलाव आया.

क

ज

ल

ब्रिटिश भारत में जन्मे टाटा 

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को बम्बई, ब्रिटिश भारत वर्तमान मुंबई में हुआ था. वे नवल टाटा और सूनी कमिसारिएट के पुत्र थे. जब रतन टाटा 10 वर्ष के थे, तब उनके माता-पिता अलग हो गए. इसके बाद उन्हें उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने जे. एन. पेटिट पारसी अनाथालय से गोद लिया और उनका पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा के साथ किया.

ल

L

L

शिक्षा

रतन टाटा ने कैंपियन स्कूल, कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, और बिशप कॉटन स्कूल से  शिक्षा प्राप्त की. वे कॉर्नेल विश्वविद्यालय और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र भी रहे हैं. उनके सहपाठियों में प्रसिद्ध लोग जैसे ज़ुबिन मेहता, अशोक बिरला, राहुल बजाज और यूसुफ हैमीद शामिल थे. जब जेआरडी टाटा ने 1991 में टाटा संस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, तो उन्होंने रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया. 

L

L

L

उद्योग में उपलब्धियाँ

रतन टाटा ने अपने 21 वर्षों के कार्यकाल के दौरान टाटा समूह का राजस्व 40 गुना और लाभ 50 गुना से अधिक बढ़ा दिया. उन्होंने टाटा टी को टेटली, टाटा मोटर्स को जगुआर लैंड रोवर, और टाटा स्टील को कोरस का अधिग्रहण करने में मदद की, जिससे यह संगठन मुख्यतः भारत-केंद्रित समूह से वैश्विक व्यवसाय में बदल गया. इसके अलावा, उन्होंने टाटा नैनो कार की भी लॉन्च की,  जो औसत भारतीय के बजट पहुंच में थी. लॉन्च के समय इसकी कीमत केवल 1 लाख रुपये थी. 75 वर्ष की आयु में, रतन टाटा ने 28 दिसंबर 2012 को टाटा संस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया . लेकिन 2016 में रतन टाटा को समूह का अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया.

L

L

L

परोपकारिता और सामाजिक योगदान

रतन टाटा ने शिक्षा, चिकित्सा और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण पहल की. उन्होंने 'न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय' को बेहतर जल उपलब्ध कराने के लिए सहयोग दिया और टाटा शिक्षा एवं विकास ट्रस्ट के माध्यम से कॉर्नेल विश्वविद्यालय के लिए छात्रवृत्ति कोष प्रदान किया. इसके अलावा उन्होंने कई मिलियन डॉलर का दान भी किया है, जिसमें हार्वर्ड बिजनेस स्कूल को 50 मिलियन डॉलर,कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय को शोध हेतु 35 मिलियन डॉलर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे को 950 मिलियन डॉलर का ऋण शामिल है. 

J

K

L

नहीं की शादी

रतन टाटा ने 2011 में अपने एक इंटरव्यू में कहा था, "मैं चार बार शादी करने के करीब पहुंचा, लेकिन हर बार डर के कारण या किसी न किसी कारण से मैं पीछे हट गया." लॉस एंजेलेस में काम करते समय उन्हें एक लड़की से प्यार हुआ, लेकिन परिवार के कारण उन्हें भारत लौटना पड़ा. इसके अलावा उनका नाम कई बार कर्ज़ फिल्म की अभिनेत्री सिम्मी गरेवाल के साथ भी जोड़ा गया था. लेकिन टाटा ने उनसे भी शादी नहीं की. वे अपने जीवनभर अविवाहित ही रहे.

L

K

L

पुरस्कार और सम्मान

2000-  भारत का  तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण
2001- ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
2004- एशियाई प्रौद्योगिकी संस्थान से डॉक्टर ऑफ टेक्नोलॉजी
2005- बीनाई बीरिथ इंटरनेशनल से अंतर्राष्ट्रीय विशिष्ट उपलब्धि पुरस्कार
2006- आईआईटी मद्रास से डॉक्टर ऑफ साइंस
2007- लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मानद फैलोशिप
2008 - भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण
2008- कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ लॉ, आईआईटी बॉम्बे से डॉक्टर ऑफ साइंस, और सिंगापुर सरकार से नागरिक पुरस्कार
2009- महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से नाइट कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर
2010: येल विश्वविद्यालय से लीजेंड इन लीडरशिप अवार्ड
2012- न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ बिजनेस और जापान सरकार से ग्रैंड कॉर्डन ऑफ द ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन
2013- अर्न्स्ट एंड यंग से एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर
2016:-फ्रांस सरकार से लीजन ऑफ ऑनर के कमांडर का सम्मान
2021- असम सरकार से असम वैभव
2023- किंग चार्ल्स तृतीय से ऑनररी ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया

K

ग

डॉग्स को लेकर था अनोखा प्रेम 

2018 में जब  प्रिंस चार्ल्स ने रतन टाटा को उनके परोपकार के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देने का फैसला किया था, तब अपने पालतू कुत्ते की खराब तबीयत के कारण वह यह अवॉर्ड लेने नहीं गए. रतन टाटा ने आवारा जानवरों के प्रति अपनी संवेदनशीलता भी दिखाई. उन्होंने एक बार सियोन अस्पताल के पास एक घायल कुत्ते की जानकारी साझा की और मदद की पेशकश की. मानसून के दौरान आवारा जानवरों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने जागरूकता फैलाने का प्रयास भी किया. उनकी दयालुता का एक और उदाहरण तब देखने को मिला जब उन्होंने एक कर्मचारी की तस्वीर साझा की, जिसमें वह एक आवारा कुत्ते को बारिश से बचाने के लिए छाता पकड़े खड़े थे. इसके अलावा मुंबई के महालक्ष्मी में टाटा ट्रस्ट द्वारा की और से स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल खोला जो उनकी करुणा का प्रतीक है.

K

K

गोवा से था विशेष स्नेह

रतन टाटा का अपने कुत्ते गोवा के प्रति विशेष स्नेह के लिए जाने जाते थे. गोवा को उन्होंने सालों पहले गोवा राज्य में पाया था, और वह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया. गोवा उनके साथ मुंबई स्थित बॉम्बे हाउस में रहता था. 

K

M

प्रेरणा और करुणा की मिसाल

रतन टाटा के निधन ने भारतीय उद्योग जगत को गहरा दुख पहुँचाया है. उनका जीवन कार्यों और विचारों से भरा था, जिसने युवा पीढ़ी को प्रेरित किया. उनकी खामोश परोपकारिता ने समाज में कबी न खत्म होने वाली एक छाप छोड़ी है. उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि 'असली सफलता केवल आर्थिक उपलब्धियों में नहीं, बल्कि समाज की भलाई में है'. उनका योगदान और उनके आदर्श हमेशा याद रखे जाएंगे, और उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी.

By PRIYANKA YADAV

ReadMore:

दादा साहब फाल्के अवार्ड के लिए धर्मेंद्र ने मिथुन चक्रवर्ती को दी बधाई

दिलजीत ने जर्मनी में कॉन्सर्ट रोककर मंच पर रतन टाटा को दी श्रद्धांजलि

प्रेग्नेंसी में Deepika Padukone को होती थी नींद की समस्या

Ratan Tata के निधन पर बॉलीवुड के इन स्टार्स ने दी श्रद्धांजलि

Advertisment
Latest Stories